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UP सरकार ने जारी की कोरोना मरीजों की नई डिस्चार्ज नीति, जान लीजिए ये जरूरी बातें

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच यूपी का स्वास्थ्य महकमा भी नई-नई रणनीति बना रहा है। रोज नई गाइडलाइन जारी हो रही है। अब यूपी में कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज करने के लिए नई पालिसी तैयार की है।

Newstrack
Published on: 21 July 2020 6:47 PM GMT
UP सरकार ने जारी की कोरोना मरीजों की नई डिस्चार्ज नीति, जान लीजिए ये जरूरी बातें
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लखनऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच यूपी का स्वास्थ्य महकमा भी नई-नई रणनीति बना रहा है। रोज नई गाइडलाइन जारी हो रही है। अब यूपी में कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज करने के लिए नई पालिसी तैयार की है। यूपी के अपर मुख्य सचिव अमित स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को राज्य के सभी जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों तथा सभी महिला, पुरूष व संयुक्त चिकित्सालयों के अधीक्षकों को पत्र लिख कर नई डिस्चार्ज पालिसी की जानकारी दी है।

इस नई डिस्चार्ज पालिसी में लक्षण विहीन रोगियों, हल्के लक्षणों वाले रोगियों, मध्यम लक्षणों वाले रोगियों तथा गंभीर लक्षण वाले रोगियों को डिस्चार्ज करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए है।

होम आइसोलेशन में रखे गए लक्षण विहीन मरीजों की व्यवस्था

जिन मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी गई है, जिला सर्विलांस अधिकारी उनकी इंट्री कोविड पोट्रल पर होम आइसोलेशन के तहत करेंगे। जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी होम आइसोलेशन शुरू होने से 10 दिनों तक रोज फोन के जरिए ऐसे मरीजों के स्वास्थ्य की जानकारी करने की व्यवस्था करेंगे। अगर इन मरीजों में 10 दिनों में किसी तरह का कोई लक्षण दिखाई देता है तो उनकी आयु तथा को-मार्बिडिटीज की स्थिति के मुताबिक कोविड उपचार इकाई में भर्ती कराया जायेगा। 10 दिनों तक कोई लक्षण न दिखाई देने पर मरीज को संक्रमण मुक्त माना जायेगा तथा पोर्टल पर उसकी इंट्री की जायेगी। ऐसे मामलों में किसी फालोअप की जरूरत नहीं होगी लेकिन मरीज को 07 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना होगा।

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कोविड उपचार इकाई में भर्ती लक्षण विहीन मरीजों की व्यवस्था

ऐसे मरीजों को प्रारम्भिक जांच के 10वें दिन या भर्ती होने के सातवें दिन, दोनो में से जो तिथि बाद में आए, पर बिना किसी जांच के डिस्चार्ज किया जायेगा। ऐसे मरीजों को डिस्चार्ज के बाद भी 08 दिन होम आइसोलेशन में रहना जरूरी होगा।

कम लक्षण वाले मरीजों के लिए व्यवस्था

इसमे उन मरीजों को लिया जायेगा जिनमे बहुत हल्के लक्षण जैसे, हल्की खांसी, बुखार, गले में दर्द, गले में खराश आदि दिखाई दिए हो। इन मरीजों का फालोअप सैंपल ट्रू नाट मशीन पर जांच के लिए पहले सैंपल लिए जाने के 08वें दिन लिया जायेगा। फालोअप सैंपल के निगेटिव आने पर इन मरीजों को पहले सैंपल लिए जाने के 10वें दिन और बगैर बुखार के 03 दिन के बाद डिस्चार्ज किया जायेगा। इन मरीजों को 07 दिन होम आइसोलेशन में रहना होगा।

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घर पर बनी खिचड़ी

मध्यम व गंभीर लक्षणों वाले मरीजो की व्यवस्था

मध्यम श्रेणी में उन मरीजों को रखा जायेगा, जिनमे लोअर रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट इन्फेक्शन के लक्षण जैसे, खांसी, बुखार आदि के साथ सांस लेने में परेशानी, नेजल फ्लेयरिंग, पसली चलना तथा तेज सांस लेना दिखाई दिया हो। ऐसे मरीजों को एल-2 या एल-3 सुविधा वाले कोविड अस्पतालों में भर्ती किया जायेगा।

गंभीर लक्षणों की श्रेणी में ऐसे मरीजों को रखा जायेगा, जिनमे आक्सीजन दिए जाने पर भी आक्सीजन सेचुरेशन मेंटेन नहीं हो रहा हो और जिन्हे वेंटीलेटर की जरूरत हो या कैंसर, एचआईवी या अंग प्रत्यारोपण करवा चुके हो। ऐसे मरीजों को एल-2 या एल-3 सुविधा वाले कोविड अस्पताल में भर्ती किया जायेगा। मध्यम और गंभीर दोनों श्रेणियों के रोगियों का फालोअप रोगी के लक्षणविहीन होने के बाद तीन दिन तक या पहले सैंपल लिए जाने के 12वें दिन के बाद लिया जायेगा। फालोअप सैंपल निगेटिव आने पर मरीज को 07 दिन होम आइसोलेशन की सलाह देकर डिस्चार्ज किया जायेगा।

इसके अलावा सभी प्रकार के लक्षणों को डिस्चार्ज करने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि मरीज में किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई न दे रहे हो, तीन दिन से उसे बुखार न आया हो तथा आक्सीजन सैचुरेशन 94 प्रतिशत के ऊपर हो। इसके अलावा गंभीर लक्षण वाले मरीजों को डिस्चार्ज करने से पहले उनका सीने का एक्स-रे कराया जाना जरूरी होगा।

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मरीज को डिस्चार्ज करने से पहले उसके कपड़ों, मोबाइल फोन, जूते-चप्पल समेत सभी समाग्री को सैनिटाइज किया जायेगा तथा उन्हे निर्देशित किया जायेगा कि वह घर पर सभी कपड़ों को गर्म पानी में डिटर्जेंट के साथ धुलवा कर ही इस्तेमाल में लाए और सभी मरीजों को होम क्वारंटाइन के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराया जायेगा। डिस्चार्ज के बाद अगर फिर से लक्षण नजर आते है तो मरीज को कोविड कंट्रोल सेंटर के हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देनी होगी। इसके अलावा डिस्चार्ज होने के 14 दिन के बाद अगर फिर से लक्षण आते है तो रोगी को नए मरीज की तरह पंजीकृत किया जायेगा।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव

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