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बेरोजगारी पर सदन में बवाल, सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक

बेरोजगारी की इसी समस्या पर बल देते हुए कांग्रेस की तरफ अजय कुमार उर्फ लल्लू ने कहा कि सरकार ने बेरोजगारों को धोखा देने का काम किया है। कई विभागों मेें लाखों पद खाली पडे़ होने के बाद भी राज्य सरकार भर्तियां नहीं कर रही है।

Vidushi Mishra
Published on: 1 March 2021 5:38 PM IST
बेरोजगारी पर सदन में बवाल, सत्ता पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक
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नोटबंदी जीएसटी और कोरोना के कारण लाखो युवक बेरोजगार हो गए हैं जबकि भाजपा ने अपने संकल्पपत्र में 90 दिन के अंदर खाली पड़े पदों पर भर्ती करने का वादा किया था।

लखनऊ। यूपी विधानसभा में आज प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। जहां एक तरफ सत्ता पक्ष ने लाखों बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कही, वहीं विपक्ष नेे सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि वह बेरोजगारों के साथ छलावा कर रही है। कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष से श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की तरफ से बेरोजगारों को रोजगार देने के विभागीय आंकडे़ पेश करने के बावजूद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सदस्य असंतुष्ट दिखे। उन्होंने इसके खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी भी की जिसके चलते सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के स्थगित करना पड़ा।

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प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या

आज सदन की कार्यवाही में प्रश्नकाल के बाद नियम 56 के तहत नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने बढ़ती बेरोजगारी की समस्या से सदन को अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी हुई है।

नोटबंदी जीएसटी और कोरोना के कारण लाखो युवक बेरोजगार हो गए हैं जबकि भाजपा ने अपने संकल्पपत्र में 90 दिन के अंदर खाली पड़े पदों पर भर्ती करने का वादा किया था। श्री चौधरी ने कहा कि प्रदेश में पांच लाख सरकारी पद खाली पडे़ हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से रोजगार देने के जो आंकडे़ पेश किए जा रहे हैं उससे पांच छह गुणा रोजगार के आंकडे़ अखिलेश यादव की सरकार में भी पेश किए जा चुके हैं पर ये सब हकीकत से दूर हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को नौकरी न देना पडे़ इसलिए वह भर्ती परीक्षाओं को रोकने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है।

unemployment फोटो-सोशल मीडिया

बेरोजगारी की इसी समस्या पर बल देते हुए कांग्रेस की तरफ अजय कुमार उर्फ लल्लू ने कहा कि सरकार ने बेरोजगारों को धोखा देने का काम किया है। कई विभागों मेें लाखों पद खाली पडे़ होने के बाद भी राज्य सरकार भर्तियां नहीं कर रही है। उन्होेंने कहा कि राज्य सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है जिसके कारण बेरोजगार आत्महत्या करने को मजबूर है।

विपक्ष के इन आरोपों के बाद श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने सदन को अवगत कराते हुए कहा कि हमारी सरकार पारदर्शी सरकार है और हम नौकरी देने का काम करते हैं, नौकरी बेचने का नहीं करते हैं।

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भर्तियों में खूब भ्रष्टाचार

उन्होेने पिछली समाजवादी पार्टी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा उस समय अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, लोकसेवा आयोग और रेलवे भर्ती बोर्ड भर्तियों में खूब भ्रष्टाचार होता था लेकिन अब हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ बेरोजगारों को नौकरी में भर्ती कराने का काम कर रही है।

श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब तक हुई भर्तियों का विभागीय विवरण पेष करते हुए कहा कि तीन साल और 11 महीने की सरकार में अबतक तीस लाख दो हजार दो सौ तिरपन बेरोजगारों को रोजगार दिया जा चुका है। विपक्ष का ये पूरी तरह से बेबुनियाद है कि सेवायोजना कार्यालय में बेरोजगारो की संख्या बढी है।

इसके पीछे कारण है कि हमने पंजीकरण अभियान चलाने को काम किया है, साथ ही इसकी व्यवस्था में भी बदलाव किया है इसी कारण बेरोजगारों की संख्या विपक्ष को बढती हुई दिख रही है। उन्होेंने कहा कि सरकार की मंशा है कि अधिक से अधिक बेरोजगारों को रोजगार मिले।

इसके साथ ही श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने विपक्ष पर दोबारा हमला बोलते हुए कहा कि विरोधी दलों की सरकारों में नौकरियां बेचने का काम होता था। उनकी यह बात सुनते ही विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के सदस्य अपने आसन पर खडे़ होकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे।

इस पर विधानसभा अध्यक्ष हदयनारायण दीक्षित ने सदस्यों से अपना आसन ग्रहण करने का आग्रह किया पर विपक्षी सदस्य सरकारी विरोधी नारे लगाते हुए कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थें। विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार आग्रह के बाद भी जब विपक्षी सदस्य कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुए तो फिर सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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रिपोर्ट-श्रीधर अग्निहोत्री



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Vidushi Mishra

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