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विश्व सिंधी समाज ने दी रामलला के सिंहासन और छतरी के लिए दो सौ चांदी की शिलाएं

रामलला के मंदिर की भव्यता हेतु मंदिर के सिंहासन, चौखट, छतरी आदि को चांदी से ही निर्मित कराने की भावना लेकर विश्व सिंधी सेवा संगम के 101सद्स्यों का दल 26 जनवरी को कारसेवक पुरम पहुंचा।

Roshni Khan
Published on: 27 Jan 2021 4:11 PM IST
विश्व सिंधी समाज ने दी रामलला के सिंहासन और छतरी के लिए दो सौ चांदी की शिलाएं
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विश्व सिंधी समाज ने दी रामलला के सिंहासन और छतरी के लिए दो सौ चांदी की शिलाएं (PC: social media)

लखनऊ: अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर की भव्यता के लिए चांदी की दो सौ शिला का दान किया गया है। इन शिलाओं से रामलला का सिंहासन, चौखट और छतरी आदि का निर्माण किया जाएगा। गणतंत्र दिवस के मौके पर विश्व सिंधी सेवा संगम की ओर से यह दान किया गया है।

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विश्व सिंधी सेवा संगम के 101सद्स्यों का दल 26 जनवरी को कारसेवक पुरम पहुंचा

रामलला के मंदिर की भव्यता हेतु मंदिर के सिंहासन, चौखट, छतरी आदि को चांदी से ही निर्मित कराने की भावना लेकर विश्व सिंधी सेवा संगम के 101सद्स्यों का दल 26 जनवरी को कारसेवक पुरम पहुंचा। आर एस एस चिंतक, विचारक इंद्रेश कुमार की प्रेरणा से आयोजित शिला सर्मपण कार्यक्रम में भारत के अनेक प्रांत व विश्व के विभिन्न देशों में रहने वाले सिंधी समाज की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। सिंधी समाज के योगदान को अयोध्या तक पहुंचाने के लिए समाज के लोग अयोध्या पहुंचे। इस दल का नेतृत्व कर रहे विश्व सिंधी सेवा संगम के अन्र्तराष्ट्रीय चेयरमैन डा.राजू मनवानी, अध्यक्ष भरत वटवानी, सुहिणा सिंधी पुणे के पीताम्बर ढलवानी पीटर के नेतृत्व मे 200 चांदी की शिलाओं का सर्मपण किया।

हिन्दुत्व का उदय होते ही यह धुंध अब छंट गयी है

मंदिर निर्माण का पुण्य तीर्थ कारसेवक पुरम मे रामधुन से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ,आये दल को संबोधित करते अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री मा. चंपतरायबंसल ने कहा कि 492 वर्षों का संघर्ष,70वर्षों तक अदालत मे जूझना,37 वर्षों तक राम लला टेंट मे सिर्फ इसलिए रहे कि छत्रपति शिवाजी ,महाराणा प्रताप,सिंध के राजा दाहरसेन के यहां भी जयचंद रहे वरना किसी विदेशी हमलावर की क्या बिसात है। उन्होंने कहा हिन्दुत्व का उदय होते ही यह धुंध अब छंट गयी है, आपके शिला सर्मपण को स्वीकार कर रामलला को सौंपता हूँ।

विश्व सिंधी सेवा संगम के स्थानीय प्रतिनिधि विश्व प्रकाश" रूपन" टेकचंदानी" ने बताया कि शिला समर्पण स्वीकार करने के तुरंत बाद प्रतीक स्वरूप पूजन हेतु मि.चंपतजी के मार्गदर्शन में 5चांदी की शिलायें अति विशिष्ट मार्ग से रामलला के चरणों में पहुचाई गई।

अवसर पर में रहे ये लोग मुझ

इस अवसर पर रामलला की आरती कर विश्व शांति की कामना करने वालों में डा.राजू मनवानी, भरत वटवानी,पीताम्बर ढलवानी "पीटर" पू.विधायक गुरमुख जगवानी, पू.विधायक विजय जाली, पू.निगमपार्षद चंदीराम चावला, पत्रकार अंजलि तुलस्यानी,संपादक कमल खत्री,नरेश जोतवानी,भारती छाबड़िया,मोहन आहूजा, सुरेंद्र साजन,लखमीचंद, राजकुमार सिंधीनेपाल, लता टहिल्यानी दुबई मोहन सोनी अमेरिका सहित संतपरियल दास दिल्ली, संत राजेश मोडिया अमरावती,संत मोहन लाल लखनऊ,संत नितिन राम,संत महेश लाल,संतशिवराय,संत सुरेंद्र लाल अयोध्या व कार्यक्रम व्यवस्थापक अयोध्या विश्व प्रकाश रूपन आदि प्रबुद्ध गण रहे।

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डा.मनवानी ने ट्रस्ट महामंत्री चंपत से आग्रह पूर्वक मंदिर को पूरा वातानुकूलित अथवा पूर्ण भव्यता कराने हेतु संपूर्ण सिंधी समाज की ओर से स्वयं को तत्पर बताया, श्री रूपन ने अयोध्या पधारे सिंधी बंधुओं सुंदर भ्रमण कराने पर संतोष सेहता, स्वागत हेतु मुखी हरीश मंध्यान,दीपक सावलानी, पवन वानी, मोहनमंधाण, रामकुमार मोटवानी का आभार व्यक्त किया।

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

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