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पाक की हैवानियत: नाबालिग लड़की के अपहरणकर्ता को दी सुरक्षा, हुआ धर्म परिवर्तन

सिंध उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) को निर्देश दिया गया है कि उत्पीड़न को रोकने के लिए कोई भी गिरफ्तारी न की जाए और इसके बजाय विवाहित जोड़े को सुरक्षा प्रदान की जाए।

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Published on: 2 Nov 2020 4:31 PM IST
पाक की हैवानियत: नाबालिग लड़की के अपहरणकर्ता को दी सुरक्षा, हुआ धर्म परिवर्तन
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पाक की हैवानियत: नाबालिग लड़की के अपहरणकर्ता को दी सुरक्षा, हुआ धर्म परिवर्तन

इस्लामाबाद: भारत में इन दिनों लव जिहाद का मुद्दा गर्माया हुआ है। तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की एक अदालत ने चौंकाने वाला फैसला सुनाते हुए 13 वर्षीय ईसाई लड़की को उसके 44 वर्षीय अपहरणकर्ता अली अजहर के सुपुर्द कर दिया। ईसाई लड़की को 13 अक्तूबर को कराची की रेलवे कॉलोनी के उसके घर से अपहरण कर लिया गया था। फिर उसके बाद दुष्कर्म किया गया और जबरन इस्लाम धर्म अपनाने, अपहरणकर्ता से शादी करने के लिए मजबूर किया गया।

पीड़िता की उम्र 31 जुलाई, 2007

बता दें कि इस संबंध में पाकिस्तान के एक पत्रकार बिलाल फारूकी ने एक ट्वीट कर अदालत के इस एकतरफा फैसले के बारे में बताया है। अपने ट्वीट के साथ उन्होंने सिंध सरकार की ओर से जारी किया गया अगवा लड़की का जन्म प्रमाणपत्र भी साझा किया है। इसमें पीड़िता की उम्र 31 जुलाई, 2007 लिखी हुई है। इस बात के सबूत होने के बावजूद कि पीड़िता नाबालिग है, अदालत ने अपहरणकर्ता को निर्देश दिया कि वह लड़की को उसके द्वारा हस्ताक्षरित शपथ पत्र के आधार पर साथ रखे।

2014 में सिंध बाल विवाह निरोधक कानून बना था

ध्यान देने वाली बात ये है कि सिंध प्रांतीय सभा ने साल 2014 में सिंध बाल विवाह निरोधक कानून बनाया था। ताकि बाल विवाह पर रोक लगाई जा सके और ऐसे किसी अपराध में लिप्त बालिग पुरुषों को तीन साल तक की सजा दी जा सके। आरोपी अली अजहर पहले से शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं।

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उत्पीड़न को रोकने के लिए कोई भी गिरफ्तारी न की जाए

सिंध उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) को निर्देश दिया गया है कि उत्पीड़न को रोकने के लिए कोई भी गिरफ्तारी न की जाए और इसके बजाय विवाहित जोड़े को सुरक्षा प्रदान की जाए। अपने फैसले में अदालत ने कहा कि नाबालिग लड़की ने इस्लाम धर्म अपना लिया है और अपना नाम आरजू फातिमा रखा है। अदालत ने कहा कि लड़की ने अली अजहर से अपनी 'स्वतंत्र इच्छा' और बिना किसी डर या खौफ के खुद शादी की है। इससे पहले अली अजहर ने एक नकली विवाह प्रमाणपत्र पेश किया था, जिसमें कहा गया था कि लड़की 18 साल की है और नाबालिग नहीं है।

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भगवान के लिए मेरी बेटी को बचाएं- पीड़िता की मां

नाबालिग लड़की की मां रीटा ने पहले निवेदन किया था, 'भगवान के लिए मेरी बेटी को बचाएं। हम बहुत चिंतित हैं। कृपया हमारी सहायता करें। वह और उनके समर्थक हमें डरा रहे हैं और हमें इन लोगों से खतरा है। कृपया हमारी अपील सुनें।' बेटी के अगवा होने के बाद उनकी नौकरी चली गई और उन्हें अली अजहर से धमकियां मिलनी शुरू हो गईं।

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