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UP News: पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगे 5 आधुनिक बस अड्डे, होंगी सभी सुविधाएं

UP News: पीपीपी मॉडल के अंर्तगत उत्तर प्रदेश के लखनऊ में विभूति खण्ड, प्रयागराज में सिविल लाइंस और आगरा में आगरा फोर्ट बस स्टैंड,गाजियाबाद में कौशांबी और पुराना गाजियाबाद में दो नए बस स्टेशन बनेंगे।

Vertika Sonakia
Published on: 7 Jun 2023 7:03 PM IST
UP News: पीपीपी मॉडल पर विकसित होंगे 5 आधुनिक बस अड्डे, होंगी सभी सुविधाएं
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Pic Credit - Social Media

UP News: उत्तर प्रदेश परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशनों के विकास के लिए पीपीपी गाइडलाइंस उत्तर प्रदेश-2016 में परिभाषित नियमों के अनुसार चयनित बस अड्डों का विकास होगा।

इन क्षेत्रों में खुलेंगे बस अड्डे

इस निविदा के तहत पीपीपी मॉडल के अंर्तगत उत्तर प्रदेश के लखनऊ में विभूति खण्ड, प्रयागराज में सिविल लाइंस और आगरा में आगरा फोर्ट बस स्टैंड,गाजियाबाद में कौशांबी और पुराना गाजियाबाद में दो नए बस स्टैंड बनेंगे। इन सभी बस स्टैंड का जल्द निर्माण कार्य प्रारम्भ होगा।

बस स्टैंड निर्माण के लिए करोड़ों का निवेश प्राप्त

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) को हवाई अड्डों की तर्ज पर पीपीपी मॉडल का उपयोग करते हुए इन पांच बस स्टैंडों को बदलने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। निवेश से 2,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरी के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।

क्या होता है पीपीपी मॉडल

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) सार्वजनिक परियोजनाओं और एक नई दूरसंचार प्रणाली, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली, हवाई अड्डे या बिजली संयंत्र जैसी पहलों के लिए एक वित्त पोषण मॉडल है। सरकारी एजेंसियां स्थानीय, राज्य और/या राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक भागीदार का प्रतिनिधित्व करती हैं। निजी भागीदार एक निजी स्वामित्व वाला व्यवसाय, सार्वजनिक निगम या विशिष्ट क्षेत्र की विशेषज्ञता वाली कंपनियों का संघ हो सकता है।

पीपीपी एक व्यापक शब्द है जिसे एक साधारण, अल्पकालिक प्रबंधन अनुबंध से निजी निवेश आवश्यकताओं के साथ या बिना - एक दीर्घकालिक अनुबंध के लिए लागू किया जा सकता है जिसमें धन, योजना, निर्माण, संचालन, रखरखाव और विनिवेश शामिल है। पीपीपी परियोजनाएं (जिन्हें P3 परियोजनाओं के रूप में भी जाना जाता है) बड़े उपक्रमों के लिए सहायक होती हैं जिन्हें शुरू करने के लिए अत्यधिक कुशल श्रमिकों की खरीद और महत्वपूर्ण नकद परिव्यय की आवश्यकता होती है।

पीपीपी मॉडल सरकार द्वारा इस लिए अपनाया जाता जिससे किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए धन एवं संसाधन प्राप्त हो हो सके। इससे कार्य समय पर पूरा हो जाता है। सरकार पर कार्य दबाव कम हो जाता है। इसके अलावां सरकारी और निजी क्षेत्र के अनुभवों से परियोजना जल्द व बेहतर होता है।



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