कोरोना के बाद भी निर्यात के क्षेत्र में यूपी फिर से पांचवी रैंक पर पहुंचा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निर्यात कारोबार को बढ़ावा देने के बाबत लिए गए ठोस फैसलों के चलते अब फिर से यूपी का निर्यात कारोबार पटरी पर आने लगा है। यही नहीं उत्तर प्रदेश निर्यात के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाते हुए फिर से पांचवी रैंक पर पहुंच गया है।

Monika
Published on: 1 Jan 2021 2:02 PM GMT
कोरोना के बाद भी निर्यात के क्षेत्र में यूपी फिर से पांचवी रैंक पर पहुंचा
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कोरोना के बाद भी निर्यात के क्षेत्र में यूपी फिर से पांचवी रैंक पर पहुंचा

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा निर्यात कारोबार को बढ़ावा देने के बाबत लिए गए ठोस फैसलों के चलते अब फिर से यूपी का निर्यात कारोबार पटरी पर आने लगा है। यही नहीं उत्तर प्रदेश निर्यात के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाते हुए फिर से पांचवी रैंक पर पहुंच गया है। कोरोना संकट के दौरान जब वर्ष 2020 में अप्रैल से नवंबर तक देश से 12,99,354.87 करोड़ रूपये के उत्पादों का निर्यात हुआ, तब इसी समयावधि में यूपी से 72508.14 करोड़ रूपये के उत्पाद विदेश भेजे गए।

इन राज्यों को पछाड़ा

आंकड़ों के अनुसार कोरोना संकट के दौरान देश और प्रदेश के निर्यात में कमी आई। लेकिन यूपी महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, केरल, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते हुए निर्यात के मामले में देश में पांचवी रैंक पर आ गया।

सरकार के एक तुलनात्मक अध्ययन के अनुसार वर्ष 2019 में अप्रैल से नवंबर तक देश से 14,84,386.50 करोड़ रूपये के उत्पादों का निर्यात हुआ था। तब यूपी से 80058.44 करोड़ रूपये के उत्पादों का निर्यात किया गया।

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सीएम योगी ने लिए थे कई अहम फैसले

कोरोना संकट के दौरान जब देश के निर्यात कारोबार में भारी कमी आई तब ही यूपी के निर्यात कारोबार में करीब 30 प्रतिशत की कमी आई थी। जिसका संज्ञान लेते हुए तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के निर्यात कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई अहम फैसले लिए। जिसके चलते निर्यातकों के डंप उत्पाद को विदेशों में भेजने की कार्रवाई की गई।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस तहत निर्यातकों को बड़ी सहूलियतें देने का प्रयास हुआ। जिलों को निर्यात हब के रूप में विकसित करने की तैयारी भी शुरू की गई। इसका असर हुआ और राज्य में कोरोना वायरस के दौरान ठप्प हो गए निर्यात कारोबार को गति मिली। देखते ही देखते कालीन अन्य टेक्सटाइल, फ्लोरकवरिंग, मीट, पीतल के सजावटी उत्पाद, खिलौने, स्पोट्र्स पाट्र्स और लकड़ी उत्पाद के निर्यात में तेजी आ गई। यहीं नहीं यूपी के निर्यात कारोबार में आयी 30 प्रतिशत की गिरावट में सुधार करते हुए उसे 9.43 प्रतिशत पर ले आया गया है।

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इन निर्यात में यूपी नंबर एक पर

वैसे भी कालीन अन्य टेक्सटाइल, फ्लोरकवरिंग, मीट, पीतल के सजावटी उत्पाद, खिलौने, स्पोट्र्स पाट्र्स और लकड़ी उत्पाद के निर्यात में यूपी नंबर एक पर है। और देश के निर्यात में यूपी की हिस्सेदारी 4.55 प्रतिशत है। राज्य में बने उत्पाद अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम, ब्रिटेन, नेपाल, जर्मनी, चीन, फ्रांस, स्पेन तथा मलेशिया सहित कई देशों को यूपी से निर्यात किए जाते हैं। निर्यात से जुड़े कारोबारियों के अनुसार, यूपी से सबसे अधिक निर्यात हस्तशिल्प प्रोसेस्ड मीट, चर्म उत्पाद तथा कालीन का किया जाता है।

निर्यात कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार, कोरोना संकट के दौरान फार्मास्‍युटिकल सेक्‍टर का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। अप्रैल-नवंबर 2020 के दौरान इस सेक्‍टर के निर्यात में 15 फीसदी की बढ़ोतरी आइ्र है। इसके अलावा चावल और लौह अयस्क तथा सूबे के ओडीओपी योजना के उत्पादों का निर्यात भी अब बढ़ा हैं।

श्रीधर अग्निहोत्री

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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