TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

इस कम्पनी की अनुमति याचिका खारिज, बिना टेंडर चाहती थी अनुमति

अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि विगत दिनों पीटीसी द्वारा लगभग 2500 मेगावाट बिजली 3 साल के लिये बिक्री की निविदा की दर 3.26 रुपये प्रति यूनिट आयी है।

Aradhya Tripathi
Published on: 11 May 2020 5:15 PM IST
इस कम्पनी की अनुमति याचिका खारिज, बिना टेंडर चाहती थी अनुमति
X

लखनऊ: लाकडाउन में कार्यालय खुलते ही उप्र. विद्युत नियामक आयोग ने हिमाचल प्रदेश से 3 वर्षों के लिये बिना टेंडर के 64 मेगावाट हाइड्रोपावर की बिजली खरीदने की अनुमति के लिये नोयडा पावर कम्पनी लिमिटेड की याचिका को खारिज कर दिया है। आयोग चेयरमैन आरपी सिंह व सदस्य कौशल किशोर शर्मा व विनोद कुमार श्रीवास्तव की पूर्ण पीठ ने कंपनी को बिडिंग रूट से ही बिजली खरीदने की अनुमति दी है।

बिडिंग रूट के तहत ही खरीदी जाए बिजली

आयोग ने यह फैसला बीती 20 मार्च की सुनवाई के बाद सुरक्षित कर लिया था। लेकिन लाकडाउन लागू हो जाने के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका था। बीती 20 मार्च को हुई सुनवाई में प्रदेश के उपभोक्ताओं की ओर से उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आयोग से नोयडा पावर कंपनी की याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए कहा था कि हिमाचल प्रदेश के चमेरा प्रथम जिस उत्पादन गृह से नोयडा पावर कम्पनी 4.02 रुपया प्रति यूनिट में बिजली खरीद की बात कर रहा है। जो नोयडा पावर कंपनी को कुल चार्ज लेकर लगभग 5.40 रुपया प्रति यूनिट में पडेगी।

ये भी पढ़ें- यूपी में तेजी से बढ़ रहा कोरोना, सरकार छुपा रही सही आंकड़े- कांग्रेस

और वहीं दूसरी ओर इसी चमेरा प्रथम से पावर कार्पोरेशन लगभग 1.96 रुपया प्रति यूनिट में ही बिजली खरीद रहा है। ऐसे में एक ही प्रदेश में उसी उत्पादन गृह की बिजली इतनी सस्ती पावर कारपोरेशन खरीद रहा है और वहीं दूसरी ओर नोयडा पावर कम्पनी उसी उत्पादन गृह से इतनी मंहगी बिजली खरीद करने की अनुमति मांग रहा है पूरी तरह गलत है। उसे केवल बिडिंग रूट के तहत ही बिजली खरीद की अनुमति प्रदान की जाये।

कंपनी कर रही गलत मांग

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान-भारत से डरा: दुश्मन देश की हालत खराब, अकड़ू इमरान का सिर हुआ नीचे

अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि विगत दिनों पीटीसी द्वारा लगभग 2500 मेगावाट बिजली 3 साल के लिये बिक्री की निविदा की दर 3.26 रुपये प्रति यूनिट आयी है। ऐसे में नोयडा पावर कम्पनी मंहगी बिजली खरीद की बात क्यों कर रहा है। और सबसे बडा सवाल यह है कि बिजली खरीद की प्रक्रिया यदि नोयडा पावर कम्पनी ने विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 62 के तहत त्रिपक्षीय अनुबन्ध के तहत की है तो उसे उसका अधिकार नही है। यह कार्य केवल नियामक अयोग ही कर सकते हैं ।और धारा 63 के तहत एडाप्सन आफ टैरिफ केवल बिडिंग रूट से ही हो सकती है।



\
Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

Next Story