गर्मी से तड़प कर भटक रहे थे बेजुबान, जब मसीहा बनकर बुझायी इस शख्स ने इनकी प्यास

अमेठी के बाजार शुकुल थाना क्षेत्र के निवासी समाज सेवी सुरजीत यादव ने वो क़दम उठाया है जिसकी सराहना होनी चाहिए। हुआ ये कि इलाके के राजपूत ईंट उद्योग पूरे शुक्लन/सिधौली में आधा दर्जन की संख्या में लंगूर बंदर पानी के लिए तड़प रहे थे। उनकी तड़प और दर्द को समझ कर सुरजीत ने झट दो अलग-अलग बाल्टी में पानी भर उन्हें पिलाया और फिर कई बाल्टी पानी वो दोनों बाल्टियों में डालते गए।

Roshni Khan
Published on: 16 Jun 2019 4:11 AM GMT
गर्मी से तड़प कर भटक रहे थे बेजुबान, जब मसीहा बनकर बुझायी इस शख्स ने इनकी प्यास
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अमेठी: तेज चिलचिलाती धूप, तेज प्रवाह से बहती हवा और भीषण गर्मी से हर कोई हलकान है। क्या शहर और क्या गांव हर जगह लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। एक पानी है जिससे लोगों को ढाढस है, कुछ दूर चलकर इंसान पानी खरीद और मांग कर पीने के बाद चैन की सांस भी ले ले रहा।

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लेकिन बेजुबान जानवर किससे अपनी प्यास का शिकवा करें। पर सुरजीत यादव जैसे मानवीयता वाला जीवन जीने वाले लोग जब तक मौजूद हैं जब बेजुबान जानवरों को अपनी बात कहने की जरूरत नही।

जी हां, अमेठी के बाजार शुकुल थाना क्षेत्र के निवासी समाज सेवी सुरजीत यादव ने वो क़दम उठाया है जिसकी सराहना होनी चाहिए। हुआ ये कि इलाके के राजपूत ईंट उद्योग पूरे शुक्लन/सिधौली में आधा दर्जन की संख्या में लंगूर बंदर पानी के लिए तड़प रहे थे। उनकी तड़प और दर्द को समझ कर सुरजीत ने झट दो अलग-अलग बाल्टी में पानी भर उन्हें पिलाया और फिर कई बाल्टी पानी वो दोनों बाल्टियों में डालते गए।

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सुरजीत की माने तो फिर करीब दो दर्जन से अधिक बन्दरो ने पानी पिया। सुरजीत यादव कहते हैं कि यह हम सब की जिम्मेदारी है। अपने पर्यावरण में जीवो का दर्द समझे और चिड़िया, पशु पक्षी आदि जीवो के लिए किसी बर्तन में पानी हमेशा भरकर रखें। खासकर गर्मी के दिनो में तभी बड़े मंगलवार वाला शर्बत या भण्डारा सफल होगा। उन्होंने कहा आज इस कार्य से मुझे बड़ी खुशी हुई।

Roshni Khan

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