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यूपी उपचुनावः 88 उम्मीदवारों का मंगल खास, फैसला सुनाएंगे मतदाता
यूपी में विधानसभा के आमचुनाव के पहले सात सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर मंगलवार को सुबह से मतदान शुरू होगा जो शाम तक चलेगा। इसे विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है।
लखनऊ: यूपी में विधानसभा के आमचुनाव के पहले सात सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर मंगलवार को सुबह से मतदान शुरू होगा जो शाम तक चलेगा। इसे विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। उपचुनाव में सात सीटों के लिए कुल 88 उम्मीदवार मैदान में है। इस चुनाव के लिए जहां सत्ता पक्ष अपने विकास कार्य को लेकर मैदान में है वहीं विपक्षी दल सरकार की नाकामी को लेकर जनता के बीच हैं। उपचुनाव का परिणाम 10 नवंबर को आएगा।
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी
यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि सातों सीटों पर जहां उप चुनाव होना है वहां निष्घ्पक्ष, शांतिपूर्ण, समावेशी और कोविड-19 को ध्यान में रखकर सुरक्षित मतदान के लिए समस्त तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्होंने वोटर्स से अपील की है कि कोविड-19 से सुरक्षा के लिए किये गये उपायों का पूरी तरह पालन करते हुए शारीरिक दूरी बनाकर मतदान करें। सातों सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में निर्दलीय समेत कुल 88 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें सर्वाधिक 18 प्रत्याशी बुलंदशहर सीट पर हैं।
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16 उम्मीदवार आमने-सामने
जौनपुर जिले की मल्हनी सीट पर 16 उम्मीदवार आमने-सामने हैं। अमरोहा जिले की नौगांव-सादात सीट और देवरिया सीट पर 14-14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा फिरोजाबाद की टूंडला और उन्नाव की बांगरमऊ सीट पर 10-10 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि कानपुर की घाटमपुर विधानसभा सीट पर सबसे कम छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इसके साथ ही भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा ने इस चुनाव में अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। कुछ सीटों पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
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छह सीटें पहले सत्तारूढ़ भाजपा के पास
मंगलवार (तीन नवंबर) को जिन सीटों पर मतदान होना है उनमें से छह सीटें पहले सत्तारूढ़ भाजपा के पास थीं और एक सीट सपा के पास रही हैं। कानून व्यवस्था को लेकर सपा बसपा और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी सभाओं में भाजपा पर खूब हमले किए हैं। वहीं भाजपा नेताओं स्वतंत्रदेव सिंह डा दिनेषषर्मा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विपक्ष को घेरने का खूब काम किया है। पहली बार इस चुनाव में दलितों की एक नई पार्टी आजाद समाज पार्टी भी चुनाव मैदान में है। चंद्रशेखर के नेतृत्व में बनी आजाद समाज पार्टी का उदय भीम आर्मी के राजनीतिक आंदोलन के फलस्वरूप हुआ है। पार्टी ने बुलंदशहर में मोहम्मद यामीन को अपना उम्मीदवार बनाया है।