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UP Nikay Chunav 2023: इलाहाबाद HC का यूपी सरकार को आदेश, OBC कमीशन की रिपोर्ट 4 दिन में वेबसाइट पर करें अपलोड

UP Nikay Chunav 2023: हाई कोर्ट ने वेबसाइट पर ओबीसी आयोग की रिपोर्ट अपलोड करने काे कहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार को 4 दिन का समय दिया है। ऐसे में निकाय चुनाव की तारीखें आगे बढ़ सकती है। इससे पहले अप्रैल में चुनाव होने के कयास लगाए जा रहे थे।

Aman Kumar Singh
Published on: 6 April 2023 7:00 PM GMT (Updated on: 6 April 2023 7:14 PM GMT)
UP Nikay Chunav 2023: इलाहाबाद HC का यूपी सरकार को आदेश, OBC कमीशन की रिपोर्ट 4 दिन में वेबसाइट पर करें अपलोड
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

UP Nikay Chunav 2023: यूपी निकाय चुनाव पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गुरुवार (06 अप्रैल) को बड़ा आदेश दिया। अदालत ने वेबसाइट पर ओबीसी आयोग की रिपोर्ट (OBC Commission Report) अपलोड करने काे कहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार को 4 दिन का वक्त दिया गया है। ऐसे में निकाय चुनाव की तारीखें आगे बढ़ सकती है। इससे पहले अप्रैल में चुनाव होने के कयास लगाए जा रहे थे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ बेंच ने प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव में आरक्षण संबंधी अधिसूचना (Notification) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस रंजन राय (Justice Ranjan Rai) और जस्टिस मनीष कुमार (Justice Manish Kumar) की दो सदस्यीय खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को तलब किया था। इसी मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आदेश दिया है।

30 मार्च को जारी हुई थी आरक्षण सूची

गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने 30 मार्च को आरक्षण सूची जारी की थी। तब उन्होंने एक हफ्ते तक आपत्ति दाखिल करने का समय दिया था। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने नगर लखीमपुर के पंचायत सीट आरक्षित किए जाने को लेकर चुनौती दी।

जानें क्या है मामला?

लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) निवासी विकास अग्रवाल ने निघासन नगर पंचायत चुनाव (Nighasan, Lakhimpur Kheri) में आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए एक याचिका दाखिल की थी। इसी पर 06 अप्रैल को सुनवाई हुई। जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी सरकार को 4 दिन के अंदर ओबीसी की रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड करने के आदेश दिए।

'ओबीसी आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई'
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने अदालत में कहा कि, 'ओबीसी आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। बार-बार डीएम ऑफिस में आवेदन किया गया। लेकिन, इसकी कॉपी उन्हें नहीं दी गई। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने दलील देते हुए कहा कि, याचिकाकर्ता की ओर से रिपोर्ट की प्रति के लिए आवेदन नहीं किया गया था। इसलिए उन्हें इसकी कॉपी नहीं दी गई।'

आपको बता दें, पिछले महीने उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) को लेकर ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। इसके बाद सरकार ने आरक्षण लिस्ट जारी कर दी थी। इसमें 760 नगर निकायों सीट का आरक्षण जारी किया गया था।

Aman Kumar Singh

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