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UP: शिक्षा की जगह बच्चों से कराया जा रहा है मजदूरी का कार्य

प्रदेश सरकार प्राथमिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लाखों प्रयास कर रही है। प्राथमिक शिक्षा विभाग को बेहतर बनाने के इरादे से विभाग में लगातर प्रयोग चल रहे हैं, लेकिन धरातल पर प्राथमिक विद्यालयों के हालत बदलने के बजाय लगातर बदहाल होते जा रहे हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 17 Jan 2020 4:29 PM GMT
UP: शिक्षा की जगह बच्चों से कराया जा रहा है मजदूरी का कार्य
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रायबरेली: प्रदेश सरकार प्राथमिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लाखों प्रयास कर रही है। प्राथमिक शिक्षा विभाग को बेहतर बनाने के इरादे से विभाग में लगातर प्रयोग चल रहे हैं, लेकिन धरातल पर प्राथमिक विद्यालयों के हालत बदलने के बजाय लगातर बदहाल होते जा रहे हैं।

तो वहीं सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली से एक ऐसी तस्वीर आई की बच्चे ईंट ढोते नजर आए। ताजा मामला रायबरेली के रोहनिया ब्लाक के सरेनी प्राथमिक विद्यालय का है जहां छोटे छोटे छात्र स्कूल में पढ़ने के बजाय मलबा ढोते कैमरे में हुए कैद हो गए। फिलहाल वीडियो सामने आने पर बीएसए ने मामले की जांच के आदेश दे दिए है।

शिक्षा के मंदिर से यह शर्मानक तस्वीर ऊंचाहार तहसील क्षेत्र के रोहनियां ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सरेनी की है जो वर्तमान शिक्षा व्यवस्था की हकीकत सबके सामने रखने के लिए पर्याप्त है। एक तरफ सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की कवायद कर रही है तो वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार सरकार की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे।

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अभिभावक अपने बच्चों को भविष्य संवारने के लिए विद्यालय में भेजते हैं, लेकिन वहां उनके नौनिहालों से पढ़ाई के बजाय काम कराया जाता है। दरअसल रोहनिया ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सरेनी में एक पुराने भवन को गिराया गया था। वहां के जिम्मेदार अध्यापक ने मलबा ठिकाने लगाने के लिए स्कूली बच्चों से मजदूरी करवाई।

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विद्यालय का गेट बंद करके छात्रों से मजदूरी करवाने का वीडियो सामने आने के बाद बीएसए ने मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी को दिए हैं जिसकी रिपोर्ट तीन दिन के भीतर देने के आदेश दिए हैं।

Dharmendra kumar

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