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कानपुर और उन्नाव में 'तिवारी' और 'पाण्डेय' के बीच जोरदार टक्कर

इन दिनों ब्यूरोक्रेसी में कानपुर और उसके पड़ोस के जिले उन्नाव में हाल ही में तैनात हुए अधिकारियों को लेकर बेहद दिलचस्प चर्चा हो रही है। चर्चा उनके कामकाज को लेकर नहीं बल्कि इस बात पर हो रही है 'तिवारी' पर 'पाण्डेय' भारी है कि 'पाण्डेय' पर 'तिवारी' भारी है।

Dharmendra kumar
Published on: 4 Jan 2020 10:18 PM IST
कानपुर और उन्नाव में तिवारी और पाण्डेय के बीच जोरदार टक्कर
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लखनऊ: इन दिनों ब्यूरोक्रेसी में कानपुर और उसके पड़ोस के जिले उन्नाव में हाल ही में तैनात हुए अधिकारियों को लेकर बेहद दिलचस्प चर्चा हो रही है। चर्चा उनके कामकाज को लेकर नहीं बल्कि इस बात पर हो रही है 'तिवारी' पर 'पाण्डेय' भारी है कि 'पाण्डेय' पर 'तिवारी' भारी है।

दरअसल इसके पीछे कहानी कुछ और है। इधर तीन चार महीनों में इन दोनों जिलों में जिस तरह से अधिकारियों की तैनाती की गयी। उनमें कानपुर में सारे प्रमुख अधिकारी तिवारी हैं और उन्नाव में भी यही हाल है। यहां पर भी सारे प्रमुख अधिकारी पाण्डेय हैं।

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इसे संयोग ही कहा जाएगा कि हाल ही में जिलाधिकारी के पद पर तैनात किए गए आईएएस अधिकारी ब्रम्हदेव तिवारी जब कानपुर चार्ज लेने पहुंचे तो वहा पहले से ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव तिवारी पिछले डेढ़ साल से कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभा रहे थें। इसके अलावा कुछ ही दिन पहले से नगर आयुक्त के पद अक्षय तिवारी कार्यरत हैं। जबकि जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर सतीश तिवारी तथा बीएसए के पद पर प्रवीण मणि त्रिपाठी तैनात हैं।

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कुछ ऐसा ही हाल है कानपुर से 20 किलोमीटर दूर बसे उन्नाव जिले का है। यह दोनों ही जिले ब्राम्हण बाहुल्य जिले कहलाते हैं। यहां पर भी जिलाधिकारी देवेन्द्र पाण्डेय पिछले दो साल से तैनात जिले की जिम्मेदारी निभा रहे हैं जबकि सहायक पुलिस अधीक्षक के पद पर वीके पाण्डेय की तैनाती भी अपने आप में एक संयोग है। मामला यहीं तक सीमित नहीं है।

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कानपुर की तरह ही यहां पर भी जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर राकेश कुमार पाण्डेय की तैनाती किसी संयोग से कम नहीं है। जबकि बीएसए के पद पर प्रदीप कुमार पाण्डेय की तैनाती कानपुर में तिवारी अधिकारियों से आगे निकलने की होड में कुछ कम नहीं है।



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Dharmendra kumar

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