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UP Nikay Chunav 2023: मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाने में इस बार भाजपा भी नहीं रही पीछे

UP Nikay Chunav 2023: भाजपा ने अल्पसंख्यक समुदाय के बड़े वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए इस बार लीक से हटकर नगरीय निकाय चुनाव में पहली बार बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं।

Sushil Kumar
Published on: 30 April 2023 1:35 AM IST
UP Nikay Chunav 2023: मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाने में इस बार भाजपा भी नहीं रही पीछे
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UP Nikay Chunav 2023 (Pic: Social Media)

Meerut News: उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटों पर जहां सपा-कांग्रेस, बसपा-रालोद आदि दलों की नजरें लगी हैं वहीं अब इसमें भाजपा भी शामिल हो गई है। भाजपा ने अल्पसंख्यक समुदाय के बड़े वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए इस बार लीक से हटकर नगरीय निकाय चुनाव में पहली बार बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। खास बात यह कि भाजपा ने मुसलमान प्रत्याशियों को आजमाने का ज्यादातर प्रयोग मुस्लिम बहुल पश्चिमी उप्र के मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बिजनौर, बदायूं आदि जिलों में किया है।

21 वार्डों में उतारा मुस्लिम प्रत्याशी

मेरठ की बात करें तो इस बार 21 वार्डों में भाजपा ने मुस्लिमों को टिकट दिये हैं। उधर पूरे प्रदेश की बात करें तो भाजपा ने निकाय चुनाव में 395 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें छह नगर पालिका परिषदों और 32 नगर पंचायतों के अध्यक्ष प्रत्याशियों के अलावा नगर निगमों के 100 पार्षद प्रत्याशी शामिल हैं। अब ये निकाय चुनाव के नतीजे बताएंगे कि मुस्लिमों पर भाजपा का दांव कितना कारगर होगा। पार्टी ने जिन निकायों और वार्डों में मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं, उनमें या तो वह कभी जीती नहीं या उनमें चुनाव लड़ी नहीं। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे पश्चिमी क्षेत्र मीडिया प्रभारी नासिर सैफी कहते हैं कि मुस्लिम प्रत्याशियों पर भरोसा जताकर वहीं अल्पसंख्यकों को भी यह संदेश दिया है कि वे उसके लिए अछूत नहीं रहे। उन्होंने कहा कि सभी प्रत्याशियों को अल्पसंख्यक मोर्चा पूरी मजबूती से चुनाव लड़ाएगा।

बसपा 90 में से 74 वार्डों में प्रत्याशियों को सिंबल दे चुनाव लड़ा रही है। इनमें 23 मुस्लिम हैं। वहीं सपा ने 62 वार्डों में 33 मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया है। इंडियन मुस्लिम लीग ने सात, आप ने 13 मुस्लिम पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने मेयर पद पर मुस्लिम को टिकट दिया है। इसके अलावा 30 से अधिक वार्डों पर मुस्लिमों को टिकट दिया है। दरअसल, जैसा कि जानकारों का कहना है कि अतीक अहमद कांड के बाद उठे विवाद के बीच सपा खुद को मुस्लिमों का समर्थन पाने के लिए मजबूत दावेदार के तौर पर पेश कर रही है। उधर, भाजपा अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के जरिये मुस्लिमों के समर्थन की उम्मीद में है।



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Sushil Kumar

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