×

यूपी के पूर्व मंत्री का निधनः कई नेताओं ने जताया शोक, ऐसा रहा राजनीतिक सफर

प्रख्यात समाजसेवी एवं लोकतंत्र सेनानी जमुना प्रसाद बोस का आज लखनऊ में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे वह पिछले 1 महीने से बीमार थे।

Shivani
Published on: 7 Sept 2020 10:49 PM IST
यूपी के पूर्व मंत्री का निधनः कई नेताओं ने जताया शोक, ऐसा रहा राजनीतिक सफर
X
प्रख्यात समाजसेवी एवं लोकतंत्र सेनानी जमुना प्रसाद बोस का आज लखनऊ में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे वह पिछले 1 महीने से बीमार थे।

लखनऊः अपनी अपनी इमानदारी और सत्ता के बल पर अलग पहचान बनाने वाले प्रख्यात समाजसेवी एवं लोकतंत्र सेनानी जमुना प्रसाद बोस का आज लखनऊ में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे वह पिछले 1 महीने से बीमार थे उनके निधन के बाद कई राजनीतिज्ञों ने गहरा दुख जताया है ।

लोकतंत्र सेनानी और प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री जमुना प्रसाद बोस के निधन

बांदा के रहने वाले बुजुर्ग राजनेता, दिग्गज समाजवादी योद्धा, पूर्व कैबिनेट मंत्री जमुना प्रसाद बोस का 95 साल के थे। अपने पीछे दो पुत्र, पुत्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए।

ये भी पढ़ेंः UP फतेह की तैयारी में उतरी ‘आप’, किया प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार, देखें लिस्ट

कल होगा अंतिम संस्कार

कोरोना से मौत के बाद कल मंगलवार को सुबह 11 बजे बोस का पार्थिव शरीर डॉ राममनोहर लोहिया के कोविड सेंटर से नगर महापालिका के शव वाहन से लखनऊ के बैकुंठ धाम लाया जाएगा। जहां राजकीय सम्मान के साथ वहां के विद्युत शवदाह गृह में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

UP former-cabinet-minister-jamuna-prasad-bose dead in lucknow

विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने जतया शोक

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने पूर्व मंत्री जमुना प्रसाद बोस के निधन का संदेश जानकर गहरा दुख व्यक्त किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संदेश ने कहा है कि बोस अभी तक किराए के मकान में रहते थे। उन्होंने जनता को ही अपना परिवार माना और उनके सुख-दुख में हमेशा शरीक होते रहे। ऐसी सादगी के प्रतीक बोस के निधन से जनपद बांदा ही नहीं पूरा प्रदेश शोकाकुल है। ऐसे महान सादगी के मूर्ति जमुना प्रसाद बोस के निधन से प्रदेश की राजनीति में अपूरणीय क्षति हुई है। दीक्षित ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह दिवंगत आत्मा को चिर शांति व शोकाकुल परिवार को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

जमुना प्रसाद बोस का राजनीतिक सफर

बांदा से 4 बार विधायक, तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे 95 वर्षीय जमुना प्रसाद बोस आज भी समाजवाद के सिद्धान्तों पर जीने वाले खांटी समाजवादी थे। त्याग, सादगी, जनसेवा, राष्ट्रभक्ति, लोकप्रियता, राजनेता, सच्चे पत्रकार थे जमुना प्रसाद बोस।

ये भी पढ़ेंः आत्मनिर्भर बना ये जिला: मिली कोविड हॉस्पिटल की सौगात, मंत्री ने किया उद्घाटन

UP former-cabinet-minister-jamuna-prasad-bose dead in lucknow

25 अक्टूबर 1925 को बांदा में जन्मे जमुना प्रसाद बोस ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में शामिल होने के बाद वह बुंदेलखंड़ में नेताजी के अति विश्वसनीय फौजी भी थे। नेताजी से नजदीकियों की वजह से लोगों ने उन्हें 'बोस' के नाम से संबोधित करने लगे।

ये भी पढ़ें- कैबिनेट मंत्री की मौत से जंग, नहीं मिल रही इलाज की सही व्यवस्था

देश जब गुलामी की जंजीरों में जकड़ा था, तब जमुना प्रसाद बोस जी ने आजादी की लड़ाई लड़ी। अंग्रेजी हुकूमत की दमनकारी नीतियों का विरोध करते हुए कोड़े खाए और यातना सही। आज़ादी के बाद लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष किया और जेल की सजा काटी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रभावित होकर जमुना प्रसाद बोस ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और जेल गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। ब्रिटिश हुकूमत से उनका लुकाछिपी का खेल चलता रहा। जेल से छूटने के बाद बोस जी आजादी के लिए संघर्ष करते रहे। आजादी के बाद आपातकाल का विरोध किया और एक बार फिर उन्हें जेल जाना पड़ा। पूरे 18 माह उन्होंने जेल में यातनाएं झेली।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Shivani

Shivani

Next Story