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UP की चिकित्सा सचिव ने बताया कीटाणुनाशक बनाने का तरीका, जानिए कैसे बनाएंगे

झिमोमी ने कहा है कि कोरोना वायरस खांसी व छींक इत्यादि से निकली संक्रमित छोटी-छोटी बूंदों एवं संक्रमित सतहों को छूने से फैलता है। सभी संभावित संक्रमित सतहों का कीटाणुशोधन करके इस वायरस के फैलाव की रोकथाम की जा सकती हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 26 April 2020 10:56 PM IST
UP की चिकित्सा सचिव ने बताया कीटाणुनाशक बनाने का तरीका, जानिए कैसे बनाएंगे
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लखनऊ: प्रदेश की चिकित्सा सचिव वी. हेकालीं झिमोमी ने यूपी के सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों तथा सचिवों को पत्र भेज कर राज्य के सभी व्यवसायिक, सार्वजनिक स्थानों तथा मेट्रो स्टेशनों को कीटाणु मुक्त करने के लिए बाजार में उपलब्ध ब्लीचिंग पाउडर के घोल का उपयोग करने की सलाह के साथ ही इस घोल को बनाने का तरीका भी बताया है।

झिमोमी ने कहा है कि कोरोना वायरस खांसी व छींक इत्यादि से निकली संक्रमित छोटी-छोटी बूंदों एवं संक्रमित सतहों को छूने से फैलता है। सभी संभावित संक्रमित सतहों का कीटाणुशोधन करके इस वायरस के फैलाव की रोकथाम की जा सकती हैं। बाजार में आसानी से उपलब्ध ब्लीचिंग पाउडर से बना घोल या तरल ब्लीच का उपयोग सतहों के कीटाणुशोधन के लिए किया जा सकता है।

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प्रदेश की चिकित्सा सचिव ने पत्र में घोल को बनाने की विधि भी बताई है। घोल तैयार करने से पहले रबर के दस्ताने, मास्क और एप्रन पहनें, ताकि आपके हाथ व कपड़े सुरक्षित रहें। अब घोल तैयार करने के लिए प्लास्टिक के पात्र में एक लीटर पानी लें। प्लास्टिक के पात्र में 12 चाय वाले चम्मच (60 ग्राम) ब्लीचिंग पाउडर (लगभग 33 प्रतिशत घनत्व) लें और गाढ़ा पेस्ट बनाने के लिए पात्र से थोड़ा पानी मिलायें। इसे अच्छी तरह से तब तक मिलाते रहें जब तक पेस्ट चिकना न हो जाए और इसमें दाने न हों। इस पेस्ट को पानी वाले पात्र में डालें और अच्छी तरह से मिलायें। प्रयोग से पहले अच्छी तरह से मिलाकर सुनिश्चित कर लें कि पात्र के नीचे कोई अवशेष नहीं बचा है।यह घोल सिर्फ तीन घण्टे तक इस्तेमाल किया जाए, इसके बाद नया घोल तैयार करें।

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सचिव ने एक अन्य विधि में सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल तैयार करने की विधि बतायी है। इसके लिए प्लास्टिक के पात्र में तरल ब्लीच (5 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट) का एक हिस्सा लें और इसमें छह भाग पानी अच्छी तरह मिलायें। घोल के भण्डारण के लिए पात्र का ढक्कन बन्द कर दें। इस घोल का इस्तेमाल छह घण्टे तक या खराब व गंदा होने तक, जो भी पहले हो, किया जा सकता है। संक्रमित सतहों को साफ व कीटाणुशोधित करने के लिए साफ कपड़ा इस्तेमाल करें।

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उन्होंने तैयार किए गए घोल को भीड़भाड़ वाले विभिन्न स्थानों, बाजारों की प्रत्येक दुकानो में करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक स्थलों में कोरोना-वायरस से बचाव के लिए प्रवेश द्वार पर अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर डिस्पेन्सर्स लगाये रखे जायेे तथा हाथ धोने के लिए अतिरिक्त सुविधाओं की व्यवस्था की जाए। व्यवसायिक स्थलों को हवादार रखने से (खिड़की इत्यादि खोलकर) संक्रमण के फैलने की संभावनाएं कम हो जाती है। कोरोना वायरस के फैलने से बचाव के तरीकों के प्रति स्टाफ में जागरूकता पैदा की जाए। व्यावसायिक स्थलों में भीड़ से बचाव किया जाए तथा डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया जाए।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव



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