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आसमानी प्रलय से धान की फसल बर्बाद, कृषि अधिकारी दे रहे ऐसा बेतुका बयान
जिला कृषि अधिकारी सत्येंद्र कुमार का बयान किसानों के विपरीत है।दरअसल उन्होंने बताया कि बरसात कुछ फसलों के लिए फायदेमंद है वहीं सर्वे कर जिले में हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
हरदोई सरकार कह रही अधिकारी जमीन पर रहकर काम करें लेकिन अधिकारी है सुधरने का नाम नही ले रहे।अब हरदोई के कृषि अधिकारी का बयान किसानों के प्रति संवेदनहीनता दिखा रहा है।दरअसल अधिकारी एसी कमरे से बाहर निकलने के बजाए हवा में काम कर रहे जिसकी वजह से किसानों में अधिकारी को लेकर आक्रोश है।
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दरअसल हरदोई में चौबीस घण्टे रुक रुक कर तेज हवा चली और आंशिक रूप से चौबीस घण्टे हुई बरसात के चलते धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है जिससे किसानों की धान की फसल गिर गई है।किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है वहीं कृषि अधिकारी का बेतुका बयान आया है कि फसल में बरसात से फायदा हुआ है फिर भी सर्वे करा रहे है।वहीं जिन किसानों की फसल खराब हुई है उनके हाल कृषि अधिकारी एसी कमरे में वैठकर क्या जानेंगे।
अच्छी फसल की उम्मीद
हरदोई जिले में जब धान की फसल लगानी किसानों ने शुरू की थी तो शुरुआत में बरसात अच्छी होने की वजह से इस बार किसानों को अच्छी फसल की उम्मीद थी लेकिन अब इसी बरसात की वजह से किसानों के अरमान पानी में बह गए।2 दिनों से बारिश और हवा की वजह से जिले के कई हिस्सों में धान और गन्ने की फसल अधिक मात्रा में गिर गई है।
सोशल मीडिया से
अब प्राकृतिक आपदा से परेशान किसानों का कहना है कि फसल में लागत लगाने के बाद अब मौसम की मार की वजह से धान की फसल गिर गई।जिससे उन्हें काफी दिक्कतें है।लेकिन वहीं जिला कृषि अधिकारी सत्येंद्र कुमार का बयान किसानों के विपरीत है।दरअसल उन्होंने बताया कि बरसात कुछ फसलों के लिए फायदेमंद है वहीं सर्वे कर जिले में हुए नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।
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आंशिक फसल खराब
किसानों का कहना है कि अधिकारी अपने एसी लगे दफ्तर के कमरों में बैठकर काम करते है जिससे वह किसानों का दर्द क्या समझेंगे।किसानों का कहना है कि कोई कोई किसान बटाई पर खेत लेकर धान लगाए है और ऐसे में जब उनकी भले ही आंशिक फसल खराब हुई हो लेकिन इसका अगर उन्हें उचित मुआवजा मिल जाये तो बेहतर है।लेकिन जब अफसर दफ्तर में बैठकर काम करेंगे तो किसान का भला कितना होगा यह तो समय बताएगा।
हरदोई रिपोर्टर मनोज तिवारी