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Varanasi News: भाजपा के नौ साल को कांग्रेस का जवाब- नौ साल के 9 सवाल! जानिए क्या पूछा दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी ने

Varanasi News: कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने वाराणसी के पराड़कर भवन में नौ साल 9 सवाल को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 18 Jun 2023 2:40 PM IST (Updated on: 18 Jun 2023 4:25 PM IST)
Varanasi News: भाजपा के नौ साल को कांग्रेस का जवाब- नौ साल के 9 सवाल! जानिए क्या पूछा दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी ने
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congress leader Pramod Tiwari

Varanasi News: कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने वाराणसी के पराड़कर भवन में नौ साल 9 सवाल को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। सवाल करते हुए प्रमोद तिवारी ने अर्थव्यवस्था, कृषि और किसान, भ्रष्टाचार, चीन और राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक सद्भाव, सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक समस्याएं, जनकल्याणकारी योजनाएं और कोरोना मिस मैनेजमेंट को लेकर बड़ा सवाल खड़ा किया।

महंगाई पर सरकार को घेरा

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के द्वारा सरकार के 9 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में जगह-जगह जनता के बीच जाकर सरकार की योजनाओं को गिनाया जा रहा है। इसी को लेकर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने वाराणसी में केंद्र की सरकार से नौ सवाल पूछे हैं। जिसमें पहला सवाल महंगाई और बेरोजगारी को लेकर है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है जबकि इस अवधि में कच्चे तेल की कीमतें $100 प्रति बैरल से $70 प्रति बैरल गिर गई है। युवा बेरोजगारी 30 परसेंट से 40% तक बढ़ गई है, वहीं गरीबों के लिए वेतन वृद्धि नेगेटिव रही है या एक विनाशकारी रिकॉर्ड है। हाल ही में घोषित नोटबंदी ने सरकार के बेरहम दृष्टिकोण की याद को ताजा कर दिया है।

किसान को लेकर पूछा सवाल

कांग्रेस की तरफ से दूसरा सवाल कृषि और किसान को लेकर किया गया है। कहा गया है कि ऐसा क्यों है कि काले कृषि कानूनों को रद्द करते समय किसान संगठनों के साथ हुए समझौतों को अभी तक लागू नहीं किया गया है? एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं दी गई है? पिछले 9 सालों में किसानों की आय क्यों दुगनी नहीं हुई? इसके अलावा तीसरा सवाल भ्रष्टाचार और मित्रवाद को लेकर किया गया है। कहा गया कि अडानी (Adani) को फायदा पहुंचाने के लिए एलआईसी और एसबीआई में जमा जनता के खून पसीने की कमाई को दांव पर लगा दिया गया। चौथा सवाल चीन और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर किया गया है कि चीन को लाल आंख दिखाने की बात करने वाले माननीय प्रधानमंत्री जी ने उसे 2020 में क्लीन चिट दे दी जबकि वह आज भी हमारी जमीन पर कब्जा करके बैठा है चीन के साथ अट्ठारह बैठे हुए हैं फिर भी वह क्यों आक्रामक रवैया अपनाते हुए हमारी पवित्र भूमि को वापस नहीं कर रहा है।

कांग्रेस ने सामाजिक सद्भाव को बनाया मुद्दा

राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने पांचवा सवाल सामाजिक सद्भाव को लेकर किया। कहा कि ऐसा क्यों है कि आप चुनावी फायदे के लिए जानबूझकर बंटवारे की राजनीति को हवा दे रहे हैं और समाज में डर का माहौल बना रहे। नागरिक संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर में धर्म के आधार पर भेदभाव करने की कोशिश की भले ही सभी धर्मों के नागरिकों को प्रशासनिक गड़बड़ी की कीमत चुकानी पड़ी हो। छठवां सवाल सामाजिक न्याय को लेकर किया गया है इसमें पूछा गया है कि ऐसा क्यों है कि आपकी दमनकारी सरकार सामाजिक न्याय की नींव को ध्वस्त कर रही है। जाति जनगणना की मांग को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं। सातवां सवाल लोकतांत्रिक समस्याओं को लेकर किया गया है। आठवां सवाल जन कल्याणकारी योजनाओं को लेकर किया गया है। जबकि नवां सवाल कोरोना मिस मैनेजमेंट को लेकर किया गया है जिसमें पूछा गया है कि ऐसा क्यों है कि कोरोना वायरस से 4000000 लोगों की मौत के बाद उनके परिवारों को मुआवजा देने से मना कर दिया गया।

केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर कांग्रेस 9 सवालों के साथ आज वाराणसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने वाराणसी में केंद्र की सरकार को बढ़ती महंगाई बेरोजगारी हिंसा वैमनस्यता को लेकर घेरा। इस दौरान मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर राज्यसभा सांसद ने बताया कि यह बीजेपी सरकार और गृह मंत्री की विफलता को दर्शाता है कि वहां पर म्यामांर और चीन जैसे पड़ोसियों के होने के बावजूद भी हिंसा हो रही है। इसके अलावा रामायण पर आधारित फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग और स्क्रिप्ट पर सवाल उठाते बताया कि जो किरदार है वह हिंदू धर्म के सापेक्ष नहीं है लिहाजा इसको लेकर बदलाव की मांग की बृजभूषण मामले में साक्षी और बबीता फोगाट के आमने-सामने होने पर लेकर बताया कि यह उनका आपसी मामला है और हम उसमें विवादों से बचना चाहते हैं तो वहीं आगामी 23 जून को पटना में प्रस्तावित विपक्षी एकता बैठक को लेकर बताया कि हो सकता है आने वाले दिनों में 23 साल एक साथ होकर एक प्रत्याशी के बदले 1 प्रत्याशी की बात पर सहमति बना सके। वही नेताजी सुभाष चंद्र मेमोरियल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की ओर से दिए गए बयान को लेकर बताया कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ना होकर वह एक बीजेपी के प्रतिनिधि बन चुके हैं।



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