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बदायूं पीड़िता की चिता ठंडी: खुले घूम रहे हैवान, सरकार का एक्शन कितना असरदार
आज बंदायू में निर्भया कांड को फिर से दोहराया गया। फिर से रेप कांड में राजनीति शुरू हो गई। फिर से लोगों पीड़िता को न्याय दिलाने की बड़ी-बड़ी बाते करने लगे, लेकिन ऐसा कोई कानून नहीं है जिससे घिनौनी हरकतें करने वाले खौफ में रहे।
नई दिल्ली। हैवानियत और दरिंदगी पर उतारू राक्षसों को रोकने वाला कोई नहीं है। देश में निर्भया कांड हुआ, जिसके बाद इतने मार्च इतने आंदोलन किये गए, तब जाकर 7 साल बाद पीड़िता को न्याय मिल पाया। लगातार हर रोज बलात्कार का शिकार हो रही देश की लड़कियों, बच्चियां और महिलाएं जिनकी सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है। दरिंदे जो खुलेआम हैवानियत पर उतारू है, उनके लिए कोई कड़ा कानून नहीं है, जिससे उन हैवानों में कुछ खौफ हो। आज बंदायू में निर्भया कांड को फिर से दोहराया गया। फिर से रेप कांड में राजनीति शुरू हो गई। फिर से लोगों पीड़िता को न्याय दिलाने की बड़ी-बड़ी बाते करने लगे, लेकिन ऐसा कोई कानून नहीं है जिससे घिनौनी हरकतें करने वाले खौफ में रहे।
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कड़े एक्शन लेने की बात तो सबसे पहले
यूपी के बंदायू में आज गैंगरेप की घटना सामने आई। दरिंदों ने महिला के साथ बलात्कार कर हैवानियत की सारी हदे तक पार कर दी थी। ऐसे में राक्षसों के लिए प्रदेश सरकार के पास कड़े एक्शन लेने की बात तो सबसे पहले आती है, लेकिन कड़ा एक्शन लेते-लेते काफी महीनों और साल भी बीत जाते हैं।
इस महिला के साथ भी निर्भया कांड जैसी ही वारदात हुई है। सामने आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिला के गुप्तांग में लिंग जैसी किसी चीज से हमला किया गया है जिससे उसके प्राथमिक भाग पर गंभीर चोटें आई हैं।
फोटो-सोशल मीडिया
साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि, महिला की पसली और पैर तोड़ दिए गए हैं। फेफड़े पर भी वजनदार चीज से हमला हुआ था। इस घटना के बाद मौके पर एसएसपी ने तुरंत एसपी देहात को भेजा और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 4 टीमे बनाई।
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गैंगरेप के बाद हत्या का मुकदमा दर्ज
घटना के बारे में पुलिस ने परिजनों से पूछताछ के बाद आरोपी महंत समेत उसके एक साथी और ड्राइवर के खिलाफ गैंगरेप के बाद हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।
ऐसे में इससे पहले देश में हर रोज हैवानियत का शिकार हो रही महिलाओं के लिए बोला जाता है कि अब महिलाएं सुरक्षित हैं। अगर अब महिलाएं सुरक्षित हैं, तो क्यों हो रहे है दरिंदगी के ऐसे राक्षसी वारदात। क्यों लड़कियों, नन्हीं बच्चियों, महिलाओं यहां तक बुर्जगों को भी नहीं बक्श रहे ये हैवान। इसके बाद भी कोई ऐसा कानून नहीं है जिससे इन राक्षसों की रूह कांपें। ऐसा हैवानी काम सोचने से भी इनकी आत्म थर-थरा जाएं।
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