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अयोध्या: योगी सरकार के इस फैसले ने दी केंद्र सरकार को बड़ी राहत

अयोध्या कोसलराज की राजधानी रहा है तब इसका क्षेत्रफल 96 मील था। जबकि वर्तमान अयोध्या जिले का क्षेत्रफल 2764 किलोमीटर है। सर्वोच्च अदालत के फैसले के मुताबिक अयोध्या जिले के क्षेत्रफल में कहीं भी मस्जिद के लिए जमीन दी जा सकती है।

Shivakant Shukla
Published on: 11 Nov 2019 4:12 PM GMT
अयोध्या: योगी सरकार के इस फैसले ने दी केंद्र सरकार को बड़ी राहत
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योगेश मिश्र

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक फैसले ने केंद्र सरकार और संघ परिवार समेत अयोध्या में मंदिर निर्माण की इच्छा रखने वालों को बेहद राहत दी है। उनके इसी फैसले से मंदिर निर्माण के बाद भविष्य में होने वाले किसी भी टकराव की आशंका सिरे से खारिज हो गई है। उनका यह फैसला फैजाबाद जिले का नाम बदलने से जुड़ा हुआ है। जिससे अयोध्या की सीमा में बड़ा विस्तार हो गया है।

योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों कई जिलों के नाम बदले थे, इसी क्रम में फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया था। अब केंद्र सरकार पुराने फैजाबाद जिले में कहीं भी मुस्लिम को पांच एकड़ जमीन देकर अदालती फैसले को अमल का जामा पहना सकती है।

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सरकार अयोध्या सीमा में मस्जिद निर्माण के लिए देगी

सर्वोच्च अदालत ने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुए अपने फैसले में यह भी कहा कि ढांचा गिराए जाने के नाते पांच एकड़ जमीन सरकार अयोध्या सीमा में मस्जिद निर्माण के लिए देगी। अगर योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद जिले का नाम नहीं बदला होता तो केंद्र को अयोध्या की सीमा में मुस्लिम पक्षकार को जमीन देनी पड़ती।

माना जाना जाता है कि अयोध्या की परिधि पांच कोस की है 14 कोस में भगवान श्रीराम के सारे लीला स्थल आ जाते हैं। इसीलिए पंच कोसी व 14 कोसी परिक्रमा का चलन है। योगी आदित्यनाथ के फैजाबाद को अयोध्या जिला करने से अब केंद्र के लिए राहत का सबब यह है कि अब वह पूरे जिले में कहीं भी जमीन दे सकती है।

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कहीं भी मस्जिद के लिए जमीन दी जा सकती है

अयोध्या कोसलराज की राजधानी रहा है तब इसका क्षेत्रफल 96 मील था। जबकि वर्तमान अयोध्या जिले का क्षेत्रफल 2764 किलोमीटर है। सर्वोच्च अदालत के फैसले के मुताबिक अयोध्या जिले के क्षेत्रफल में कहीं भी मस्जिद के लिए जमीन दी जा सकती है।

गौरतलब है कि पहले भी कई बार मामले को बातचीत से हल करने के दौरान यह प्रस्ताव दिया गया कि अयोध्या में किसी दूसरे स्थान पर मुस्लिम समुदाय मस्जिद बना ले पर रामजन्मभूमि से अपना दावा वापस ले ले। लेकिन ऐसे प्रस्ताव एक तो मुस्लिम समुदाय ने स्वीकार नहीं किया दूसरे इसको लेकर यह आशंका जताई गई कि अगर अयोध्या में मस्जिद बन गई तो दोनो समुदायों के बीच टकराव के हालात बने रहेंगे। हालांकि उस समय अय़ोध्या की सीमा पंच कोसी मानी जाती थी।

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