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UP के 3 IPS को किया जबरन रिटायर, अमिताभ बोले- सरकार को नहीं चाहिए मेरी सेवाएं
17 मार्च 2021 को भारत सरकार के ग़ृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर कहा कि अमिताभ ठाकुर लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त नहीं हैं। इस आदेश के तहत अब उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने उन्हें वीआरएस देने का आदेश जारी किया है।
लखनऊ: अमिताभ ठाकुर समेत तीन आईपीएस अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया गया है। गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में राज्यपाल ने सेवानिवृत्त किया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ केस दर्ज कराने के बाद से काफी चर्चा में रहे 1992 बैच के आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को अनिवार्य सेवानिवृति का आदेश दिया गया है। अखिल भारतीय पुलिस सेवा से जबरदस्ती रिटायर किए गए अमिताभ ठाकुर ने एक ट्वीट भी किया है।
अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी
सरकार के इस आदेश पर उन्होंने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। ट्वीट करके उन्होंने लिखा कि मुझे अभी-अभी वीआरएस (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ। सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए। जय हिन्द !
मुझे अभी-अभी VRS (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ. सरकार को अब मेरी सेवाएँ नहीं चाहिये. जय हिन्द !
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) March 23, 2021
इस वजह से रहे थे चर्चा में
अमिताभ ठाकुर उत्तर प्रदेश काडर के 1992 बैच के आईपीएस हैं उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने के साथ ही उनके खिलाफ लखनऊ में केस भी दर्ज करावाया था। इसके बाद अखिलेश यादव सरकार ने उनके खिलाफ भी केस दर्ज कराया। उनके खिलाफ पांच पांचवीं विभागीय कार्रवाई भी हुई थी। उनके खिलाफ आरोप था कि 16 नवम्बर 1993 को आईपीएस की सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का ब्यौरा शासन को नहीं दिया गया।
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जारी हुआ ये आदेश
17 मार्च 2021 को भारत सरकार के ग़ृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर कहा कि अमिताभ ठाकुर लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त नहीं हैं। गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में राज्यपाल ने आईपीएस अधिकारियों को सेवानिवृत्त किया है। यूपी सरकार के संस्तुति पर गृह मंत्रालय में इन तीनों के मामलों की जांच करने के बाद ये फ़ैसला किया है।
बता दें कि यूपी के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के 17 मार्च 2021 के आदेश द्वारा अमिताभ ठाकुर, आईपीएस, आरआर-1992 को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए अखिल भारतीय सेवाएं (डीसीआरबी) नियमावली-1958 के नियम-16 के उपनियम 3 के अंतर्गत लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पहले सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है।
इस जारी आदेश में अवस्थी ने आगे लिखा है कि गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में राज्यपाल नियमानुसार अमिताभ ठाकुर को लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत्त करने और उनको तीन महीने के उनके वेतन और भत्तों के बराबर की धनराशि, जो उनकी सेवानिवृत्ति के ठीक पहले उनके द्वारा अहरित की जा रही धनराशि के समान दर प र आगणित कर दिए जाने के निर्देश देते हैं।
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बता दें कि अमिताभ ठाकुर समेत उत्तर प्रदेश के तीन IPS अधिकारियों को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया है जिसके कारण उन्हें अनिवार्य सेवनिवृत्ति दे दी गई है।
अमिताभ ठाकुर ( आईजी रूल्स एवं मैनुअल) के खिलाफ तमाम मामलों में जांचें चल रही थीं। राजेश कृष्ण ( सेना नायक 10 बटालियन बाराबंकी) पर आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप लगे थे। राकेश शंकर ( डीआईजी स्थापना) पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे।
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