Varanasi News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छात्रा का नक्सली कनेक्शन? NIA की छापेमारी में लगे महत्वपूर्ण सुराग

Varanasi News: एनआईए की टीम ने भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा के ऑफिस में लगभग 5 घंटे तक इंट्रोगेशन किया। एनआईए की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में इस बात का साफतौर पर जिक्र किया गया है कि BSM की सीमा आजाद, आकांक्षा आजाद का तार बिहार के माओवादी संगठन CPI से जुड़ा हुआ है।

Purushottam Singh Varanasi
Published on: 6 Sep 2023 3:32 PM GMT (Updated on: 6 Sep 2023 4:22 PM GMT)
Varanasi News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छात्रा का नक्सली कनेक्शन? NIA की छापेमारी में लगे महत्वपूर्ण सुराग
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(Pic: Social Media)

Varanasi News: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र संगठन भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा के कार्यालय पर कल देश की सबसे बड़ी इंटेलिजेंस एजेंसी NIA ने रेड किया था। यह रेड यूपी के 5 जिलों में एक साथ हुई। बनारस की बात करें तो एनआईए की टीम ने भगत सिंह स्टूडेंट मोर्चा के ऑफिस में लगभग 5 घंटे तक इंट्रोगेशन किया। एनआईए की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में इस बात का साफतौर पर जिक्र किया गया है कि BSM की सीमा आजाद, आकांक्षा आजाद का तार बिहार के माओवादी संगठन CPI से जुड़ा हुआ है।

पूछताछ के लिए किए गया तलब

एनआईए के प्रेस रिलीज के अनुसार बीएचयू की स्टूडेंट आकांक्षा आजाद के तार CPI माओइस्ट से जुड़ा हुआ है। आकांक्षा माओवादी विचारधारा और उसके एजेंडे के विस्तार कर रही है साथ ही यहां पर नया कैडर बनाने की भी जिम्मेदारी माओवादी संगठन द्वारा दिया गया है। आकांक्षा रिक्रूटर के तौर पर काम करती है। बीएचयू में नये वालेंटियर को तैयार करने की भी जिम्मेदारी आकांक्षा को मिली हुई है। महामनापुरी कॉलोनी में छापेमारी के दौरान एनआईए ने बैनर,पोस्टर,आकांक्षा आजाद का मोबाइल फोन, लैपटॉप को भी अपने कब्जे में लिया है। आकांक्षा आजाद को 12 तारीख को एनआईए की टीम ने लखनऊ तलब किया है।

स्टूडेंट विंग को प्रचार प्रसार की दी गई जिम्मेदारी

एनआईए जांच से संकेत मिलता है कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से कैडरों को प्रेरित करने और भर्ती करने सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार करने का काम सौंपा गया है। वे इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंक और हिंसा की साजिश रच रहे थे।

प्रमोद मिश्रा के लिए काम कर रही है आकांक्षा आजाद

जांच से यह भी पता चला कि प्रमोद मिश्रा आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में सीपीआई (माओवादी) के कैडरों और समर्थकों, ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यूएस) का नेतृत्व कर रहे थे। इससे पहले पिछले महीने बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था जिसकी पत्नी का नाम मामले से संबंधित एफआईआर में है। रोहित से पूछताछ के बाद पुलिस को सीपीआई (माओवादी) के सीसी सदस्य और एनआरबी (उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो) के प्रभारी प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी तक ले गई।

हथियारों का जखीरा हुआ था बरामद

इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने हथियार, गोला-बारूद और एक बंदूक फैक्ट्री जब्त की थी, जहां बिहार और यूपी में हथियारों के हिस्से बनाने और देशी हथियारों को इकट्ठा करने के लिए एक खरीद स्थापित किया गया था। एनआईए द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी मनीष आज़ाद और रितेश विद्यार्थी उनके सहयोगियों विश्वविजय, सीमा आज़ाद पत्नी विश्वविजय, अमिता शिरीन का नाम शामिल था।

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