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महिलाओं के लिए यूपी असुरक्षित: रेप-हत्या जैसी वारदात, पुलिस पर भी उठे सवाल
अभी हाथरस का मामला पूरी तरह से ठंडा भी नहीं हो पाया था कि बलरामपुर में उसी तर्ज पर एक दलित युवती के साथ हुए वीभत्स बलात्कार के बाद योगी सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल खडे हो गए है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ। यूपी में कानून व्यवस्था के हालात बद से बदत्तर होते जा रही है। राज्य सरकार के बडे बडे दावों के बाद भी अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अभी हाथरस का मामला पूरी तरह से ठंडा भी नहीं हो पाया था कि बलरामपुर में उसी तर्ज पर एक दलित युवती के साथ हुए वीभत्स बलात्कार के बाद योगी सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल खडे हो गए है। पुलिस का हाल यह है कि वह बेपरवाह होकर कानून की खुलेआम धज्जियां उडाने पर आमादा है। हाथरस कांड की तरह ही पुलिस ने यहां पर भी देर रात मृतका के षव को जला दिया।
हाथरस के बाद बलरामपुर में गैंगरेप
बलरामपुर में भी बुधवार को हाथरस कांड की तरफ ही दलित युवती से सामूहिक गैंग रेप का मामला सामने आया है। मामला थाना कोतवाली गैसड़ी ग्राम मझौली का है जहां पर एक दलित छात्रा से गैंगरेप और हत्या के मामले को दबाने के लिए पुलिस ने मृतका का रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया। इस कांड में भी 22 वर्षीय दलित छात्रा के साथ हुआ गैंगरेप के बाद दंरिदों ने युवती के कमर और दोनों पैर तोड़ दिए। बताया जा रहा है कि दलित छात्रा को नशे का इंजेक्शन लगा कर उसके साथ गेंग रेप किया गया। उसका मुंह कर दिया गया ताकि वह कुछ बोल न सके।
छात्रा को इंजेक्शन लगा कर गैंग रेप
दलित युवती बीए द्रितीय वर्ष की छात्रा थी और विमला बिक्रम महाविद्यालय मे एडमिशन करा कर अपने घर वापस लौट रही थी। तभी रास्ते मे किडनेपिंग कर छात्रा को इंजेक्शन लगा कर एक कमरे में ले जाकर उसके साथ गैंग रेप किया गया। जब घर वालों को इसकी जानकारी मिली तो वह उसे अस्पताल ले गए लेकिर अस्पताल ले जाते समय ही उसने दम तोड दिया। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।
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मानवाधिकार आयोग ने उठाया मुद्दा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हाथरस गैंगरेप-मर्डर केस की घटना पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए घटना की विस्तृत रिपोर्ट 4 सप्ताह में देने को कहा है। आयोग ने ये रिपोर्ट महाराष्ट्र के एक वकील की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए मांगी है ।
केस में पुलिस अधिकारी की भूमिका
महाराष्ट्र के एक वकील आदित्य मिश्रा ने आयोग से की गई शिकायत में मांग की है कि मामले की जल्द से जल्द सुनवाई शुरू की जाए और अगर इस केस में किसी भी पुलिस अधिकारी की भूमिका पाई जाती है। तो उस पुलिस अधिकारी के खिलाफ तत्काल अंतरिम निलंबन आदेश के साथ आपराधिक और अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाए।
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बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाने के गांव में 14 सितंबर को 19 साल की दलित लड़की के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया.रेप के बाद दरिंदों ने पीड़िता की जबान काट दी गर्दन की हड्डी तोड़ दी ।
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