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जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करे मोदी सरकार- कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग प्रतिनिधियों की बैठक में शनिवार को जातिगत जनगणना का मुद़दा छाया रहा। कांग्रेस ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि यूपीए सरकार ने 2011 में देश में जातिगत जनगणना कराई है।
अखिलेश तिवारी
लखनऊ: प्रदेश कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग प्रतिनिधियों की बैठक में शनिवार को जातिगत जनगणना का मुद़दा छाया रहा। कांग्रेस ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि यूपीए सरकार ने 2011 में देश में जातिगत जनगणना कराई है। केंद्र की मोदी सरकार ने इन आंकडों को छुपा लिया है। अब वक्त आ गया है कि केंद्र सरकार पिछडों की आबादी के आंकडे सार्वजनिक करे और अगले साल शुरू होने वाली जनगणना में भी जातिगत जनगणना कराई जाए।
पिछडा वर्ग विभाग की बैठक
विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर शनिवार को आयोजित पिछडा वर्ग विभाग की बैठक में प्रदेश के कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में 15 सूत्रीय प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस ने पिछडा वर्ग के उत्थान के लिए संघर्ष का आह़वान किया। प्रस्ताव में बताया गया कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार ने 2011 में पूरे देश में जाति आधारित जनगणना कराई थी लेकिन जब जनगणना आंकडे जारी हुए तब केंद्र में बैठी भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने जातिगत आंकडे जारी ही नहीं होने दिए।
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पिछली जनगणना के आंकडे करे सार्वजनिक
इससे देश में पिछडों व अन्य जातियों की सामाजिक व आर्थिक दशा के बारे में लोगों को पता ही नहीं चल पाया। इस प्रस्ताव के जरिये कांग्रेस ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अगले साल शुरू हो रही जनगणना में जातिगत आधार शामिल करे और पिछली जनगणना के आंकडे भी सार्वजनिक करे। बैठक में पिछडे वर्ग को सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों, शिक्षा संस्थानों की नौक्रियों में प्रतिनिधित्व देने और संविदा नौकरी व्यवस्था खत्म करने की मांग करने के साथ ही पिछडों पर हो रहे अत्याचार मामलों में मुआवजा देने की मांग की गई है।
सपा और भाजपा एक दूसरे से मिली हुई हैं...
बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी चाहे पिछड़े वर्ग के नौकरियों में आरक्षण का मामला हो, उच्च शिक्षा में आरक्षण का मामला रहा हो, उत्पीड़न का मामला रहा हो, पिछड़े वर्ग के हितों का मामला हो, सदैव संघर्ष के लिए तत्पर रही है। सडक से सदन तक कांग्रेस के लोग सत्ता से लडते रहे है। सपा और भाजपा एक दूसरे से मिली हुई है। समाजवादी पार्टी और भाजपा ने सिर्फ पिछड़ों के अधिकारों को हड़पने का काम किया है। पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक नरेश सैनी ने कहा कि पूरे प्रदेश में योगी की सरकार में पिछड़ों पर अत्याचार हो रहे हैं।
पिछड़े वर्ग को एकजुट होकर अपने हक के लिए संघर्ष करना होगा
उनके हक और अधिकार को छीनने का काम किया जा रहा है। ऐसे में पिछड़े वर्ग के लोगों को एकजुट होकर अपने हक और अधिकार के लिए संघर्ष करना होगा। कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा कि पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश से लेकर ब्लाक स्तर तक व गांव-गांव तक संगठन बनाना है। पिछड़े वर्ग के लोगों को संगठित करना है। इस मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संगठन के दोनों कार्यकारी अध्यक्ष नरेश सैनी,विधायक और मनोज यादव का स्वागत किया गया। बैठक को पूर्व मंत्री आरके चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी सम्बोधित किया।
बैठक में पारित प्रस्ताव
1. पिछड़े वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में संसाधनों, सरकारी नौकरियों व सभी सार्वजनिक उपक्रमों में भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
2. वर्ष 2011 में कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में जातिगत जनगणना कराई गई थी जिसको मोदी सरकार ने दबाकर रखा है। हमारी यह मांग है कि जातिगत जनगणना के आंकड़ों को जातिवार सार्वजनिक किया जाए।
3. वर्ष 2021 की जनगणना में जातिगत जनगणना भी कराई जाए और उसके आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाए ताकि पिछड़े वर्ग को अपने अधिकारों के संरक्षण व अपनी भागीदारी सुनिश्चित कराने में मदद मिल सके।
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4. सरकारी नौकरियों में ठेके/संविदा के आधार पर नियुक्ति का यह प्रतिनिधि सभा पुरजोर विरोध करती है और यह मांग करती है कि सभी सार्वजनिक उपक्रमों की नियुक्यिां स्थायी तौर पर की जाएं।
5. पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों का उत्पीड़न, पुलिस इनकाउण्टर में मारे गये निर्दोष लोगों तथा राजनीतिक व सामाजिक विद्वेष में मारे गये पिछड़े वर्ग के लोगों को न्याय और उनके परिजनों को उचित मुआवजा सरकार प्रदान करे।
6. मोदी सरकार द्वारा लगातार सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है जिससे सभी संस्थानों पर पूंजीपतियों और शोषणकारी व्यवस्था के पोषक तत्वों का कब्जा हो रहा है हम पिछड़े वर्ग के सभी प्रतिनिधि इसकी घोर निन्दा करते हैं और सरकार की मंशा को समझते हैं वह सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण करके लगातार पिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने का प्रयास कर रही है।
7. बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ रही है। चूंकि पिछड़ा वर्ग सर्वाधिक भूमिहीन है और दैनिक कमाई पर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। अतः सरकार इनके रोजी-रोटी और जीवन-यापन के लिए आर्थिक निर्णय ले तथा संगठित व असंगठित क्षेत्रों में लगातार मंदी के कारण लोगों की नौकरियां गई हैं जिन लोगों की नौकरियां गई हैं उन लोगों को सरकार रोजगार दे अन्यथा उनके भरण पोषण के लिए निश्चित मानदेय की व्यवस्था की जाए।
8.चूंकि कांग्रेस पार्टी इस देश में गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी तथा लोगों की बेबसी को देखते हुए न्याय योजना का प्रस्ताव लायी थी जिसके माध्यम से प्रत्येक परिवार को 6 हजार रूपये प्रतिमाह और साल भर में 72 हजार रूपये देने की व्यवस्था करने का वादा किया था। जो इस दौर में प्रासंगिक और लोगों के लिए जरूरी है। अतः इस न्याय योजना को लागू कराने के लिए पिछड़ा वर्ग विभाग संघर्ष करेगा।
9.कृषि-भारत की बहुसंख्यक पिछड़ा वर्ग आबादी अपने जीवन यापन के लिए कृषि आधारित अर्थव्यवस्था पर निर्भर है। सरकारी उपेक्षाओं के कारण कृषि व्यवस्था अब लाभकारी नहीं रह गया है जिससे लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया है। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ साजिश के तहत नया बिल लाकर खेती, किसानी करने वाले लघु और सीमान्त किसान जो पिछड़े वर्ग से जुड़े हुए हैं उनके शोषण के लिए पूंजीपतियों के हाथ में फसल खरीदने का जिम्मा देकर खेती किसानी से जुड़े हुए लोगों को बर्बाद करना चाहती है। कृषि व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार पर दबाव बनाकर कृषि व्यवस्था को लाभकारी बनाने के लिए संघर्ष करेंगे।
10. जो भी निजी उपक्रम सरकारी बैंकों या इस देश के लोगों की गाढ़ी कमाई को बतौर कर्ज या उद्योग के नाम पर कर्ज लेकर चलाये जा रहे हैं उन सभी संस्थानों में पिछड़े वर्ग को आरक्षण प्रदान किया जाए।
11.केन्द्रीय विवि, राज्य स्तरीय विवि, शैक्षणिक संस्थाओं में निम्न पदों से लेकर उच्च पदों तक आरक्षण की व्यवस्था को सुदृढ़ और पारदर्शी करते हुए पिछड़े वर्ग के लोगों की पर्याप्त भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
12.पिछड़े वर्ग के उन्नयन के लिए छात्रावासों, अस्पतालों तथा उनके रहने के लिए मुफ्त व्यवस्था कराई जाए।
13. सरकारी उपक्रम जैसे रेलवे, टेलीफोन, एयरवेज और नौरत्न कंपनियों को निजी हाथों में बेंचने का हम पिछड़े वर्ग के लोग विरोध करेंगे।
14. इस देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को कायम करने के लिए लोगों ने शहादतें दी हैं और संविधान में पिछड़े वर्गों के सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक न्याय की संकल्पना की गयी है। वर्तमान केन्द्र की सरकार लगातार संवैधानिक व्यवस्था को ध्वस्त करने और लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का प्रयास कर रही है। इस तानाशाही सरकार के खिलाफ पिछड़े वर्ग के लोग लामबन्द होकर सरकार की लोकतंत्र विरोधी नीतियों की मुखालफत करेगी।
15. अंतिम और महत्वपूर्ण प्रस्ताव यह है कि कांग्रेस पार्टी सभी वर्गों की पार्टी है। अतः हमारी मांग है कि संगठन, टिकट बंटवारे और महत्वपूर्ण पदों पर पिछड़े वर्ग की व्यापक जनसंख्या को देखते हुए व्यापक प्रतिनिधित्व देगी।
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