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विधानसभा उपचुनाव: सपा का जादू बरकरार, बसपा व कांग्रेस में तीसरे नंबर की लड़ाई
उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपनी पुरानी स्थित बरकरार रखने के लिए भी संघर्ष करती दिखाई दे रही है जबकि समाजवादी पार्टी को इस चुनाव में फायदा हुआ है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में एग्जिट पोल के नतीजे चौंकाने वाले हैं। इसके अनुसार समाजवादी पार्टी ने अपनी खोई ताकत वापस हासिल कर ली है जबकि बहुजन समाज पार्टी को अब तीसरे नंबर पर बने रहने के लिए भी कांग्रेस से संघर्ष करना पड़ रहा है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपनी पुरानी स्थित बरकरार रखने के लिए भी संघर्ष करती दिखाई दे रही है जबकि समाजवादी पार्टी को इस चुनाव में फायदा हुआ है। समाजवादी पार्टी ने हालांकि इस चुनाव में आक्रामक प्रचार तरीका नहीं अपनाया इसके बावजूद मुस्लिम मतों का बंटवारा रोकने में पार्टी कामयाब रही है।
समाजवादी पार्टी के साथ मुस्लिम मतदाता
विधानसभा की सीटों पर हुए उपचुनाव में मुस्लिम मतदाताओं ने यह स्वीकार कर लिया है कि प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी अब उनकी रहनुमा नहीं रही। ऐसे में सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी की ओर मुस्लिमों का रुझान बढ़ा है। देवरिया सीट पर चारों प्रमुख राजनीतिक दलों ने ब्राह्मण वर्ग से प्रत्याशी दिया है। इसके बावजूद मुस्लिम मतदाताओं ने बहुजन समाज पार्टी के ब्राह्मण प्रत्याशी का साथ देने के बजाय समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी वह पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी के साथ साइकिल पर सवार होना कुबूल कर लिया है। इस सीट पर समाजवादी पार्टी और भाजपा में सीधी टक्कर होती दिखाई दे रही है।
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इसी तरह जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट पर भी मुस्लिम मतदाता केवल समाजवादी पार्टी के लकी यादव के साथ मजबूती से खड़े दिखाई दिए हैं। इसी तरह उन्नाव की बांगरमऊ सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी के मुकाबले में हालांकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों ही मुकाबले में दिखाई दे रहे हैं, लेकिन मुस्लिम मतदाता यहां भी जिस तरह से समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के साथ दिखाई दिए हैं उससे इस सीट पर भी सपा और भाजपा में टक्कर है जिसमें सपा के जीतने की संभावना अधिक है।
समाजवादी पार्टी के हिस्से में चौथी सीट घाटमपुर की जाती हुई दिखाई दे रही है इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने दिवंगत मंत्री कमल रानी वरुण के परिवार जनों को मौका नहीं दिया है। इस वजह से पूरी समुदाय का मतदाता नाराज दिखाई दिया है। समाजवादी पार्टी ने इंद्रजीत कोरी को मैदान में उतारा है उन्हें कोरी समुदाय के साथ ही मुस्लिम मतदाताओं का भी बड़े पैमाने पर साथ मिला है।
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बुलंदशहर पीठ पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने दो बार के विधायक रहे वीरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी उषा सिरोही को मौका दिया है। उन्हें मतदाताओं की सहानुभूति मिलती दिखाई दे रही है जबकि इस सीट पर समाजवादी पार्टी के बजाय राष्ट्रीय लोक दल ने प्रत्याशी उतारा है। बहुजन समाज पार्टी ने अलीम शेख को मौका दिया है, लेकिन समाजवादी पार्टी की वजह से इस सीट पर भी मुस्लिम मतदाता बसपा के बजाय राष्ट्रीय लोक दल के साथ जाते दिखाई दे रहे हैं लेकिन इस सीट पर भाजपा का दावा ज्यादा मजबूत है।
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अमरोहा की नौगवा सादात सीट पर भी भाजपा का दावा मजबूत है यहां भाजपा ने दिवंगत मंत्री चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान को मौका दिया है और उन्हें भी सहानुभूति मत बड़ी तादाद में मिले हैं। फिरोजाबाद की टूंडला सीट पर भाजपा और सपा के बीच में टक्कर है। बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी ने जरूर इस सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष का माहौल बनाया है लेकिन यह सीट भी भाजपा के झोली में जाती दिखाई दे रही है।
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