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दस पीसीएस इस बार भी दिए हैं इस विश्वविद्यालय ने, हर साल बजाते हैं डंका
लखनऊ विश्वविद्यालय ने इस बार भी उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को अपने दस होनहार सौंपे हैं। होनहारों के प्रदर्शन से विश्वविद्यालय के शिक्षक और साथी विद्यार्थी भी खासे उत्साहित हैं।
लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय ने इस बार भी उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग को अपने दस होनहार सौंपे हैं। होनहारों के प्रदर्शन से विश्वविद्यालय के शिक्षक और साथी विद्यार्थी भी खासे उत्साहित हैं। विश्वविद्यालय की स्नातक छात्रा प्रिया पटेल की नौंवी रैंक आई है और वह विश्वविद्यालय से अपनी पीएचडी भी पूरी कर रही हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार ने बताया कि हर बार विश्वविद्यालय के तीन से चार दर्जन छात्र-छात्राओं को इस परीक्षा में अवसर मिलता है यह विश्वविद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए गौरव की बात है।
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...लौटकर अपने पुराने शिक्षकों के पास आ गईं
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की 2018 परीक्षा में डंका बजाने वाले विश्वविद्यालय के कई छात्र- छात्रा ऐसे हैं जिन्होंने स्नातक और परास्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी किसी न किसी बहाने से अपने आपको विश्वविद्यालय से संबद्ध कर रखा है। पीसीएस परीक्षा में नौंवा स्थान हासिल करने वाली प्रिया पटेल ने बताया कि उनका गृह नगर लखीमपुर खीरी है। लखनऊ विश्वविद्यालय से 2014 में समाजशास्त्र विषय के साथ स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने परास्नातक बीएचयू से किया लेकिन समाजशास्त्र विषय में जब शोध करने की बारी आई तो वे लौटकर अपने पुराने शिक्षकों के पास आ गईं।
समाजशास्त्र में शोध जारी
उन्होंने नेट जेआरएफ भी उत्तीर्ण कर रखा है और अभी समाजशास्त्र में शोध जारी है। पीसीएस में अच्छी रैंक मिलने से बेहद खुश हैं। लखनऊ के रहने वाले अजेंद्र सिंह ने भौतिकी विषय में विश्वविद्यालय से बीएससी और एमएससी पूरी की है। इन दिनों प्रोफेसर पूनम टंडन के निर्देशन में पीएचडी कर रहे हैं। उन्हें डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन मिला है। वह विश्वविद्यालय के गोल्ड मेडलिस्ट हैं। इन दिनों इंटेलेक्चुअल प्रापर्टी ऑफिस भारत सरकार में अधिकारी पद पर कार्यरत हैं। न्यूज ट्रैक से बातचीत में उन्होंने कहा कि पीसीएस में चयन होने से खुशी है इससे अपने प्रदेश के लोगों के बीच काम करने का मौका मिल सकेगा।
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जहां तक परीक्षा की तैयारी का सवाल है तो मैंने अपना पूरा समय शिक्षा ग्रहण करने में बिताया। नैनो साइंस से संबंधित फेलोशिप के तहत दक्षिण कोरिया गया था वहां से लौटने के बाद सरकारी सेवा के लिए आवेदन किया और महज डेढ से दो साल की तैयारी में ही सफलता मिल गई। लखनऊ विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी दुर्गेश सक्सेना ने बताया कि विश्वविद्यालय के चयनित विद्यार्थियों में रजत सिंह व अखिलेश पटेल भी शामिल हैं।
इन्हें भी मिली है सफलता
अंकिता शुक्ला- अधिशासी अधिकारी, सहायक नगर आयुक्त पद के लिए चयन । विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में एमए किया है। नेट जेआरएफ उत्तीर्ण कर पीएचडी कर रही हैं। पीसीएस परीक्षा में दर्शनशास्त्र को वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना था। गृह जिला- शाहजहांपुर।
नंदिता सिंह- राजकीय इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य पद के लिए चयन। स्नातक के बाद विश्वविद्यालय से बीएड और एमएड किया। 2012 यूजीसी से नेट उत्तीर्ण किया। गृह नगर - लखनऊ ।
सूरज सिंह: जिला प्रोबेशन अधिकारी के लिए चयन। समाजशास्त्र से परास्नातक, जेआरएफ के तहत डॉ पीके गुप्ता के निर्देशन में शोधरत। अस्सिटेंट प्रोफेसर पद के लिए पहले चयन हो चुका है। अब पीसीएस में चयन। गृह जिला- अमेठी।
राहुल सिंह- सब रजिस्ट्रार पद पर चयन। पीसीएस परीक्षा में सोशल वर्क विषय वैकल्पिक था। 2019 में सोशल वर्क में परास्नातक डिग्री ली। इससे पहले भी सरकारी सेवाओं में कई बार चयन हो चुका है। नेट जेआरएफ भी उत्तीर्ण हैं।
गरिमा सिंह- पीसीएस में वाणिज्य कर अधिकारी पद पर चयन। स्नातक और परास्नातक शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की । नेट जेआरएफ उत्तीर्ण करने के बाद अब लखनऊ विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में शोधकार्य कर रही हैं। पीसीएस परीक्षा में दर्शनशास्त्र ही वैकल्पिक विषय चुना। गृह नगर - लखनऊ।
अरुण कुमार यादव- पीसीएस में 13वीं रैंक के साथ राजकीय इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य पद के लिए चयनित। 2016 में अंग्रेजी विषय में लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ शिव गोविंद पुरी के निर्देशन में पीएचडी पूरी की है। उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए तीसरी रैंक पर चयनित हो चुके हैं। गृह क्षेत्र- महमदपुर अंबेडकर नगर।
अखिलेश तिवारी
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