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वाह रे पुलिस! ऐसे फुस्स होंगे औजार तो कैसे फतह करेंगे मैदान, देखें वीडियो

अक्सर उग्र प्रदर्शन, आंदोलन के दौरान पुलिस प्रदर्शनकारियों पर काबू करने के लिए आंसू गैस का गोला चलाती है। लेकिन यहां एक नई घटना सामने आई है, बता दें कि आंसू गैस का गोला चलाने के लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण चल रहा था, जिसमें आंसू गैस का गोला फुस्स हो गया।

Harsh Pandey
Published on: 23 Oct 2019 4:37 PM IST
वाह रे पुलिस! ऐसे फुस्स होंगे औजार तो कैसे फतह करेंगे मैदान, देखें वीडियो
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बलिया: कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस, भारत देश की सबसे बड़ी पुलिस कही जाती है, बड़ी जिम्मेदारी तो हमेशा कंधे पर रहती है कि सूबे की कानून-व्यवस्था को कैसे नियंत्रण में रखा जाये।

इसके साथ ही आपको बता दें कि कभी उपद्रव तो कभी विरोध प्रदर्शन हर हालात में पुलिस वालों को लोगों पर काबू पाना होता है, पुलिस की नौकरी 24घंटे की होती है।

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ज्ञात हो कि अक्सर उग्र प्रदर्शन, आंदोलन के दौरान पुलिस प्रदर्शनकारियों पर काबू करने के लिए आंसू गैस का गोला चलाती है। लेकिन यहां एक नई घटना सामने आई है, बता दें कि आंसू गैस का गोला चलाने के लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण चल रहा था, जिसमें आंसू गैस का गोला फुस्स हो गया। जी हां, यह घटना यूपी के बलिया जिले से है।

यह है पूरा मामला...

दरअसल, बलिया में आंसू गैस का गोला चलाने के लिए पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। इस दौरान मॉक ड्रिल में शामिल होने के लिए तकरीबन 100 पुलिस कर्मियों को बुलाया गया था।

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बताया जा रहा है कि पुलिस के लिए मुश्किल उस वक्त खड़ी हो गई जब तमाम कोशिशों के बावजूद आंसू गैस का गोला दगा ही नहीं। आंसू गैस का गोला अंत तक दगा ही नहीं। आपको बता दें कि इस घटना का एक विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

देखें वीडियो...

ध्यान देने योग्य बात है कि अभी यह साफ नहीं है कि विडियो कब का है। विडियो में दिख रहा है कि सबसे पहले एक पुलिस अधिकारी आंसू गैस का गोला दागने जाते हैं। उनके आसपास तीन पुलिसवाले खड़े हैं।

इसके बाद आप साफ देख सकते है कि जब पुलिस अफसर आंसू गैस का गोला दागते हैं तो यह मिसफायर हो जाता है। इसके बाद फिर कोशिश की जाती है। एक नई कार्ट्रिज लोड करके पुलिस अधिकारी दोबारा आंसू गैस का गोला फायर करते हैं लेकिन एक बार फिर नतीजा वही रहता है।

एंटी रोमिओ स्क्वाइड

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पुलिल की टीम यहीं नहीं रूकते हैं, दूसरी बार नाकामी के बाद पुलिस अधिकारी थोड़ा पीछे जाते हैं और तीसरी कोशिश करते हैं। इस दौरान तमाम पुलिस कर्मी भी वहां मौजूद नजर आ रहे हैं।

पुलिस अधिकारी की यह कवायद भी फेल हो जाती है और बलिया पुलिस का यह मॉक ड्रिल कार्यक्रम चर्चा का विषय बन गया, इसका लगातार वीडियो वायरल हो रहा है।

ऐसे में प्रश्नचिंह खड़ा हो रहा है कि अगर पुलिस को किसी विरोध प्रदर्शन के दौरान यही आंसू गैस का गोला चलाना पड़ेता तो क्या हालात होते।



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Harsh Pandey

Harsh Pandey

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