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Hardoi News: ‘लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती', जाने क्यों यह पंक्ति PCS परीक्षा उत्तीर्ण करे विशाल पर हो रही है लागू
Hardoi News विशाल बताते हैं पिताजी का संघर्ष और माता जी का त्याग उन्हें डीएसपी के मुकाम तक ले गया। पिताजी के संघर्ष को देखकर विशाल को काफी दुख होता था। विशाल ने मन ही मन में कुछ कर गुजरने की ठान रखी थी।
Hardoi News: डॉ हरिवंश राय 'बच्चन' की एक प्रसिद्ध पंक्ति है 'लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती', कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।' इन पंक्तियों को चरितार्थ कर दिया छोटे से शहर और मामूली परिवार के सदस्य विशाल गुप्ता ने। डीएसपी के रिजल्ट में विशाल को 49 वीं रैंक मिली है। विशाल के परिजनों में खुशी का माहौल है। देख कर ऐसा लगता था जैसे विशाल का यह मामूली घर खुशियों की बरसात से सराबोर हो गया हो। विशाल के इष्ट मित्र उसे मुबारकबाद देने के लिए उसके घर पहुंच रहे हैं।
युवाओं के लिए बना मिसाल
शाहाबाद नगर के मोहल्ला चैक निवासी किराना कारोबारी बृजेश गुप्ता के घर डीएसपी के नाम से खुशियों की बरसात पहुंची है । उनका बड़ा बेटा विशाल डीएसपी बनकर न केवल परिवार के लिए बल्कि दोस्तों और युवाओं के लिए एक नसीहत भी बन गया है। विशाल गुप्ता ने डीएसपी बनकर युवाओं को एक संदेश दे दिया कि अगर मन में लगन और संघर्ष करने की क्षमता है तो पैसा कोई मायने नहीं रखता। बृजेश गुप्ता और किरन गुप्ता की चार संतानों में विशाल गुप्ता सबसे बड़ा बेटा है। उसके बाद वैभव, शिवानी, ऐश्वर्या और यश हैं ।
हरदोई से लेकर दिल्ली तक की पढ़ाई
विशाल ने प्राथमिक शिक्षा गीता शिशु विद्या मंदिर चैक से हासिल की। उसके बाद कक्षा 6 से 12 तक आदर्श राष्ट्रीय इंटर कॉलेज गिगियानी में पढ़ाई करने के बाद जीएफ कॉलेज शाहजहांपुर चले गए। जहां से उन्होंने मास्टर डिग्री हासिल की। शाहजहांपुर से पढ़ाई पूरी करने के बाद विशाल सीधे दिल्ली पहुंचे । यहां आर्य समाज की महाशय धरमपाल आर्य प्रतिभा विकास संस्थान के नाम से संस्था चलती है। इस संस्थान में पहुंच कर विशाल को काफी सुविधाएं मिली। यह संस्था कोचिंग भी चलाती है और इस संस्था के पास आवासीय सुविधा भी है। दो वर्ष तक विशाल ने यही शिक्षा ग्रहण की और आर्य समाज की इसी संस्था की आवासीय सुविधा का लाभ लिया परंतु कोरोना काल में उन्हें दिल्ली छोड़नी पड़ी। और वह शाहाबाद आकर अपने घर में रहने लगे। यहीं पर उन्होंने अपना स्ट्रगल जारी रखा और तैयारी करते रहे ।
पिता को संघर्ष करता देख होता था कष्ट
विशाल बताते हैं पिताजी का संघर्ष और माता जी का त्याग उन्हें डीएसपी के मुकाम तक ले गया। अपने पिताजी के संघर्ष को देखकर विशाल को काफी दुख होता था। विशाल ने मन ही मन में कुछ कर गुजरने की ठान रखी थी। उसी का परिणाम है कि मेहनत करके विशाल डीएसपी जैसे प्रमुख ओहदे पर पहुंचा। शुक्रवार को आए रिजल्ट में विशाल गुप्ता की 49वीं रैंक आई है। विशाल की सफलता पर उसके घर में खुशियों की बरसात आ गई। इष्ट, मित्र और दोस्त, यार विशाल के घर पहुंच कर मुबारकबाद दे रहे हैं और बड़ी संख्या में उसके पास फोन के माध्यम से शुभकामनाएं पहुंच रही हैं। विशाल ने बताया पिता के कड़े संघर्ष और माता जी के त्याग ने उसे यहां तक पहुंचने के लिए बाध्य कर दिया। विशाल ने कहा आज की सफलता पर वह काफी प्रसन्न है।