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उद्योग के लिए थोड़ी खुशी, ज्यादा गम वाला बजट: एसके अग्रवाल

केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट में स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण एवं जलसंसाधन के लिए 5 लाख करोड़ का प्रावधान कर जनता को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने का स्वागत है। कोरोना काल में अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने से देश में उद्योग धंधों पर विपरीत प्रभाव पड़ा था।

Ashiki
Published on: 1 Feb 2021 11:16 PM IST
उद्योग के लिए थोड़ी खुशी, ज्यादा गम वाला बजट: एसके अग्रवाल
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उद्योग के लिए थोड़ी खुशी, ज्यादा गम वाला बजट: एसके अग्रवाल

गोरखपुर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में आम बजट पेश किया। बजट पर आम आदमी से लेकर राजनेताओं तक के बयान सामने आए हैं। इस बजट की किसी ने तारीफ की, तो किसी ने निराशा जताई।

गोरखपुर के चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष एसके अग्रवाल ने बजट को उद्योग के लिए थोड़ी खुशी, ज्यादा गम वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट में स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण एवं जलसंसाधन के लिए 5 लाख करोड़ का प्रावधान कर जनता को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने का स्वागत है। कोरोना काल में अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने से देश में उद्योग धंधों पर विपरीत प्रभाव पड़ा था। उस आयात शुल्क बढ़ाने से देश के उद्योगों को विदेशी प्रतिस्मर्धा से मुक्ति मिलेगी।

2023 तक रेलवे में 100 फीसदी विद्युतीकरण करके डीजल की बचत के साथ पर्यावरण की सुरक्षा होगी। मध्यम वर्ग को भी करों में राहत नहीं दी गई है। कोरोना काल में 60 फीसदी छोटे उद्योग बंद हुए हैं या बंद होने के कगार पर है। इस बजट में छोटे व्यापारियों और उद्यमियों को वित्त मंत्री से राहत से उम्मीद थी।

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बजट भाषण में पूर्वांचल के लिए किसी योजना का जिक्र न होना निराश करता है। जबकि गोरखपुर 10 करोड़ जनसंख्या वाले इस भूभाग का केन्द्र बिंदु है। इसके विकास से संपूर्ण क्षेत्र का विकास संभव है। बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए 5.5 लाख करोड़ रुपये से कच्चे माल और समानों की खपत बढ़ेगी। जिससे रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। नेशनल हाई-वे में 6500 किलोमीटर सड़के बनाने से ट्रांसपोर्ट की सुगमता के साथ रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

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टेक्सटाइल कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला उद्योग है। भारत सरकार द्वारा अगले तीन वर्षों में सात मेगा टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना की जाएगी। प्रत्येक 1000 एकड़ में स्थापित होगा। जिसमें रोजगार के अतिरिक्त निर्यात के अवसर भी बढ़ेंगे। गोरखपुर देश का प्राचीनतम टेक्सटाइल का हब है। जहां लाखों की संख्या में प्रशिक्षित कामगार है। सरकार को पहला मेगा टेक्सटाइल पार्क गोरखपुर में लगाना चाहिए। वित्तमंत्री द्वारा जहां एक तरफ बजट में इन्फ्रास्ट्राक्चर और स्वास्थ्य पर 50 फीसदी से अधिक बढ़ोत्तरी की है, लेकिन लघु और मध्यम उद्योगों के विकास के लिए 15,700 करोड़ की व्यवस्था निराशाजनक है।

रिपोर्ट: पूर्णिमा श्रीवास्तव



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