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महिलाओं को गन्ना कैसे देगा आत्मनिर्भरता की मुस्कान, जानें यहां

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने खेती को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। एक ओर जहां किसानों को आर्थिक मदद मुहैया करायी जा रही है।

Roshni Khan
Published on: 15 Jun 2020 12:39 PM GMT
महिलाओं को गन्ना कैसे देगा आत्मनिर्भरता की मुस्कान, जानें यहां
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लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने खेती को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। एक ओर जहां किसानों को आर्थिक मदद मुहैया करायी जा रही है। वहीं दूसरी ओर आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर उन्हें पैदावार की बेहतर लागत के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सरकार की 'एक देश एक बाजार' की योजना से किसानों को निश्चित रुप से पैदावार की बेहतर कीमत पाने में मदद मिलेगी। सरकार का इस बात का प्रयास है कि किसान परम्परागत खेती के साथ ही नगद फसल भी बोये। गन्ना विकास विभाग अब ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली गरीब परिवार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजना को धरातल पर उतार रहा है।

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इस योजना के अंतर्गत महिलाओं के समूह गठित कर उन्हें एकल गन्ना बीज से नर्सरी तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिलाएं एकल गन्ना बीज से पौधे तैयार करेंगी। प्रति पौधा साढ़े तीन रुपये पारिश्रमिक विभाग की ओर से इन महिलाओं दिया जाएगा। बात अगर मुजफ्फरनगर के नगर पंचायत क्षेत्र पुरकाजी के उत्तम शुगर मिल की करें तो खाईखेड़ी परिसर में गोष्ठी का आयोजन कर बड़ चिप विधि से गन्ना नर्सरी तैयार करने की जानकारी गांव की महिलाओ गन्ना विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई।

ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक बीएम पाठक ने बताया

ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक बीएम पाठक ने बताया कि विभाग की ओर से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के गांवों में महिला स्वयं सहायता समूह गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। इनके माध्यम से महिलाएं बड़ चिप विधि से गन्ना नर्सरी तैयार कर किसानों को उनका वितरण करते हुए अच्छा आर्थिक लाभ कमा सकती हैं। विभाग द्वारा महिलाओं के प्रत्येक समूह को 350 पौधे भी दिए जाएंगे।

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गन्ना मिल अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि समूहों में शामिल महिलाओं को प्रशिक्षण देने का काम भी शुरू करा दिया गया है। इन महिला समूहों को गन्ना बीज विभाग की ओर से दिया जाएगा। महिलाओं को सिर्फ इतना करना होगा कि एक आंख के गन्ना टुकड़े करके उनकी नर्सरी तैयार करना है। इसके एवज में महिलाओं को साढ़े तीन रुपये प्रति पौधा के हिसाब से पारिश्रमिक मिलेगा। महिलाएं घर बैठे रोजगार पा सकेंगी। इससे किसानों को भी फायदा मिलेगा। उन्हें अपने खेत में ज्यादा मेहनत नहीं करनी होगी।

महिलाओं द्वारा तैयार नर्सरी से पौधे लेकर किसान अपने खेत में रोपाई कर देंगे। इससे फसल की पैदावार भी अच्छी होगी।नर्सरियों के माध्यम से महिला सहायता समूह द्वारा स्वयं भी सीधा किसानों में सीडलिंग का विक्रय कर लाभ अर्जित करना उद्देश्य है। इस सीडलिंग प्रक्रिया में गन्ना विभाग व चीनी मिलें पूर्ण सहायता करेंगी और पूरी कोशिश रहेगी की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए ताकि जो सपना प्रधानमंत्री ने देखा है उसे साकार किया जा सके।

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Roshni Khan

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