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केंद्रीय बजट ने कुंद की यूपी में विपक्षी दलों की किसान आंदोलन की धार
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया आम बजट यूपी में योगी सरकार पर किसानों को लेकर किए जा रहे विपक्षी दलों के हमले की धार को कुंद कर गया है।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया आम बजट यूपी में योगी सरकार पर किसानों को लेकर किए जा रहे विपक्षी दलों के हमले की धार को कुंद कर गया है। योगी सरकार पर हमला करने के लिए कांग्रेस, सपा व बसपा जैसे विपक्षी दलों ने किसान को केंद्र में रखकर अपनी-अपनी रणनीतियां बनाई थी लेकिन आम बजट में जिस तरह से किसानों पर फोकस किया गया है और उनकी आय 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है, उससे सभी विपक्षी दलों को अपनी रणनीतियों को फिर से आकार देने की कवायद करनी पड़ेगी।
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2022 के विधानसभा चुनाव के लिए प्रियंका वाड्रा हुईं सक्रिय
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है और अभी बीते माह उन्होंने रायबरेली में आयोजित पार्टी के चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान हर ग्राम पंचायत तक कांग्रेस को पहुंचाने का रोड़ मैप भी तैयार किया था। कांग्रेस की तैयारी थी कि पूरे प्रदेश में किसान आंदोलन चला कर किसानों को समझाया जायेगा कि सरकार ने उनके लिए कुछ भी नहीं किया है और केवल कांग्रेस ही उनके हक की लड़ाई लड़ सकती है।
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कांग्रेस की ही राह पर सपा और बसपा
कांग्रेस की ही तरह सपा और बसपा भी गांव और किसानों को सरकार विरोधी अपने आंदोलनों में केंद्र बिंदु रख रही है। बताते चले कि विपक्षी दलों सपा और बसपा का यूपी में बड़ा आधार वोट गांव में ही है। ऐसे में गांव और किसानों को लुभाने वाला आम बजट अब उनके वोट बैंक को भी प्रभावित कर सकता हैै। खास बात यह है कि बीते लोकसभा चुनाव में भी भाजपा सरकार की किसान सम्मान निधि योजना ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य विपक्षी दलों पर भारी पड़ी थी।
बजट की यह घोषणाएं योगी सरकार के लिए होंगी सहायक
इसके अलावा आम बजट 2020-21 में कृषि ऋण के लिए जिस तरह पंद्रह लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, उसकी बड़ी हिस्सेदारी सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के नाते उत्तर प्रदेश को मिलना लाजिमी है। बजट की यह घोषणाएं योगी सरकार और भाजपा नेताओं की आवाज को बुलंद करने में सहायक होंगी। ऐसे में विपक्षी दलों को योगी सरकार पर हमलावर होने के लिए गांव-किसान से अलग हट कर रणनीति बनानी होगी।
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