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Varanasi News: ज्ञानवापी मामले में निगरानी रिवीजन याचिका पर सुनवाई अब 7 जुलाई को

Varanasi News: निगरानी याचिका अधिवक्ता हरिशंकर पाण्डेय ने दाखिल की है। ज्ञानवापी मामले में चल रहे प्रकरण को लेकर भड़काऊ बयान देने के आरोप में अखिलेश यादव एवं असीदुद्दीन ओवैसी उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी सहित अन्य 2000 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराने के संबंधित याचिका पर वाराणसी कोर्ट ने 15 नवंबर को केस सुनवाई योग्य माना था।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 17 Jun 2023 5:58 PM IST
Varanasi News: ज्ञानवापी मामले में निगरानी रिवीजन याचिका पर सुनवाई अब 7 जुलाई को
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Pic Credit - Newstrack

Varanasi News: ज्ञानवापी मामले में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग के पास गंदगी फैलाने, थूकने, बजू करने, बयानबाजी और नारेबाजी कर नफरत फैलाने के मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और सांसद असुद्दीन ओवैसी, अकबरुद्दीन ओवैसी, शहर काजी, मौलवी समेत सैकड़ों पर मुकदमा दर्ज करने को लेकर दाखिल निगरानी रिवीजन याचिका पर 17 जून को सुनवाई हुई। अपर जिला जज 9 विनोद कुमार सिंह वाराणसी की अदालत में मुकदमा चल रहा है। इस मामले में विपक्षियों को भेजी गई नोटिस के तामिला की रिपोर्ट नहीं आने पर सुनवाई 7 जुलाई तक टल गई है। यह निगरानी याचिका अधिवक्ता हरिशंकर पाण्डेय ने दाखिल की है। इस मामले में निगरानी याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुए बीते 5 मई को पक्षकारों को पक्ष रखने के लिए पुनः नोटिस जारी की गई थी, जिसके बाद दोबारा 27 मई को नोटिस जारी की गई। उसका तामिला रिपोर्ट अभी तक कोर्ट में नहीं आया है। उसके इंतजार में अगली तारीख 17 जून नियत कर दी गई थी।

आपकों बता दें कि ज्ञानवापी मामले में चल रहे प्रकरण को लेकर भड़काऊ बयान देने के आरोप में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एवं एआईआईएम के प्रमुख असीदुद्दीन ओवैसी उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी सहित अन्य 2000 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराने के संबंधित याचिका पर वाराणसी कोर्ट ने 15 नवंबर को केस सुनवाई योग्य माना था। ज्ञानवापी का मामला वर्तमान में अदालत में विचाराधीन है। लेकिन मई 2022 में वाराणसी सिविल जज के आदेश पर ज्ञानवापी में कोर्ट कमिशन की कार्यवाही चल रही थी। उस कार्यवाही के अंतिम दिन हिंदू पक्ष की ओर से शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था। इसी तथाकथित शिवलिंग पर असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव ने भड़काऊ बयान दिया था। उसी भड़काऊ बयान पर वाराणसी के सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने सीआरपीसी की 156/3 के तहत याचिका लगाकर कोर्ट से इन दोनों लोगों सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी। अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो तो वही भगवान और शिवलिंग हो जाते हैं। इसीलिए इन लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य है। जिसके बाद इस याचिका को खारिज कर दिया गया था। जिसके बाद रिवीजन याचिका दायर की गई थी।



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