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प्रियंका के रोजगार संवाद में बोले युवा: बेरोजगारी ने बनाया अवसाद रोगी

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व प्रभारी उत्तर प्रदेश प्रियंका गांधी ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के 12460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बातचीत की।

Newstrack
Published on: 17 Sept 2020 12:37 PM IST
प्रियंका के रोजगार संवाद में बोले युवा: बेरोजगारी ने बनाया अवसाद रोगी
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प्रियंका के रोजगार संवाद में बोले युवा: बेरोजगारी ने बनाया अवसाद रोगी (social media)

लखनऊ: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व प्रभारी उत्तर प्रदेश प्रियंका गांधी ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के 12460 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बातचीत की। उन्होंने बेरोजगार युवाओं को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस पार्टी सड़क से सदन तक उनकी लड़ाई लड़ेगी और सरकारों को भी युवाओं की बात सुननी पड़ेगी।

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प्रियंका गांधी ने संविदा के मुद्दे पर भी युवाओं की राय ली

प्रियंका गांधी ने संविदा के मुद्दे पर भी युवाओं की राय ली और आश्वस्त किया हम सरकार में आते ही ऐसी नीति लाएंगे जिसमें संविदा नहीं बल्कि सम्मान हो। प्रियंका जी ने कहा कि वो इस काले कानून के खिलाफ सड़कों में भी आवाज उठाएंगी।

बेरोजगार दिवस मना रही कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बेरोजगार युवाओं के साथ ऑनलाइन संवाद किया। अपनी परेशानी बता रहे युवाओं ने कांग्रेस नेत्री को बताया कि बेरोजगारी और सरकार के रोज बदलते भर्ती नियमों ने उन्हें अवसाद का रोगी बना दिया है।

Video-conferencing Congress-Video-conferencing (social media)

बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती के लिए 2016 में 12460 शिक्षक भर्ती शुरू की गई थी । भर्ती में शून्य जनपद के अभ्यर्थी अब तक नियुक्ति से वंचित हैं उन्हें मौका दिया जाना था। प्रियंका गांधी के संवाद में बेरोजगार युवाओं ने बताया कि इस शिक्षक भर्ती विज्ञापन में 51 जिलों में पद थे लेकिन 24 जिलों में पद शून्य थे। विगत 3 साल से शून्य जनपद वाले अभ्यर्थी कोर्ट- कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन योगी सरकार उन्हें भर्ती का मौका नहीं दे रही है। सरकार बदलने के साथ नियम बदलने से उन्हें योग्य होने के बावजूद रोजगार नहीं मिल सका।

युवाओं ने बताए अपने किस्से

वीडियो कांफ्रेंसिंग में एक महिला अभ्यर्थी ने प्रियंका को बताया कि जब 2016 में उन्होंने परीक्षा दी थी, परिणाम आया तो अपने चयन से बहुत खुश थीं लेकिन आज तक नियुक्ति नहीं हुई। उनके दो छोटे-छोटे जुड़वा बच्चे हैं, उनकी चिंता रहती है। वे नौकरी न मिलने पर लगभग दो साल तक अवसाद में थीं। कई दिनों तक वे सोफे पर पड़ी रहती थीं, उनके बच्चे भूखे प्यासे रहने को मजबूर थे। अपनी बातों को रखते हुए उन्होंने कहा कि अब घर की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। अपने बच्चों पर 10 रुपया खर्च करने के लिए उन्हें 10 बार सोचना पड़ता है।

प्राइवेट नौकरी भी गई अब भुखमरी का संकट

एक अन्य अभ्यर्थी ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग में भर्ती के लिए तीन साल से धक्के खा रहा हूँ। बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम शुरू किया था अब कोरोना काल में वह भी बंद है। घर का एक सदस्य प्राइवेट नौकरी करता है लेकिन अब उनकी भी नौकरी छूट चुकी है। घर की स्थिति यह है कि अब शाम-सुबह के खाने की चिंता होने लगी है।

दो अन्य अभ्यर्थियों ने बताया कि शिक्षा विभाग में चयन होने के बाद भी जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो उनकी शादी टूट गयी और वे अब सामाजिक उपहास के पात्र बन गए हैं। यह कहते हुए एक अभ्यर्थी ने भावुक होते हुए कहा कि आखिर हमारी गलती क्या है? हम योग्य हैं। परीक्षा में बेहतर नम्बर लाये हैं लेकिन सरकार रोज रोज अपना नियम बदलती है।

Video-conferencing Congress-Video-conferencing (social media)

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युवाओं की बात सुनने के बाद प्रियंका गांधी ने उनसे मदद का वादा किया और कहा कि यह हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मानवीय संवेदनाओं का मसला है। यह न्याय का सवाल है। उन्होंने योगी सरकार के 5 साल संविदा को काला कानून बताया और कहा कि हम ऐसी नीति लाएंगे जिसमें युवाओं का अपमान करने वाला संविदा कानून नहीं बल्कि सम्मान के कानून हों।

अखिलेश तिवारी

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