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नवंबर में लगेगा टीका: यूपी में विशेष अभियान की शुरुआत, रोगमुक्त होगा प्रदेश
यूपी की योगी सरकार आगामी 01 नवम्बर से प्रदेश के 29 जिलों में एक बार फिर सघन टीबी रोगी खोज (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान शुरू करने जा रही है। 10 दिन तक चलने वाले इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करेगी और जिनमें प्रथमदृष्टया लक्षण नजर आयेंगे उनके बलगम की जांच करायी जाएगी।
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार आगामी 01 नवम्बर से प्रदेश के 29 जिलों में एक बार फिर सघन टीबी रोगी खोज (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान शुरू करने जा रही है। 10 दिन तक चलने वाले इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करेगी और जिनमें प्रथमदृष्टया लक्षण नजर आयेंगे उनके बलगम की जांच करायी जाएगी। इसके अलावा योगी सरकार आगामी तीन माह नवम्बर, दिसम्बर तथा जनवरी में सभी जिलों में बच्चों में विभिन्न संक्रमणों को रोकने तथा बाल-मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान भी आयोजित करेगी। इस अभियान में हर सप्ताह के बुद्धवार व शनिवार को आयोजित होने वाले नियमित सत्रों के साथ-साथ एक अतिरिक्त दिवस ‘‘सोमवार‘‘ को भी टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जाएगा।
योजना भवन में आयोजित प्रेसवार्ता
यूपी के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने बुधवार को योजना भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि कोविड-19 के दौरान टीबी मरीजों की खोज और पहचान के लिए बराबर चलाये जा रहे अभियान असर पड़ा है। इसलिए यह 10 दिन का अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में जिन लोगों में टीबी की पुष्टि होगी उनका जल्दी से जल्दी इलाज शुरू किया जाएगा, क्योंकि टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती है, इसलिए जितना जल्दी हो सके रोगी की पहचान कर इलाज शुरू करना होता है, नहीं तो जाने-अनजाने में वह दूसरों को भी प्रभावित कर सकता है।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 29 जिलों अम्बेडकरनगर, अमेठी, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, चित्रकूट, अयोध्या, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, कुशीनगर, महराजगंज, महोबा, मऊ, पीलीभीत, संत रविदास नगर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, संत कबीर नगर तथा लखनऊ में पहली नवम्बर से 11 नवम्बर के बीच दस दिवसीय सघन खोज (एक्टिव केस फाइंडिंग) अभियान चलाया जाएगा।
उम्र के उपचाराधीन बच्चों को गोद लेने की अपील
उन्होंने बताया कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा 18 साल से कम उम्र के उपचाराधीन बच्चों को गोद लेने की अपील पर विभिन्न संस्थाओं और अधिकारियों द्वारा करीब 12,000 बच्चों को गोद लिया गया है। इसके चलते इन बच्चों को बेहतर इलाज, देखभाल और पुष्टाहार के साथ परिजनों को भावनात्मक एवं सामाजिक सहयोग भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण किये गए लाकडाउन के दौरान नेपाल से आये एक रोगी, अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश आये 493 क्षय रोगियों और प्रदेश के 649 उन मरीजों को जो अन्य जिलों में पहुंचे थे, उनको समय से क्षय निरोधी औषधि मुहैया कराई गयी।
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500 रुपये प्रतिमाह दिए जाने की निक्षय
स्वास्थ्य मंत्री ने टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह दिए जाने की निक्षय पोषण योजना के बारे में बताते हुए कहा कि योजना के तहत प्रदेश में अब तक 162 करोड़ रुपये की धनराशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तातंरण के माध्यम से क्षय रोगियों को प्रदान की जा चुकी है। इसमें वर्ष 2018 में 66,20,81,000 रूपये, वर्ष 2019 में 72,61,89,000 रुपये और जनवरी 2020 से अब तक 21,78,53,000 रुपये का भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि यह भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाता है। जिन क्षय रोगियों का बैंक खाता नहीं है, उनका खाता इन्डियन पोस्टल पेमेंट्स बैंक द्वारा मरीजों के घर जाकर खोला जा रहा है।
मनीष श्रीवास्तव
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