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इस बार केवल 14 दिन में होंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं
अब तक करीब दो से ढ़ाई महीने तक चलने वाली यूपी बोर्ड की परीक्षाएं इस वर्ष केवल 14 दिन में ही पूरी करा ली जायेंगी। 18 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों के चयन का काम पूरा हो चुका है।
लखनऊ: अब तक करीब दो से ढ़ाई महीने तक चलने वाली यूपी बोर्ड की परीक्षाएं इस वर्ष केवल 14 दिन में ही पूरी करा ली जायेंगी। 18 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों के चयन का काम पूरा हो चुका है। इस बार सभी परीक्षा केंद्रों की आनलाइन मानीटरिंग की भी व्यवस्था की गयी है, जिससे नकल पर पूरी तरह से रोक लगायी जा सकेगी।
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माध्यमिक शिक्षा मंत्री डा. दिनेश शर्मा ने बताया ये
माध्यमिक शिक्षा मंत्री डा. दिनेश शर्मा ने मंगलवार को बताया कि वर्ष 2020 की माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाएं 18 फरवरी से प्रारंभ हो रही है अभी तक ढाई महीनों में परीक्षा आयोजित होती थी लेकिन इस बार केवल 14 दिनों में ही परीक्षाएं होंगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 की परीक्षा के लिए इस बार कुल 7786 स्कूल परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जो बीते चार वर्षों में सबसे कम परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। वर्ष 2017 में 11हजार414 परीक्षा केंद्र, वर्ष 2018 में 8549 परीक्षा केंद्र, तथा वर्ष 2019 में 8354 परीक्षा केंद्रों पर बोर्ड परीक्षा आयोजित की गई थी।
डा. शर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा की पूरी तरह से आनलाइन मानीटरिंग की जायेगी। इसके लिए इस बार सीसीटीवी कैमरा निगरानी बढ़ाई जाएगी और पहली बार राउटर के जरिए वेबकास्टिंग तथा वाइस रिकार्ड भी कराई जाएगी। ऑनलाइन के माध्यम से हम सभी जगह देख सकेंगे कि कहां-कहां परीक्षा हो रही है और उसकी मॉनिटरिंग के लिए भी इसी माध्यम से प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में इसकी मानीटरिंग के लिए सेंट्रल कंट्रोल रूम भी बनाये जायेंगे।
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परीक्षा खत्म होने के बाद भी होगा ये
डा. शर्मा ने बताया कि परीक्षा खत्म होने के बाद भी सीसीटीवी कैमरा, राउटर वेबकास्टिंग और वाइस रिकार्डिंग आदि उन्ही स्कूलों में लगे रहंगेे ताकि उनसे शिक्षकों की उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों के लेक्चर को ऑनलाइन सुना भी जा सकेगा। इसके तहत हम यह भी नजर रखेंगे कि कहा क्या कमियां है और हर जिले से पांच-पांच अच्छे विभिन्न विषयों के शिक्षकों को चिन्हित किए जायेंगे और फिर उनके लेक्चर रिकार्ड करके आन लाइन प्रसारित किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि प्रदेश में छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा दी जाए और इसके लिए कौशल विकास केंद्रों के साथ वार्ता चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रयास किया है ताकि शुचिता पूर्ण परीक्षाएं भविष्य में संपादित हो सके।
शिक्षा व्यवस्था पर मंथन के लिए जुटेंगे देश-विदेश के शिक्षाविद
प्रदेश की प्राथमिक से लेकर माध्यमिक शिक्षा तक की कक्षाओं में नवाचार और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए योगी सरकार यूपी में पहली बार स्कूल समिट का आयोजन करने जा रही है। 11 व 12 दिसंबर को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित हो रही इस समिट में तमाम सामाजिक संगठनों, शिक्षक संगठनों, कई प्रदेशों के शिक्षा सचिवों और कई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ ही एचसीएल, गूगल इंडिया और अजीम फाउंडेशन जैसी ख्यातिप्राप्त संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसके अलावा
1100 प्रधानाचार्य और शिक्षकों का भी इस कार्यक्रम में सहभागी होंगे।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री डा. दिनेश शर्मा ने मंगलवार को उक्त जानकारी देते हुए कहा कि हमारी सरकार ने चार बिंदुओं पर कार्य किया और अलग-अलग तरीके से एनसीआरटी का कोर्स लागू करने तथा तमाम आधुनिक तकनीकों से परीक्षा संपादन करने का प्रयास किया। विद्यार्थियों के कोर्स शेड्यूल उनके अनुसार हो और रोजगार परक शिक्षा हो इस प्रकार के तमाम नए पाठ्यक्रम संचालित कर उनके तनाव को दूर करने का काम किया।
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डा. शर्मा ने कहा कि समय के साथ आज शिक्षा में बदलाव आ रहा है इसलिए हम अगर शिक्षा के लिए नई तकनीक का प्रयोग नहीं करेंगे तो हम पीछे हो जाएंगे इसलिए सीआईआई के साथ इस स्कूल समिट का आयोजन किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग सत्रों में अलग-अलग विषयों पर चर्चा की जायेगी, जिसमें देश की शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी कई शख्सियतें शामिल होंगीे। जिससे शिक्षा के क्षेत्र में जो विभिन्न प्रकार के परिवर्तन हो रहे हैं उसमें उत्तर प्रदेश की भी सहभागिता हो सकें।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा समिट के पहले सत्र में नवाचार के संबंध में चर्चा होगी, दूसरे सत्र में कक्षा रूपांतरण के लिए नवीन क्रांतिकारी तकनीक पर, तीसरे सत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बदलाव से संबंधित चर्चा होगी, जिसमें बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा के तमाम अधिकारी देश में अपने विचारों को आदान-प्रदान के माध्यम से एक-दूसरे के साथ बाटेंगे। उन्होंने बताया कि इस दो दिवसीय समिट में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शिक्षाविदों को आमंत्रित किया गया है इसके तहत नवाचार के संबंध में आमूलचूल परिवर्तन के लिए उठाया जाएगा।