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विकास दुबे की सच्चाई: पेशाब करता था मुंह पर, हैवानियत की थीं हदें पार

कानपुर वाला विकास दुबे जो अपनी हैवानियत लोगों पर कायम रखने के लिए इस हद तक उतारू था, कि इंसानियत शब्द का मतलब ही बिल्कुल भूल बैठा था।

Newstrack
Published on: 9 Aug 2020 1:49 PM GMT
विकास दुबे की सच्चाई: पेशाब करता था मुंह पर, हैवानियत की थीं हदें पार
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विकास दुबे की सच्चाई: पेशाब करता था मुंह पर, हैवानियत की थीं हदें पार

लखनऊ। कानपुर वाला विकास दुबे जो अपनी हैवानियत लोगों पर कायम रखने के लिए इस हद तक उतारू था, कि इंसानियत शब्द का मतलब ही बिल्कुल भूल बैठा था। अपने हिस्से की जमीन, खेतों पर कब्जा ऐसा ही तमाम कामों को लेकर गांववालोें ने जब भी उसके खिलाफ आवाज बुलंद की, तब-तब वो गांववालें गांव के बीचों-बीच तमाशबीन बने। माफिये उनको बुरी तरह पिटवाता और आवाज उठाने वाले के मुंह पर पेशाब करने जैसी घिनौनी हरकतें करता था।

विकास इंसान नहीं राक्षस

विकास की ऐसी क्रूरता और दरिंदगी से लोगों में खौफ का माहौल बना रहता था। विकास की इन्ही हरकतों का खुलासा करने के साथ ही उमाकांत ने बताया कि विकास इंसान नहीं राक्षस था। उसके लिए इंसान की जान की कीमत नहीं थी। मजबूरी में लोग उसका साथ देते थे।

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थाने में सरेंडर करने की योजना

उमाकांत ने बताया कि विकास के कहने पर उसने अपनी लाइसेंसी राइफल से पुलिस कर्मियों पर गालियां दागीं थीं। इस घटना के बाद विकास ने कहा था कि सब लोग अलग-अलग हो जाओ। इसलिए वह शहर दर शहर घूमता रहा। जब कोई रास्ता बचने का नहीं दिखा तो थाने में सरेंडर करने की योजना बनाई।

Vikas encounter

ऐसे में उमाकांत ने अपने एक करीबी के जरिये थाने में सरेंडर होने की योजना बनाई और हाजिर हो गया। पुलिस उसको गिरफ्तार करने में नाकाम रही।

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5 लोगों गिरफ्तार कर जेल भेजा

इस वारदात के तुरंत बाद पुलिस ने प्रेम प्रकाश और अतुल दुबे को मार गिराया था। इसके बाद जहान सिंह, श्यामू बाजपेई सहित 5 लोगों गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अन्य सभी गिरफ्तारियां एसटीएफ की टीम ने कीं। विकास दुबे समेत 3 को एसटीएफ ने ही मार गिराया था। एक को इटावा पुलिस ने ढेर किया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 3-4 दिन से उमाकांत बिकरू गांव व चौबेपुर के आसपास ही शरण लिए हुए था। पुलिस केवल उसके घर पर ही दबिश देती रही। इस दौरान उसके एक करीबी शायद ये वकील या कथित पत्रकार है। उसने थाने में सरेंडर करने की सलाह दी। पुलिस उमाकांत को शरण देने वालों को चिह्नित कर रही है।

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