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UAE ने बदले कानून: ऐसा करने पर मिलेगी मौत की सजा, भारतीयों पर होगा ये असर

यूएई की सरकार की तरफ से प्रवासियों की वसीयत और जायदाद, शादी और तलाक, यौन प्रताड़ना जैसे 'सम्मान से जुड़े अपराधों' में बदलाव किया गया है। पर्सनल स्टेटस कोड और सिविल लॉ के संशोधनों से यूएई में रह रहे प्रवासियों को कानून चुनने की आजादी मिलेगी।

Newstrack
Published on: 7 Nov 2020 3:27 PM GMT
UAE ने बदले कानून: ऐसा करने पर मिलेगी मौत की सजा, भारतीयों पर होगा ये असर
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यूएई की सरकार की तरफ से प्रवासियों की वसीयत और जायदाद, शादी और तलाक, यौन प्रताड़ना जैसे 'सम्मान से जुड़े अपराधों' में बदलाव किया गया है।

लखनऊ: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान ने कई बड़े ऐलान किए हैं। उन्होंने यह घोषणाएं देश में विदेशी निवेश और विशेषज्ञता को बढ़ावा देने के लिए की हैं। यूएई ने कई कानूनों में बदलाव किया है। इन कानूनों में पर्सनल स्टेटस लॉ, फेडरल पीनल कोड और फेडरल पीनल प्रसीजरल कानून मुख्य रूप से शामिल हैं। इन कानूनों में किए गए बदलावों का सीधा असर प्रवासियों पड़ेगा। बता दें कि यूएई में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं।

इन कानूनों में किया गया बदलाव

यूएई की सरकार की तरफ से प्रवासियों की वसीयत और जायदाद, शादी और तलाक, यौन प्रताड़ना जैसे 'सम्मान से जुड़े अपराधों' में बदलाव किया गया है। पर्सनल स्टेटस कोड और सिविल लॉ के संशोधनों से यूएई में रह रहे प्रवासियों को कानून चुनने की आजादी मिलेगी। यह कानून उनकी पैतृक संपत्ति पर लागू होगा जिससे विदेशी निवेशकों के वित्तीय हितों को स्थिरता प्रदान की जा सके। पैतृक संपत्ति पर मृतक व्यक्ति की नागरिकता के आधार पर फैसाल लिया जाएगा।

-पर्सनल स्टेटस कोड में कहा गया है कि जिस देश में दो लोगों की शादी हुई है वहां के नियम शादी के नियमों के अनुसार होंगे न कि पति-पत्नी की नागरिकता के आधार पर। एक और संशोधन किया गया है इसके मुताबिक किसी देश में अगर शादी हुई है तो वहां के नियम शादी के कॉन्ट्रैक्ट, तलाक या अलग होने के समझौते के निजी और वित्तीय मामलों पर भी लागू किए जाएंगे।

UAE

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ऑनर किलिंग पर होगी ये सजा

1987 के पीनल कोड नंबर 3 के आधार पर राष्ट्रपति के फैसलों को बदला गया गया है। सम्मान के लिए किए गए अपराध' की सजा कम करने का प्रावधान को वापस कर लिया गया है। नए संशोधन के मुताबिक, हर अपराध से हत्या और दूसरे कानूनों की तरह निपटारा किया जाएगा। इसके मुताबिक महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित किया जाएगा।

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सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंधों पर भी कानून कार्रवाई की जाएगी। अगर पीड़ित की उम्र 14 साल या उससे कम हो, दिमागी हालत ठीक न हो या वे रिश्तेदार हों या पीड़ित के परिजन हो। नाबालिग या मानसिक रूप से विक्षिप्त इंसान के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर मौत की सजा मिलेगी।

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