×

सत्ता और विपक्ष में विभेद नहीं होता है: हृदय नारायण दीक्षित

विधानसभा अध्यक्ष हदय नारायण दीक्षित ने कहा कि वित्तीय अनुशासन समितियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं। उन्होंने समिति के कार्यों में और गति लाने के लिए आह्वान किया।

Dharmendra kumar
Published on: 27 Jan 2020 3:33 PM GMT
सत्ता और विपक्ष में विभेद नहीं होता है: हृदय नारायण दीक्षित
X

लखनऊ: विधानसभा अध्यक्ष हदय नारायण दीक्षित ने कहा कि वित्तीय अनुशासन समितियां बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं। उन्होंने समिति के कार्यों में और गति लाने के लिए आह्वान किया। दीक्षित ने आज विधान भवन के सभा कक्ष में सार्वजनिक उपक्रम समिति की नवगठित समिति की प्रथम बैठक का उद्घाटन अवसर पर कही।

बैठक को सम्बोधित करते हुए दीक्षित ने कहा कि विधान सभा की समितियां सदन का लघु स्वरूप होती है। जिस प्रकार सदन चलता है, उसी प्रकार समितियां भी अपना कार्य संचालन करती है। विधान सभा के विशेषाधिकार एवं उन्मुक्तियां इन समितियों में भी लागू होती है। समिति के सदस्यों को विशेषाधिकार प्राप्त होता है, जो सदन के चलते प्राप्त होती है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सभा और समितियां वैदिक काल से ही प्रशासन का महत्वपूर्ण अंग रही है। बिट्रिश संसदीय प्रणाली के प्रादुर्भाव के बहुत पहले भारत में समिति और समितियों के माध्यम से शासन प्रशासन का कार्य चलता रहा है।

यह भी पढ़ें..मोदी सरकार लेने जा रही ये बड़ा फैसला! चीन समेत इन चार देशों को लगेगा तगड़ा झटका

दीक्षित ने कहा कि विधानसभा में सत्ता पक्ष एक तरफ होता है और विपक्ष दूसरी तरफ होता है, बीच में अध्यक्ष होता है। यहां पर सत्ता और विपक्ष में विभेद नहीं होता है। सभी मिलकर एक पक्ष होते है। सभी सदस्य शासन के अधिकारियों के साथ तर्क प्रतितर्क के माध्यम से प्रस्तुत विषय की गम्भीरता पर विचार करते है। समितियों के सभी सदस्य मर्यादा में अपनी बात कहकर सरकारी तंत्र को जवाबदेह बना सकते हैं।

यह भी पढ़ें...अभी-अभी भयानक प्लेन क्रैश, 110 यात्रियों को लेकर आ रहा था दिल्ली, कई की मौत

सार्वजनिक उपक्रम समिति के सभापति ने अवगत कराया की वर्ष 2017-18 का गठन होने के पश्चात् कुल 21 प्रत्यावेदन सदन में प्रस्तुत किये जा चुके है। समिति की कुल 99 बैठकें आयोजित की गयी हैं जिनमें 41 निगमों, परिषदों के आडिट प्रस्तरों पर विचार-विमर्श हुआ है।

यह भी पढ़ें...PFI पर बड़ा खुलासा: प्रदर्शन के लिए 134 करोड़, कपिल सिब्बल हुए बेनकाब

अध्यक्ष के मार्गदर्शन में समिति के सभी सदस्य अपने दायित्वों के प्रति सजग रहते हुए वित्तीय निगमों के लेखा परीक्षण का सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए वित्तीय अधिकारियों को दायित्व बोध कराने का निश्चित प्रयास करें। समिति के उद्घाटन अवसर पर उत्तर प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव, प्रदीप कुमार दुबे समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story