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Umesh Pal Murder Case: माफिया भाईयों की आवाजाही में यूपी पुलिस को लग रही लाखों की चपत, जानें खर्चे का पूरा हिसाब-किताब
Umesh Pal Murder Case: ये दोनों भाई यूपी पुलिस के लिए काफी महंगे साबित हो रहे हैं। बाहर की जेलों में बंद होने के कारण इन्हें प्रयागराज लाने में पुलिस को मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है।
Umesh Pal Murder Case: पिछले 40 सालों से यूपी में दहशत का दूसरा नाम बनकर रहने वाला कुख्यात माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। उमेश पाल हत्याकांड इन दिनों माफिया भाईयों की ताबूत आखिरी कील साबित होता है या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल ये दोनों यूपी पुलिस के लिए काफी महंगे साबित हो रहे हैं। बाहर की जेलों में बंद होने के कारण इन्हें प्रयागराज लाने में पुलिस को मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर माफिया अतीक अहमद पिछले चार सालों से गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती जेल में बंद है। वहीं, उसका भाई और पूर्व विधायक अशरफ अहमद 2020 से बरेली सेंट्रल जेल में बंद है। दोनों भाईयों को बुधवार को पिछले 16 दिनों में दूसरी बार उनकी जेलों से प्रयागराज लाया गया है। पहली दफा उन्हें उमेश पाल अपहरणकांड से जुड़े केस में लाया गया था, अब उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े केस में लाया गया है। इस मामले को लेकर दोनों की आज यानी गुरूवार को सीजेएम प्रयागराज की कोर्ट में पेशी होगी।
आवाजाही में लग रही लाखों की चपत
माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद खूंखार के साथ – साथ हाई प्रोफाइल क्रिमिनल हैं। इसलिए दोनों को अपने गृह जनपद प्रयागराज से काफी दूर की जेलों में रखा गया है। अतीक को तो हजारों किलोमीटर दूर दूसरे राज्य की जेल में रखा गया है। अतीक को अहमदाबाद से प्रयागराज लाने और फिर वापस ले जाने में लाखों की चपत लग रही है। अतीक को लाने के लिए 37 पुलिसकर्मियों के साथ दो पुलिस वैन और दो एस्कॉर्ट गाड़ी भेजी गई थी।
एक अनुमान के मुताबिक, अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज सीजेएम कोर्ट पेश करने में यूपी सरकार 10 लाख रूपये खर्च कर रही है। माफिया को लाने और ले जाने में तैनात 37 पुलिसकर्मियों को मिलने वाली सैलरी के हिसाब से 4 लाख रूपये और महंगाई भत्ते के हिसाब से 2 लाख रूपये खर्च हो रहे हैं। इसके अलावा अतीक को लाने में करीब 3 लाख रूपये का डीजल लगता है।
डीजल का ये रहा हिसाब-किताब
माफिया अतीक अहमद को लाने में उपयोग की जाने वाली पुलिस वैन का एवरेज 5 किमी प्रति लीटर होता है। साबरमती जेल से प्रयागराज की दूरी करीब 1300 किमी है। इस हिसाब से वैन में 255 लीटर डीजल एक तरफ की यात्रा के लिए भराया जाता है। जिसका खर्च करीब 25 हजार रूपये बैठता है। काफिले में शामिल दूसरी पुलिस वैन का भी यही गणित है। इस तरह से एक तरफ का खर्च दोनों वैनों को मिलाकर 50 हजार रूपये बैठता है। एकबार अतीक को लाने और वापस ले जाने में गाड़ियां चार चक्कर लगाती हैं। ऐसे में केवल दो पुलिस वैन 2 लाख रूपये का डीजल डकार जाती है।
इसी तरह एस्कॉर्ट में शामिल दो गाड़िया में भी हजारों की डीजल भरवाया जाता है। एक गाड़ी का एवरेज 12 किमी प्रति लीटर होता है। यानी एक तरफ की यात्रा के लिए पुलिस एस्कॉर्ट में शामिल एक गाड़ी में 107 लीटर डीजल भरवाना पडता है। जिसका खर्च 10 हजार रूपये के करीब बैठता है। पुलिस वैन की तरह एस्कॉर्ट में शामिल गाड़ियां भी चार चक्कर लगाती हैं। इस हिसाब से दोनों एस्कॉर्ट गाड़ियों के आने-जाने का खर्च 80 हजार रूपये बैठता है।
अशरफ पर होता है इतना खर्च
उमेश पाल हत्याकांड के एक अन्य आरोपी और माफिया अतीक का भाई अशरफ अहमद बरेली सेंट्रल जेल में बंद है। उसे वहां से प्रयागराज लाने में भी यूपी पुलिस को लाखों रूपये खर्च करने पड़ते हैं। बरेली जेल से प्रयागराज की दूरी करीब साढ़े चार सौ किलोमीटर है। अशरफ को बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच प्रयागराज लाया गया था। अशरफ को लाने में केवल एक तरफ का खर्च तीन लाख रूपये है।
बता दें कि अतीक अहमद और अशरफ अहमद को गुरूवार को प्रयागराज सीजेएम की कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां पुलिस उन दोनों को रिमांड पर लेने की मांग करेगी ताकि उमेशपाल हत्याकांड से जुड़े राज उनसे उगलवाया जा सके।