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UP Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव में महिला मतदाताओं का होगा अहम रोल, उम्मीदवारों का भविष्य करेंगी तय

UP Nikay Chunav 2023: इस बार के नगरीय निकाय चुनावों में महिला एवं युवा वोटरों की भूमिका निर्णायक होने वाली है।

Krishna Chaudhary
Published on: 3 April 2023 9:15 AM GMT
UP Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव में महिला मतदाताओं का होगा अहम रोल, उम्मीदवारों का भविष्य करेंगी तय
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UP Nikay Chunav 2023 (photo: social media )

UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के एक साल बाद और लोकसभा चुनाव से एक साल पहले एक और बड़ा चुनाव होने जा रहा है। प्रदेश में लंबे समय से अटके नगरीय निकाय के चुनाव का रास्ता साफ हो चुका है और 10 अप्रैल के बाद कभी भी इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को जिलेवार नई वोटर लिस्ट जारी कर दी है। नई वोटर लिस्ट में इस बार कुल 4 करोड़ 32 लाख 31 हजार 827 वोटर हैं। साल 2017 में हुए पिछले निकाय चुनाव की वोटर लिस्ट में 3 करोड़ 32 लाख वोटर थे।

महिला वोटर अदा करेंगे निर्णायक भूमिका

इस बार के नगरीय निकाय चुनावों में महिला एवं युवा वोटरों की भूमिका निर्णायक होने वाली है। वैसे भी हाल के वर्षों में देखा गया है कि जिन राज्यों में सरकारें एक से अधिक बार रिपीट हुई हैं, उनमें महिला मतदाताओं की भूमिका सबसे अहम रही है। उदाहरण के तौर पर चाहे वो बिहार हो या पश्चिम बंगाल या ओडिशा। 1 अप्रैल को राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी नई वोटर लिस्ट में पुरूष मतदाताओं की संख्या अगर 2 करोड़ 29 लाख 83 हजार 728 है तो महिला मतदाता भी 2 करोड़ 24 लाख 8 हजार 99 हैं।

आंकड़े को देखें तो पुरूष मतदाता महिला वोटरों से महज 5 लाख अधिक हैं। ऐसे में चुनावी जानकार मानते हैं कि महिलाएं चुनाव में बड़ा खेल कर सकती हैं। उनका वोट चुनाव में किसी भी उम्मीदवार की किस्मत बना अथवा बिगाड़ सकता है। 2017 के नगरीय निकाय चुनाव में कुल मतदाताओं में पुरूष वोटर्स की संख्या 53.5 प्रतिशत और महिला वोटर्स की संख्या 46.5 प्रतिशत थीं।

कब होंगे चुनाव ?

जानकारी के मुताबिक, राज्य निर्वाचन आयोग नगर विकास विभाग की ओर से वार्ड वार घोषित आरक्षण पर 10 अप्रैल तक आपत्तियों का निस्तारण हो जाने के बाद कभी भी चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। चुनाव अप्रैल से मई के बीच कराए जा सकते हैं। इन चुनावों की घोषणा होने के बाद आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएंगी, तो नतीजे आने तक जारी रहेगी।

पिछली बार की तरह इस बार भी चुनाव आयोग तीन चरणों में मतदान करा सकता है। नगर निगमों के मेयर और पार्षदों का चुनाव इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और नगर पालिका पार्षदों व नगर पंचायतों के चुनाव बैलेट बॉक्स के जरिए करवाए जाएंगे। आसन्न चुनाव को देखते हुए प्रदेश की तीनों बड़ी पार्टियां भाजपा, सपा और बसपा अपनी तैयारियों में जुट गई हैं। लोकसभा चुनाव से पहले नगर निकाय चुनाव प्रदेश की पार्टियों के लिए एक तरह से लिटमस टेस्ट होगा।

Krishna Chaudhary

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