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सोनभद्र में मिला हजारों टन सोना, जानिए कैसे हुई खोज, इन देशों को छोड़ देगा पीछे

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में सोने का भंड़ार मिला है। राज्य के खानिज विभाग पता लगाया है कि सोनभद्र में जमीन के अंदर तीन हजार टन सोना दबा हुआ है। जानकारी के अनुसार जल्द ही इस सोने को निकालने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

Dharmendra kumar
Published on: 21 Feb 2020 9:49 AM GMT
सोनभद्र में मिला हजारों टन सोना, जानिए कैसे हुई खोज, इन देशों को छोड़ देगा पीछे
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में सोने का भंड़ार मिला है। राज्य के खानिज विभाग पता लगाया है कि सोनभद्र में जमीन के अंदर तीन हजार टन सोना दबा हुआ है। जानकारी के अनुसार जल्द ही इस सोने को निकालने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की टीम पिछले 15 साल से यहां काम कर रही थी। टीम ने आठ साल ही पहले जमीन के अंदर सोना होने की पुष्टि कर दी थी। कई वर्षों से हो रही खनिज तत्वों की खोज के बीच जमीन के अंदर करीब 12 लाख करोड़ रुपये के छिपे सोने की बात सामने आई है।

इससे पहले भी खनिजों के इतने बड़े भंडार का पता चला है। दक्षिण अफ्रीका को सोने की खदानों की वजह से 'सिटी ऑफ गोल्ड' का दर्जा दिया जाता है। हाल ही में सोनभद्र की सोन पहाड़ी में बड़ी मात्रा में मिला सोना पूरे विश्व की निगाहों में चमक उठा है। भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के सर्वे में इन पहाड़ियों में तीन हजार टन से ज्यादा सोना दबे होने की संभावना व्यक्त की गई है।

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सर्वे के मुताबिक सोनांचल की पहाड़ी में सोने के अलावा, लोहा और भारी मात्रा में दूसरे खनिज भी दबे हैं। सोने की मौजूदा कीमत के हिसाब से इतने सोने का मूल्य करीब 12 लाख करोड़ रुपये है। एक खबर के मुताबिक वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया में खदानों के खनन के दौरान सोने की दो चट्टानें मिलीं। इनकी कीमत 80 करोड़ रुपये आंकी गई थी। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की खदानों की फेहरिस्त में सोनभद्र का भी नाम अब पीली चमक से खिल उठा है।

अभिलेखों के अनुसार सोनभद्र में सबसे पहले 1980 के दशक में सोने की खोज की गई थी। इसके बाद दूसरी बार कोशिश 1990-1992 में हुई। इस दौरान सोने की जगहों को चिह्नित किया गया था। तीसरी व चौथी कोशिश 2005 से 2012 के बीच की गई।

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सोनभद्र के डीएम ने यह भी बताया कि परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार के लिए राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-एनजीआरआई), भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले, छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले एवं तथा झारखंड के गढ़वा जिले के आंशिक भू-भागों में हेलिकॉप्टर वाहित भू-भौतिकीय सर्वेक्षण किया जा रहा है।

भू-भौतिकीय सर्वे के दौरान सोनांचल की पहाड़ी में सोने के साथ लोहा सहित भारी मात्रा में दूसरे खनिज भी दबे हैं। जिले के कई भू-भागों में हेलिकॉप्टर से भू-भौतिकीय सर्वे जारी है। इस सर्वेक्षण में विद्युती चुंबकीय एवं स्पेक्ट्रोमीटर उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है। इन उपकरणों का कुछ भाग हेलिकॉप्टर के नीचे लटका रहता है, जो कि जमीन की सतह से 60-80 मीटर की ऊंचाई पर उड़ते हुए सर्वेक्षण करता है।

सोनभद्र डीएम एन. राजलिंगम के मुताबिक जिस जमीन के अंदर यह खनिज संपदा छिपी है, उसके सीमांकन का कार्य गुरुवार को खनिकर्म प्रभारी अधिकारी विजय कुमार मौर्य की अगुवाई में नौ सदस्यीय टीम कर रही है।

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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले की सोन पहाड़ी में 2943.26 टन और जिले के हरदी ब्लॉक में 646.15 किलो अनुमानित सोना मिला है। सोनभद्र के भू-भाग में यूरेनियम वर्ग के अन्य खनिज तत्वों का भी पता चला है। जिले के छिपिया ब्लॉक में सिलेमिनाइट की दस मिलियन टन की अनुमानित मात्रा छिपी है।

इसी तरह जिले के पुलवर, सलईडीह ब्लॉक के कुछ भागों में इस सर्वे के दौरान एंडालुसाइट अब तक पाया गया है। कुरछा तथा बरवाडीह ब्लॉक में जमीन के अंदर लगभग दस मिलियन टन पोटाश छिपा है। म्योरपुर ब्लॉक हेडक्वॉर्टर से 5 किलोमीटर की दूरी पर भुकु पहाड़ी पर ग्रेनाइट होने की पुष्टि की गई। इसके साथ ही यहां खुदाई का भी कार्य शुरू करा दिया गया है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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