×

नई शिक्षा नीति पर आयोजित हुआ वेबिनार, जानकारों ने रखी अपनी राय

प्राचीन काल में गुरुकुल शिक्षा कि धारणा थी। इसमें गुरु श्रेष्ठ माना जाता था, जो विकसित देश है वह अपने गुरु के सम्मान के चलते ही आगे बढ़े हैं।

Newstrack
Published on: 11 Sept 2020 5:14 PM IST
नई शिक्षा नीति पर आयोजित हुआ वेबिनार, जानकारों ने रखी अपनी राय
X
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से आज शुक्रवार को नई शिक्षा नीति 2020 : चुनौतियां एवं अवसर विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

जौनपुर: वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से आज शुक्रवार को नई शिक्षा नीति 2020 : चुनौतियां एवं अवसर विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, बीज वक्ता एवं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो डॉ. राजाराम यादव ने कहा कि प्राचीन काल में गुरुकुल शिक्षा कि धारणा थी। इसमें गुरु श्रेष्ठ माना जाता था, जो विकसित देश है वह अपने गुरु के सम्मान के चलते ही आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को स्वायत्तता दिए बगैर रोजगार के अवसर सृजित नहीं किए जा सकते। हमारा देश गांवों का देश है हमारी आवश्यकता अन्य देशों से अलग है। इस शिक्षा नीति में इस बात का ध्यान रखा गया है जो कि विद्यार्थियों को देश के अनुरुप तैयार कर सकेगी।

शिक्षा विद्या का एक अंग

वेबिनार की मुख्य संरक्षक एवं पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। पहले शिक्षा की जगह विद्या शब्द का प्रयोग होता था। शिक्षा विद्या का ही एक अंग है। विद्या मनुष्य में संस्कार और विनम्रता पैदा करती है। नयी शिक्षा नीति 2020 में विद्या की विशेषता को शामिल किया गया है। शिक्षा सहज सरल और सस्ती हो यह चुनौती है। शिक्षा बीच में छोड़ने पर‌ विद्यार्थी को सर्टिफिकेट मिलेगा, जो उनके लिए अवसर प्रदान करेगी। विशिष्ट अतिथि के रूप में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया की कुलपति प्रोफेसर कल्पलता पान्डेय ने कहा कि धर्म के अनुरूप आचरण ही शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है।

ये भी पढ़ें- UPPCS-2018 Result: चमकी युवाओं की जिंदगी: घोषित हुआ PCS-2018 रिजल्ट

Webinar नई शिक्षा नीति 2020 पर वेबिनार आयोजित (फाइल फोटो)

उन्होंने धर्म को विस्तार से परिभाषित किया। उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझाते हुए कहा कि इसका मतलब विद्यार्थी में सामर्थ्य पैदा करना होता है। नई शिक्षा नीति में विद्यार्थी को जिज्ञासु, सृजनशील, संवेदना और सामर्थ्यवान बनाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के पश्चिमीकरण पर गोखले से लेकर गांधीजी ने चिंता जताई थी। नई शिक्षा नीति में राष्ट्रीय चरित्र निर्माण, अपनी भाषा और भारतीयता का बोध है जो देश को विश्वगुरु बनाने में सहायक होगी। इसलिए इस शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में विद्यार्थी के अनुरूप उसकी शिक्षा और खासतौर से देशज की बात की गई है। उन्होंने कहा कि योग्य शिक्षकों का होना भी एक चुनौती है।

वेबिनार में ये लोग हुए शामिल

Webinar नई शिक्षा नीति 2020 पर वेबिनार आयोजित (फाइल फोटो)

वेबिनार के अध्यक्ष प्रोफेसर बीबी तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। कार्यक्रम का संचालन सहअध्यक्ष प्रो. अजय द्विवेदी ने किया। अतिथियों का परिचय डॉ. राज कुमार, नीतेश जायसवाल, रामनरेश यादव ने कराया। अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुनील कुमार ने किया।

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में एनआरसी ने 32 बच्चों को कुपोषण से उबारा, दी नई जिंदगी

इस अवसर पर जननायक वि वि . बलिया से प्रो निशा राघव , पू वि वि से प्रो अशोक कुमार श्रीवास्तव. देवराज , अविनाश पाथीडकर, प्रो. बीडी शर्मा, प्रो. देवराज सिंह, डा. संदीप सिंह, डा. प्रमोद यादव, डा. मनीष गुप्ता, डा. जान्हवी श्रीवास्तव, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. अजीत सिंह, कृष्ण कुमार, सुश्री त्यागी, डा. आलोक दास समेत विश्वविद्यालय के संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं कई शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।

रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य

Newstrack

Newstrack

Next Story