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बड़ा सवाल: लगाये गये करोड़ों पौधे फिर भी हरियाली क्यों नहीं...?

चाहे अखिलेश सरकार हो या योगी सरकार उत्तर प्रदेश में लाखों-करोड़ो की संख्या में पौधे लगा कर वर्ड रिकॉर्ड बनाने में दोनों ही अव्वल रहे, बावजूद इसके प्रदेश में हरियाली का स्तर कम ही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश भर में सात महीनों में 59 करोड़ पौधे लगाने के बाद भी 100 वर्ग किलोमीटर हरियाली घट गयी है।

Shivani Awasthi
Published on: 2 Jan 2020 8:15 AM GMT
बड़ा सवाल: लगाये गये करोड़ों पौधे फिर भी हरियाली क्यों नहीं...?
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विश्व पर्यावरण दिवस पर CM योगी का बर्थ डे प्लान, हरिद्वार से बलिया तक पौधारोपण की शुरुआत

लखनऊ: चाहे अखिलेश सरकार हो या योगी सरकार उत्तर प्रदेश में लाखों-करोड़ो की संख्या में पौधे लगा कर वर्ड रिकॉर्ड बनाने में दोनों ही अव्वल रहे, बावजूद इसके प्रदेश में हरियाली का स्तर कम ही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश भर में सात महीनों में 59 करोड़ पौधे लगाने के बाद भी 100 वर्ग किलोमीटर हरियाली घट गयी है। इन आंकड़ों के बाद संभावना है कि या तो केवल कागजों में ही पौधारोपण हो गया या फिर पौधे तो लगा दिए लेकिन लावारिस छोड़ दिया गया। ऐसे में सवाल बनता है कि प्रदेश की घटती हरियाली का जिम्मेदार कौन हैं?

दरअसल, बीते साल दिसंबर में फारेस्ट सर्वे ऑफ़ इंडिया (FSI) की रिपोर्ट जारी हुई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रदेश में साल 2017 में ट्री कवर (वृक्षावरण) 7442 वर्ग किलो मीटर का था, लेकिन वर्तमान में वर्ग किलोमीटर घट कर 7342 रह गया।

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लगाये जा चुके करोड़ों पौधें

पौधे लगाने की योजना अखिलेश सरकार के समय से जारी है, वहीं योगी सरकार ने भी अपने कार्यकाल में जमकर पौधारोपण किया। साल-वार आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2013 में 4 करोड़ से ज्यादा पौधे लगाये गये तो वहीं साल 2014 में 6 करोड़ और 2015 में 4 लाख 35 हजार से ज्यादा पौधारोपण हुए। वहीं साल 2016 में 5 करोड़ 75 हजार के करीब पेड़ सरकार ने पूरे प्रदेश में लगवाए।

हर साल पौधा रोपण का आंकड़ा बढ़ता गया। 2017 में 5 लाख, 2018 में 11 करोड़ और पीछे साल 22 करोड़ पौधे पूरे देश में लगा कर सरकार ने रिकॉर्ड बनाया।

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करोड़ों रुपये हुए खर्च:

इन पौधों को लगाने के लिए सरकार ने हर साल करोड़ों रुपये व्यय भी किये। बता दें कि प्रति हेक्टेयर 1325 पौधे रोपें गये। इसके आधार पर दरों पर 5252 रुपये प्रति हेक्टेयर का व्यय हुआ। यानी एक पौधा लगाने में 4.28 रुपये खर्च हुए। इसके अलावा हरित पट्टी मॉडल के तहत पौधरोपण प्रति पौधा 14.16 रुपये लागत आई।

प्रदेश में हरियाली का स्तर:

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश का कुल क्षेत्रफल 240928 वर्ग किलोमीटर है। हर साल इतना पौधा रोपण होने के बाद भी यूपी में फारेस्ट कवर 14805.65 वर्ग किलोमीटर ही है।

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क्यों घट रही राज्य में हरियाली

सरकार बड़े स्तर पर पौधे तो लगाती है लेकिन उन पौधों के रखरखाव पर ध्यान नहीं देती। यहीं हाल आम जनता का भी है। पौधारोपण कार्यक्रम में मंत्री से लेकर आम जनता बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं, फोटो क्लीक करवाते हैं तो ये उम्मीद करते हैं कि पर्यावरण के लिए उन्होंने अपनी जिम्मेदारी पूरी की। लेकिन बाद में अपने लगाये पौधों के बारे में भूल जाते हैं। इस बारे में प्रदेश सामजिक वानिकी के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. प्रभाकर दुबे ने बताया, पौधरोपण के साथ ही पौधों की सुरक्षा को भी हमें जनांदोलन बनाना होगा। सिर्फ पेड़ लगाकर काम नहीं चलेगा। इसके लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है।'

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Shivani Awasthi

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