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वाराणसी: पूर्वांचल के किसानों को लगा पँख, ओमान के निर्यातकों से हुआ करार
एपीडा का कार्यालय खुलने के बाद बनारस में निर्यात को पंख लगना तय है. फलों सब्जियों चावल का निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. दरअसल हरी सब्जियों का मौसम शुरू होते ही मटर, लौकी, गोल भंटा, हरी मिर्च का आर्डर दुबई और ओमान से मिला है.
वाराणसी: क़ृषि बिल को लेकर एक तरह दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी ओर बनारस में किसानों की आय बढ़ाने के लिए अच्छी पहल देखने को मिल रही है. यूपी सरकार बनारस को सब्जी और फल निर्यात का हब बनाने जा रही है. कृषि और संस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने इस योजना के तहत बड़ा कदम उठाया है. यूपी सरकार और ओमान व दुबई के व्यापारियों में समझौता हुआ है.
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किसानों की आय में होगा इजाफा
एपीडा का कार्यालय खुलने के बाद बनारस में निर्यात को पंख लगना तय है. फलों सब्जियों चावल का निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है. दरअसल हरी सब्जियों का मौसम शुरू होते ही मटर, लौकी, गोल भंटा, हरी मिर्च का आर्डर दुबई और ओमान से मिला है. मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने ओमान के क्रेताओं से फल सब्जी और चावल क्रय करने का अनुरोध किया हैं.
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बनारस बना सब्जी निर्यात का हब
वाराणसी से सब्जियों का निर्यात बढ़ गया है. इससे किसानों को जहाँ खूब लाभ हो रहा है तो दूसरी ओर निर्यातकों का भी महत्व बढ़ गया है. इसमें पेरिशेबल कार्गो सेंटर पूर्वांचल के किसानों के लिए लाभप्रद साबित हो रहा है. सेंटर के माध्यम से सब्जियों का निर्यात शुरु हो गया है. पिछले साल जहां 15 टन मिर्च निर्यात की गईं थी वहीं इस साल अभी तक 532 टन काला और अन्य चावल दोहा भेजा गया है. इसके अलावा बैगन, सेम और मटर का निर्यात हो चुका है.
रिपोर्ट: आशुतोष सिंह