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Up Nikay Chunav 2023: टिकटों के ऐलान के बाद भाजपा में असंतुष्टों को मनाना चुनौती, सपा की मजबूत दावेदारी ने बढ़ाई टेंशन

Barabanki News: निकाय चुनाव के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भाजपा के अन्य दानेदारों में अंदरखाने कहीं न कहीं असंतोष दिखाई पड़ने लगा है।

Sarfaraz Warsi
Published on: 28 April 2023 3:58 PM IST (Updated on: 28 April 2023 6:20 PM IST)
Up Nikay Chunav 2023: टिकटों के ऐलान के बाद भाजपा में असंतुष्टों को मनाना चुनौती, सपा की मजबूत दावेदारी ने बढ़ाई टेंशन
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UP Nikay Chunav 2023

UP Nikay Chunav 2023: गर पालिका नवाबगंज और 13 नगर पंचायतों में अध्यक्ष और सभासद पद के प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है। लंबे चिंतन-मनन के बाद भी भाजपा ने ज्यादातर पुराने चेहरों पर ही दांव लगाया है। वहीं निकाय चुनाव के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद भाजपा के अन्य दावेदारों में अंदरखाने कहीं न कहीं असंतोष दिखाई पड़ने लगा है। इनमें से कई दावेदार तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने भाजपा से अपना टिकट पक्का मानकर नामांकन पत्र तक खरीद लिया था। लेकिन कैंडीडेट लिस्ट से नाम बाहर होते ही कई दावेदारों के बगावती सुर सोशल मीडिया पर सामने आने लगे हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान भितराघात रोकना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है। इसमें बाराबंकी से सांसद, मंत्री और विधायकों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई है।

लंबी खींचतान के बाद टिकट हुए फाइनल

दरअसल, देर में हुई प्रत्याशियों की घोषणा से यह तो तय हो गया कि कैंडीडेट चयन को लेकर भाजपा असमंजस में थी। पार्टी के लिए काफी दिनों से काम करने वालों को मौका मिलने की बात कही जा रही थी। लेकिन बात अगर नगर पालिका परिषद नवाबगंज की करें तो यहां से एक बार फिर पूर्व चेयरमैन शशि श्रीवास्तव को ही भाजपा ने टिकट दिया है। जबकि भाजपा संगठन के पुराने नेता संतोष सिंह, पंकज गुप्ता पंकी और रचना श्रीवास्तव समेत तमाम नेता अपनी दावेदारी पूरे दमखम के साथ ठोंक रहे थे।

कई दावेदार खर्च कर चुके थे प्रचार में काफी पैसा

इनमें से कई दावेदारों ने नामांकन पत्र भी खरीद लिये थे। सूत्रों के मुताबिक इनमें से कई के लिए तो संघ और संगठन तक के कुछ बड़े नेताओं ने पूरा जोर लगा दिया था। पार्टी भी अंत तक आश्वासन देती रही कि टिकट उनको ही मिलेगा। खुद का टिकट पक्का मानकर यह दावेदार प्रचार में काफी धन खर्च कर चुके हैं। लेकिन आखिर में भाजपा ने पूर्व चेयरमैन और भाजपा नेता रंजीत बहादुर श्रीवास्तव की पत्नी शशि श्रीवास्तव को ही अपना प्रत्याशी बनाया है। जानकारी के मुताबिक शशि श्रीवास्तव को टिकट दिलाने में सांसद उपेंद्र सिंह रावत का सबसे बड़ा योगदान है।

सपा उम्मीदवार नहीं हैं कमजोर, भाजपा को नुकसान का डर

दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी से नगर पालिका चेयरमैन पद के लिये सुरेंद्र सिंह वर्मा की पत्नी शीला सिंह की उम्मीदवारी काफी मजबूत मानी जा रही है। ऐसे में टिकट न मिलने से नाराज बाकी दावेदारों के बगावती सुर कहीं न कहीं भाजपा में भितराघात की वजह बन सकते हैं। पार्टी भी यह जान रही है कि भितराघात का खेल शुरु हो सकता है, जिसे रोकना पार्टी के लिये बड़ी चुनौती बन गया है। इस चुनाव में अब सांसद, मंत्री और विधायकों की साख भी दांव पर लगी हुई है। क्योंकि अगर इनमें से कोई भी दावेदार निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरता है तो वह नुकसान भाजपा का ही करेगा।

कई सीटों पर बगावती बन सकते हैं मुसीबत

भाजपा ने नगर पंचायत टिकैतनगर में निवर्तमान चेयरमैन जगदीश प्रसाद गुप्ता पर भरोसा जताया है। हैदरगढ़ में पूर्व भाजपा विधायक स्व. सुंदर लाल दीक्षित के पुत्र पंकज दीक्षित की बगावत और पार्टी से इस्तीफा देने के बाद भी पार्टी ने उनकी बहू निवर्तमान चेयरमैन पूजा दीक्षित को प्रत्याशी बनाया है। वहीं रामनगर में निर्दलीय के रूप में चुनाव जीतकर भाजपा से राजनीति करने वाले बद्री विशाल त्रिपाठी को टिकट मिला है। इसके अलावा नगर पंचायत देवा से त्रिवेणी प्रसाद, फतेहपुर से हेमंत कुमार, दरियाबाद से संजू जायसवाल को टिकट दिया गया है। जैदपुर में भाजपा ने मुस्लिम प्रत्याशी के रूप में रुकैय्या बानो को मैदान में उतारा है। रामसनेहीघाट में कुसुमलता वर्मा, सतरिख से जयप्रकाश वर्मा, सुबेहा से मनीराम रावत, सिद्धौर से रमंता रावत, बंकी से शैलकुमारी मौर्य और बेलहरा में कमला देवी को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया है। इन नगर पंचायतों में भी भाजपा के टिकट के लिये कई दावेदार थे, जिनकी बगावत भाजपा का सिर दर्द बढ़ा सकती है।

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