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CM योगी के अस्पताल दौरे में आखिर डॉक्टर क्यों हुए गैर हाजिर, जानें वजह
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बीती 27 मई को मुख्यमंत्री के दौरे के समय अनुपस्थित चिकित्सकों के मामले में चल रही जांच गुरुवार को पूरी हो जायेगी और इसे शासन को भेज दिया जायेगा।
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बीती 27 मई को मुख्यमंत्री के दौरे के समय अनुपस्थित चिकित्सकों के मामले में चल रही जांच गुरुवार को पूरी हो जायेगी और इसे शासन को भेज दिया जायेगा। लोहिया संस्थान के निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी ने बताया कि मुख्यमंत्री के दौरे के समय चार चिकित्सक अनुपस्थित बताये गए थे लेकिन इनमें से तीन चिकित्सकों ने बताया है कि उस समय वह संस्थान में उपस्थित थे और ड्यूटी कर रहे थे। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि उक्त तीनों चिकित्सकों ने अपनी उपस्थिति का प्रमाण भी दिया है।
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अध्यक्ष पद का चल रहा था विवाद
प्राप्त जानकारी के मुताबिक संस्थान के आब्स एंड गाइनी में काफी समय से सीनियर व जूनियर सदस्यों में लंबे समय से विभागों के अध्यक्ष बनाये जाने को लेकर विवाद चल रहा था। दरअसल संस्थान के कुछ विभागों में वरिष्ठों को नजरअंदाज कर कनिष्ठ को विभाग की कमान सौंप दी गई थी। इधर, जूनियर संकाय के सदस्यों ने एक वरिष्ठ सदस्य को इस साजिश के लिए जिम्मेदार बताया है। जूनियर सदस्यों का कहना है कि मुख्यमंत्री के निरीक्षण के समय जो चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं उपस्थित थे उनकी सूचना छुपा ली गई और जो ड्यूटी पर उपस्थित थे, उनके नाम दे दिए गए।
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चार कनिष्ठ चिकित्सकों का नाम थमा दिया
बता दें कि बीती 27 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औचक निरीक्षण पर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचे थे और इसके अगले दिन ही प्रमुख सचिव स्वास्थ्य रजनीश दुबे ने भी संस्थान का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान संस्थान में कई खामियों पर शासन ने निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी से रिपोर्ट तलब की। इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के दौरे के समय अनुपस्थित डॉक्टरों के बाबत भी पूछा गया। बताया जा रहा है कि संस्थान के वरिष्ठ चिकित्सक ने चार कनिष्ठ चिकित्सकों के नाम अनुपस्थित चिकित्सकों के तौर पर बता दिए। इसमें दो एसोसिएट प्रोफेसर व दो असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल थे। निदेशक ने यही रिपोर्ट शासन को भेज दी। जिस पर शासन ने इन चारों चिकित्सकों को नोटिस भेज दी।
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ऐसा मामला था
शासन की नोटिस मिलने पर उक्त कनिष्ठ चिकित्सक घबरा गए और उन्होंने निदेशक से मिल कर उन्हें बताया कि मुख्यमंत्री के दौरे के समय वह ड्यूटी पर थे। इनमें से एक चिकित्सक वेंटिलेटर पर, एक लेक्चर में तथा तीसरी टेलीमेडिसिन में ड्यूटी कर रही थी। जबकि चौथी चिकित्सक की ड्यूटी उस शिफ्ट में थी ही नहीं, जिस समय मुख्यमंत्री का दौरा हुआ। इन कनिष्ठ चिकित्सकों ने ड्यूटी पर उपस्थित रहने के सबूत भी निदेशक को सौंपे। इसके बाद ही निदेशक ने इस पूरे मामले की जांच कराने का फैसला लिया।
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