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इलाहाबाद हाईकोर्ट की आज की बड़ी ख़बरें, पढ़ें एक क्लिक में

सांसद पटेल की तरफ से याचिका की ग्राह्यता पर आपत्ति की गई जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया है कि याचिका काल बाधित नहीं है। पटेल की तरफ से अधिवक्ता के आर. सिंह का कहना था कि याचिका दाखिल करने की अंतिम तिथि 7 जुलाई 2019 थी।

SK Gautam
Published on: 28 Nov 2019 3:42 PM GMT
इलाहाबाद हाईकोर्ट की आज की बड़ी ख़बरें, पढ़ें एक क्लिक में
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इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल के खिलाफ दाखिल चुनाव याचिका पर 3 सप्ताह में उनसे जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल ने रामचरन की चुनाव याचिका पर दिया है।

सांसद पटेल की तरफ से याचिका की ग्राह्यता पर आपत्ति की गई जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए निरस्त कर दिया है कि याचिका काल बाधित नहीं है। पटेल की तरफ से अधिवक्ता के आर. सिंह का कहना था कि याचिका दाखिल करने की अंतिम तिथि 7 जुलाई 2019 थी। 8 जुलाई 2019 को याचिका दाखिल की गई। दाखिले में 1 दिन की देरी होने के कारण याचिका निरस्त की जाय।

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कोर्ट ने कहा कि महा निबंधक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 7 जुलाई को रविवार था। इस दिन अवकाश होने के कारण 8 जुलाई को चुनावी याचिकाएं स्वीकार की गई है। कोर्ट ने कहा कि रविवार अवकाश का दिन होने के कारण सोमवार 8 जुलाई को दाखिल याचिकाओं को यह नहीं कहा जा सकता कि कालबाधित है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि 7 जुलाई को भी चुनाव याचिकाएं दाखिल की गई थी।

चुनाव याचिका परिणाम घोषित होने के 45 दिन के भीतर दाखिल किए जाने का नियम है। अंतिम तारीख को अवकाश के कारण कोर्ट खुलने पर दाखिल याचिका कालबाधित नहीं मानीं जा सकती। कोर्ट ने कहा कि निर्वाचन अधिकारी पर किसी प्रकार के कदाचार का आरोप नहीं लगाया गया है। ऐसे में उन्हें पक्षकार बनाए जाने का कोई औचित्य नहीं है। कोर्ट ने चुनाव अधिकारी को याचिका में पक्षकार से हटाने की अर्जी स्वीकार कर ली है।

महानिदेशक एमईएस नई दिल्ली जे.आर गर्ग को आदेश पालन का निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डायरेक्टर जनरल मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस नई दिल्ली जे आर गर्ग को आदेश का पालन करने का एक मौका देते हुए 11 दिसंबर तक हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि इलाहाबाद कार्यालय के किसी सक्षम अधिकारी द्वारा हलफनामा दाखिल कराया जाए और वह अगली सुनवाई की तिथि 11 दिसम्बर को कोर्ट में हाजिर भी रहे।

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने कार्यकारी निदेशक (वर्क एंड बजट) मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस, गाजियाबाद, संजीव कुमार की अवमानना याचिका पर दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता अजय राजेन्द्र ने बहस की। याची का कहना है कि उसने तबादले को चुनौती दी थी। इसी बीच उसे भेज दिया गया। इस अवधि का वेतन भुगतान नहीं किया गया। कोर्ट ने याची को बकाया वेतन भुगतान के मामले में 3 माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। जिसका पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने अवमानना याचिका पर आदेश के पालन का निर्देश दिया है। सुनवाई 11 दिसम्बर को होगी।

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ग्राम विकास अधिकारी के खाली पदों को भरने पर विचार का निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ प्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव को ग्राम विकास अधिकारी भर्ती 2016 की खाली रह गये 29 पदों को भरने के मामले में तीन सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने बस्ती जिले के विवेक कुमार श्रीवास्तव व 4 अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता का कहना था कि आयोग की भर्ती में सरकार ने यह नियम लागू किया कि चयन में प्रतीक्षा सूची नहीं जारी होगी। किन्तु घोषित पदों से 25 फीसदी अधिक अभ्यर्थीयों को चयनित किया जायेगा।

जिस पर अमल नहीं किया गया। और पद खाली रह गये। याची का कहना है कि वह मेरिट से ठीक नीचे है। पुनरीक्षित सूची जारी कर उन्हें मौका दिया जाए। इस पर कोर्ट ने याची को एक सप्ताह में प्रत्यावेदन देने और उसे निर्णीत किये जाने का निर्देश दिया है।

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चिन्मयानन्द केस में एसआईंटी को बेहतर हलफनामा देने का निर्देश

प्रयागराज: पूर्व गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर लगे दुष्कर्म के आरोप और उनसे रंगदारी वसूली किए जाने कि मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बृहस्पतिवार को अपनी विवेचना की प्रगति रिपोर्ट हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल की। कोर्ट ने एसआईटी द्वारा दाखिल हलफनामे को संतोषजनक न पाते हुए बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका पर 4 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।

मामले की सुनवाई जस्टिस मनोज मिश्र की अगुवाई वाली खंडपीठ कर रही है। गौरतलब है कि चिन्मयानंद प्रकरण की सुनवाई हाइकोर्ट में चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाइकोर्ट विवेचना की मानीटरिंग कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस केस के एसआईटी द्वारा की जा रही विवेचना की मानिटरिंग करने को कहा था।

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टीजीटी अध्यापक भर्ती में दो सवालों के उत्तर गलत होने को लेकर याचिका

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 की 7316 टीजीटी टीचरों की भर्ती परिणाम के बाद जारी उत्तर कुंजी में 2 सवालों के जवाब गलत होने को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी तलब की है। याचिका की सुनवाई 6 दिसंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने दयानंद की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता रितेश श्रीवास्तव एवं श्वेता सिंह ने बहस की।

याची का कहना है कि उसने आनलाइन आपत्तियां दाखिल की हैं। 5 अक्टूबर 2019 को अंतिम उत्तर कुंजी जारी की गयी है जिसके तहत सीरीज ए की बुकलेट में प्रश्न संख्या 5 एवं 80 के उत्तर सही नहीं है। इसलिए नए सिरे से परिणाम घोषित किया जाना चाहिए। याचिका की सुनवाई 6 दिसंबर को होगी।

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