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Varanasi News: काशी के चार उत्पादों को जीआई टैग, लंगड़ा आम, पान, आदमचीनी चावल और रामनगर के भंटा को मिली अब ब्रांड बनारस

Varanasi News: बनारस के जिन उत्पादों को जीआई टैग हासिल हुआ है उनमें बनारसी लंगड़ा आम (जीआई पंजीकरण संख्या 716), रामनगर का प्रसिद्ध सफेद भंटा (717), बनारसी पान (730) और आदमचीनी चावल (715) शामिल हैं।

Anshuman Tiwari
Published on: 4 April 2023 11:50 AM GMT
Varanasi News: काशी के चार उत्पादों को जीआई टैग, लंगड़ा आम, पान, आदमचीनी चावल और रामनगर के भंटा को मिली अब ब्रांड बनारस
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GI Tag to Banaras Products (Photo: Social Media)

Varanasi News: पूरी दुनिया में प्रसिद्ध बनारस के पान और लंगड़ा आम सहित काशी के चार उत्पादों को एक साथ जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग हासिल हुआ है। दो अन्य उत्पादों में रामनगर का प्रसिद्ध सफेद भंटा (बैंगन) और आदमचीनी चावल शामिल है। इन चारों उत्पादों को एक साथ जीआई टैग हासिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी सहित पूर्वांचल के किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार का बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

जानकारों का कहना है कि इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी भी होगी। इन चार कृषि उत्पादों सहित अभी तक बनारस के 22 उत्पादों को जीआई टैग हासिल हो चुका है। इनमें बनारस की विश्व प्रसिद्ध बनारसी साड़ी भी शामिल है। यदि प्रदेश स्तर पर बात की जाए तो यूपी के 45 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है और इनमें से करीब आधे उत्पाद काशी से जुड़े हुए हैं।

योगी सरकार और नाबार्ड की कोशिशों का नतीजा

जीआई विशेषज्ञ पद्मश्री डॉ रजनी कांत ने बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और नाबार्ड की मदद से प्रदेश के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में लगातार कोशिशें की जा रही हैं। इन कोशिशों का नतीजा भी दिख रहा है। इस साल प्रदेश के 11 उत्पादों को जीआई टैग हासिल हुआ है और इनमें से सात उत्पाद ओडीओपी में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें से चार उत्पाद काशी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।

इनको उत्पादों को मिला जीआई टैग

डॉ रजनी कांत ने बताया कि बनारस के जिन उत्पादों को जीआई टैग हासिल हुआ है उनमें बनारसी लंगड़ा आम (जीआई पंजीकरण संख्या 716), रामनगर का प्रसिद्ध सफेद भंटा (717), बनारसी पान (730) और आदमचीनी चावल (715) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बनारसी लंगड़ा आम और बनारसी पान सहित चार उत्पादों को जीआई टैग हासिल होने से अब ये सभी उत्पाद दुनियाभर के बाजारों में दस्तक देंगे।

किसानों की आय में होगी बढ़ोतरी

जानकारों का कहना है कि काशी के चार उत्पादों को जीआई टैग हासिल होने के बाद किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजार की मदद से आय बढ़ाने में बड़ी मदद मिलेगी। जीआई विशेषज्ञ डॉक्टर रजनी कांत ने बताया कि बनारस और पूर्वांचल के सभी जीआई उत्पादों में कुल 20 लाख लोग शामिल हैं और इन उत्पादों का सालाना कारोबार करीब 25,500 करोड़ रुपए का है।

नौ और उत्पादों को टैग की उम्मीद

उन्होंने बताया कि काशी के नौ और उत्पादों को जल्द ही जीआई टैग हासिल होने की उम्मीद है। अगले महीने के आखिर तक इस बाबत फैसला हो जाने की उम्मीद है। अब काशी के जिन और उत्पादों को जीआई टैग हासिल होने की उम्मीद है उनमें बनारस की तिरंगी बर्फी, लाल पेड़ा, बनारसी लालभरवा मिर्च, बनारसी ठंडई और चिरईगांव का करौंदा भी शामिल है।

नाबार्ड के एजीएम ने दी बधाई

इस बीच नाबार्ड के एजीएम अनुज कुमार सिंह ने काशी के चार उत्पादों को जीआई टैग मिलने पर किसानों, उत्पादकों और स्वयं सहायता समूहों को बधाई दी है। उन्होंने बताया कि इन जीआई उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए नाबार्ड की ओर से जल्द ही भी कई योजनाएं शुरू की जाएंगी। उन्होंने बताया कि वित्तीय संस्थाओं की ओर से उत्पादन और बाजार तलाशने में किसानों की मदद की जाएगी।

Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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