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नहीं जानते होंगेः लालजी टंडन की जिंदगी के ये अनछुए पहलू, पढ़ें यहां

लालजी टंडन अगर राजनीती में नहीं आते तो शायद अपने खानदानी लखनवी चिकन एम्ब्रायडरी का बिजनेस ही संभाल रहे होते।

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Published on: 21 July 2020 1:11 PM IST
नहीं जानते होंगेः लालजी टंडन की जिंदगी के ये अनछुए पहलू, पढ़ें यहां
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लखनऊ: लालजी टंडन अगर राजनीती में नहीं आते तो शायद अपने खानदानी लखनवी चिकन एम्ब्रायडरी का बिजनेस ही संभाल रहे होते। 1991 के लोकसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा लालजी टंडन को अपना चुनाव प्रचार अभियान सँभालने का दायित्व सौंपा गया था। उस समय वे अपने चिकन एम्ब्रायडरी में ही संलिप्त थे। जानते हैं लालजी टंडन से जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में।

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कुछ तथ्य

- लालजी टंडन के पिता का नाम शिवनारायण टंडन और माता का नाम अन्नपूर्णा देवी था। लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 को चौक, लखनऊ में हुआ था।

- लालजी टंडन का विवाह २६ फरवरी १९५८ को कृष्णा टंडन के साथ हुआ था। उनके तीन बेटे आशुतोष टंडन ‘गोपाल जी’,सुबोध टंडन और अमित टंडन हैं और चार पौत्र हैं। बड़े बेटे आशुतोष यूपी सरकार में मंत्री हैं।

पौत्र कुशाल टंडन लोकप्रिय शो बिग बॉस के प्रतिभागी रह चुके हैं

- लालजी टंडन के पौत्र कुशाल टंडन लोकप्रिय शो बिग बॉस के प्रतिभागी रह चुके हैं। कुशाल एक टीवी आर्टिस्ट हैं।

- लालजी टंडन ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध कालीचरण डिग्री कालेज से ग्रेजुएशन किया था।

- लालजी टंडन १२ साल की उम्र से की आरएसएस से जुड़ गए थे। लालजी टंडन ने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जारी जेपी आंदोलन में भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया था।

2002 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने लालजी टंडन को अपना भाई बनाया

- 22 अगस्त 2002 को बसपा सुप्रीमो मायावती ने लालजी टंडन को अपना भाई बनाया और उन्हें चांदी की राखी बांधी थी।

- अप्रैल २००४ में अपने जन्मदिवस पर लालजी टंडन ने महिलाओं को मुफ्त साड़ियाँ बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें भगदड़ मच जाने से २१ लोगों की मौत हो गयी थी। इस मामले में बाद में उनको क्लीन चिट दे दी गयी थी।

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- १५ वीं लोकसभा चुनाव में लालजी टंडन ने कांग्रेस की प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को ४० हजार मतों से हराया था।

- लालजी टंडन खाने के बहुत शौक़ीन थे। काली गाजर का हलुवा और चाट उनके पसंदीदा आइटम थे। टंडन जी को पान का भी बहुत शौक था।

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