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योगी से चीन घबराया: यूपी से मिला ये तगड़ा झटका, हुआ करोड़ों का नुकसान

 पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक खूनी झड़प के बाद से ही भारत ने धोखेबाज चीन को हर तरफ से घेरना शुरू कर दिया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने कानपुर-आगरा मेट्रो के लिए चीनी कंपनी के टेंडर आवेदन को खारिज कर दिया है।

Newstrack
Published on: 4 July 2020 9:41 AM GMT
योगी से चीन घबराया: यूपी से मिला ये तगड़ा झटका, हुआ करोड़ों का नुकसान
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नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक खूनी झड़प के बाद से ही भारत ने धोखेबाज चीन को हर तरफ से घेरना शुरू कर दिया है। चीन के खिलाफ मोर्चें पर भारत सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। जिनके चलते भारत ने चीन को फिर से अब एक और झटका दिया है। असल में तकनीकी खामियों (टेक्नीकल कमियों) की वजह से उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने कानपुर-आगरा मेट्रो के लिए चीनी कंपनी के टेंडर आवेदन को खारिज कर दिया है।

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बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं हेतु मेट्रो ट्रेनों (रोलिंग स्टॉक्स) की आपूर्ति, परीक्षण और चालू करने के साथ-साथ ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम का टेंडर बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया है।

जिसके लिए चीन की कंपनी सीआरआरसी नैनजिंग पुजहेन लिमिटेड ने भी टेंडर दिया था, पर तकनीकी कमियां होने की वजह से चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया। आपको बता दें कि बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लि. एक भारतीय कॉन्सोर्सियम (कंपनियों का समूह) है।

जानकारी के लिए बता दें, कि कानपुर और आगरा दोनों ही मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 67 ट्रेनों की सप्लाई होगी, जिनमें से प्रत्येक ट्रेन में 3 कोच होंगे, जिनमें से 39 ट्रेनें कानपुर और 28 ट्रेनें आगरा के लिए होंगी। इसमें एक ट्रेन की यात्री क्षमता लगभग 980 होगी। मतलब की प्रत्येक कोच में लगभग 315-350 यात्री यात्रा कर पाएंगें।

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यूपीएमआरसी द्वारा जारी एक बयान

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, लखनऊ की ही तर्ज़ पर कानपुर और आगरा में भी रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए सिंगल टेंडर प्रक्रिया अपनाई। देश में पहली बार लखनऊ मेट्रो परियोजना के लिए यह प्रयोग किया गया था, जोकि बहुत कामयाब रहा।

वहीं इस बयान में कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद कानपुर में एक बार फिर से पूरे ज़ोर के साथ सिविल निर्माण कार्य शुरू करने के बाद, रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग सिस्टम के टेंडर प्रक्रिया का पूरा होना एक बड़ी उपलब्धि है।

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