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बिजली हुई महंगी: स्लैब का प्रस्ताव, गरीब उपभोक्ताओं के साथ अन्याय

पावर कारपोरेशन द्वारा प्रस्तावित नये स्लैब की दरों को गरीब उपभोक्ताओं के साथ अन्याय बताते हुए उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा इस पूरे प्रस्ताव में गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताअें की जेब ढीली हो रही है।

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Published on: 31 Aug 2020 2:42 PM GMT
बिजली हुई महंगी: स्लैब का प्रस्ताव, गरीब उपभोक्ताओं के साथ अन्याय
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बिजली हुई महंगी: स्लैब का प्रस्ताव, गरीब उपभोक्ताओं के साथ अन्याय

लखनऊ: आखिरकार प्रदेश की बिजली कम्पनियों की तरफ से सोमवार को पावर कारपोरेशन ने प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की नये स्लैब की श्रेणीवार दरें विद्युत नियामक आयोग को सौंप दी। विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव को तीन दिन में समाचार पत्रों में विज्ञापित कराने का आदेश देते हुए 15 दिन में प्रदेश के उपभोक्ताओं से उस पर आपत्तियां प्राप्त करने का आदेश दिया है। साथ ही आयोग ने इन आपत्तियों पर सुनवाई के लिए 24 और 28 सितम्बर की तिथि तय की है।

पावर कार्पोरेशन ने चार स्लैब की संख्या घटा कर तीन किये

पावर कार्पोरेशन द्वारा दिए गए स्लैब में कार्पोरेशन के प्रस्ताव के मुताबिक अब तक बिजली की बिलिंग के लिए प्रयोग हो रहे चार स्लैब की संख्या घटा कर तीन कर दी गई है। पहला स्लैब 0 से 100 यूनिट का होगा जिसकी दर 5.50 रुपये प्रति यूनिट, दूसरा स्लैब 101 से 300 यूनिट का होगा, जिसकी दर 5.80 रुपये प्रति यूनिट तथा तीसर स्लैब 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत करने वालो का होगा, जिसकी दर 6.65 रुपये प्रति यूनिट रखी गई है।

बगैर बिजली दरें बढ़ाये ही ज्यादा राजस्व वसूला जा सकेगा

कार्पोरेशन के इस नए स्लैब से बगैर बिजली दरें बढ़ाये ही ज्यादा राजस्व वसूला जा सकेगा। पावर कारपोरेशन के प्रस्तावित नये स्लैब में जहां 101 से 200 यूनिट के बीच में बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को ज्यादा भुगतान करना पडेगा तो वही 300 यूनिट की खपत वाले उपभोक्ताओं को पहले से कम भुगतान करना पडेगा। 400 यूनिट खपत वाले उपभोक्ताओं पर इसका कोई असर नहीं पडेगा। जबकि 500 यूनिट बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं को पहले से ज्यादा भुगतान करना होगा। लेकिन 500 यूनिट से ज्यादा खपत वाले उपभोक्ताओं का मौजूदा भुगतान कम हो जायेगा।

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उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 50 पैसा ज्यादा भुगतान करना पडेगा

पावर कार्पोरेशन के इस स्लैब में 150 यूनिट प्रतिमाह की सीमा को कम करके 100 यूनिट कर दिया है। इसके मुताबिक अब 100 यूनिट से ज्यादा बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 50 पैसा ज्यादा भुगतान करना पडेगा। यानी अब तक जो उपभोक्ता 150 यूनिट बिजली की खपत पर 5.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान कर रहा था अब उसे 150 यूनिट में से 100 यूनिट का भुगतान तो 5.50 रुपये प्रति यूनिट से करना होगा लेकिन शेष 50 यूनिट का भुगतान 5.80 रुपये प्रति यूनिट की दर से करना होगा। इसी तरह 151 से 300 यूनिट तक के स्लैब को बदल कर 101 से 300 यूनिट तक प्रस्तावित किया गया है।

ये हैं मौजूदा दरें

मौजूदा समय में 150 से 300 यूनिट के स्लैब में उपभोक्ता को 150 यूनिट तक 5.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से तथा शेष यूनिट को 6.00 रुपये के हिसाब से भुगतान करना पड़ रहा है। लेकिन नए स्लैब में इसे 101 यूनिट से लागू करने पर अब उपभोक्ता को 101 यूनिट का भुगतान तो 5.50 रुपये प्रति यूनिट से करना होगा लेकिन शेष का भुगतान 5.80 रुपये प्रति यूनिट की दर से करना होगा।

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प्रति यूनिट 15 पैसे की हुई वृद्धि

इसी तरह 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं के लिए प्रति यूनिट 15 पैसे की वृद्धि करते हुए प्रति यूनिट 6.65 रुपये प्रति यूनिट प्रस्तावित किया है। जबकि मौजूदा समय में 500 यूनिट से ज्यादा के उपयोग पर बिजली दर 7.00 रुपये प्रति यूनिट है। इससे उन बिजली उपभोक्ताओं को लाभ होगा जो बिजली का ज्यादा उपभोग करते है। इसके साथ ही पावर कारपोरेशन की तरफ से घरेलू ग्रामीण अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की दरें यथावत 500 रुपये प्रति किलोवाट ही रखी गयी है।

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गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताअें की जेब ढीली हो रही है

पावर कारपोरेशन द्वारा प्रस्तावित नये स्लैब की दरों को गरीब उपभोक्ताओं के साथ अन्याय बताते हुए उप्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा इस पूरे प्रस्ताव में गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताअें की जेब ढीली हो रही है और इस करोना काल में बडे विद्युत उपभोक्ता जो ज्यादा उपभोग कर रहे हैं उनकी दरें कम हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन ने बडी चाल चली है लेकिन उपभोक्ता परिषद उसे कामयाब नही होने देगा।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव

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